नई दिल्ली:-कोर्ट ने CBI को डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की 4 मार्च तक की रिमांड दे दी है। दिल्ली शराब नीति केस में जांच एजेंसी ने सिसोदिया की 5 दिन की कस्टडी मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया। इससे पहले, सिसोदिया को सोमवार दोपहर 3:10 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। करीब 30 मिनट की सुनवाई के बाद CBI की रिमांड की मांग पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
CBI ने रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने कहा था कि सिसोदिया सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे हैं। इसलिए उनकी रिमांड जरूरी है।
कोर्ट रूम LIVE…
CBI: वकील ने कोर्ट में कहा, “यह पूरा केस प्रॉफिट का है। इसी पर हमारी आगे की इन्वेस्टिगेशन होनी है। सिसोदिया एक्साइज मिनिस्टर हैं और वो मंत्रियों के एक ग्रुप को लीड कर रहे थे। शराब नीति के मॉडल को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई।”
सिसोदिया: वकील दयान कृष्णन ने कहा, “LG ने मई 2021 में पॉलिसी को हरी झंडी दी थी। प्रॉफिट मार्जिन के बारे में सारी बहस हो रही है, उसकी मंजूरी LG ने ही दी थी। उन्होंने ही बदलावों की भी रजामंदी दी थी। पहले ही दिन CBI ने फोन के बारे में बात की थी। कहा कि सिसोदिया ने 4 फोन इस्तेमाल किए, 3 को नष्ट कर दिया। क्या सिसोदिया अपना फोन सेकेंड हैंड शॉप पर नहीं दे सकते हैं। वो क्या अपने फोन रखे रहते, क्या उन्हें पता था कि CBI आएगी और उन्हें गिरफ्तार करेगी इसलिए वो फोन रखे रहते?”
सिसोदिया: दयान कृष्णन ने कहा, “CBI कह रही है कि जिस तरह वो चाहती है, सिसोदिया उस तरह जवाब नहीं दे रहे हैं। जहां तक जांच में सहयोग की बात है तो सिसोदिया ने सहयोग किया है। उनके घर पर छापा मारा गया। उनके फोन एजेंसी के पास हैं। अब एजेंसी कह रही है कि सिसोदिया गोलमोल जवाब दे रहे हैं। उनके पास यह अधिकार है। एक व्यक्ति के संवैधानिक अधिकार होते हैं।”CBI ने कोर्ट में सबूतों से छेड़छाड़ और फाइल डिलीट की बात नहीं की
AAP नेता और वकील भूपिंदर सिंह जून ने कहा- CBI ने कोर्ट में सिसोदिया के खिलाफ आज एक भी ग्राउंड नहीं बताया। जैसा रूमर है कि फाइल डिलीट की गई है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई, ऐसी कोई बात CBI ने कोर्ट में नहीं कही। उन्होनें जो रिमांड की अर्जी दी, उसमें बिल्कुल खामोश रहे।
दिल्ली और देश में AAP का प्रदर्शन
सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली समेत देश के कई शहरों में प्रदर्शन कर रही है। नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
केस से जुड़े अपडेट्स…
- दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। सुरक्षा बलों से उनकी झड़प भी हुई। महिला कार्यकर्ताओं और महिला पुलिस बल के बीच हाथापाई भी हुई।
- पुलिस ने AAP कार्यकर्ताओं को हटने की चेतावनी दी। कई नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया। पुलिस AAP के दफ्तर में भी दाखिल हुई।
- आम आदमी पार्टी पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है। पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। कई जगहों पर कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए हैं।
आज के बयान
1. केजरीवाल बोले- कई CBI अफसर गिरफ्तारी के खिलाफ थे
दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल बोले, “सिसोदिया के खिलाफ CBI के पास सबूत नहीं थे। कई अफसर उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ थे। सिसोदिया को राजनीतिक दबाव में गिरफ्तार किया गया है।”
2. राउत बोले- क्या भाजपा में सारे संत हैं?
शिवसेना लीडर संजय राउत ने कहा, “सिसोदिया पर हुई कार्रवाई बताती है कि केंद्र सरकार विपक्ष का मुंह बंद कराना चाहती है। हम सिसोदियाजी के साथ हैं। महाराष्ट्र हो, झारखंड हो, दिल्ली हो, केंद्र सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को जेल भेज रही है या उन्हें समर्पण पर मजबूर कर रही है। चाहे वो सिसोदिया हों, नवाब मलिक हों, अनिल देशमुख हों या फिर मैं। क्या भाजपा में सारे संत हैं?”
3. केंद्रीय मंत्री बोलीं- अपने पाप छिपाने के लिए भगत सिंह का नाम इस्तेमाल ना करो
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “अपने पाप छिपाने के लिए भगत सिंह का नाम इस्तेमाल ना करें। इन्होंने भले ही ईमानदारी के नाम पर सरकार बना ली, लेकिन ये लोग सबसे ज्यादा बेईमान साबित हो चुके हैं। इस सरकार के चलते ही दिल्ली के बच्चे परेशान हो रहे हैं।”
डिजिटल डिवाइस, लिकर पॉलिसी ड्राफ्ट रिपोर्ट और अफसर का बयान, इसी ने सिसोदिया को गिरफ्तारी तक पहुंचाया…
रिपोर्ट्स में CBI सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पिछले साल 19 अगस्त को CBI ने दिल्ली एक्साइज डिपार्टमेंट की छानबीन की। वहां से एक डिजिटल डिवाइस सीज की गई। इस डिवाइस से CBI को पता चला कि लिकर पॉलिसी का एक दस्तावेज एक ऐसे सिस्टम को भेजा गया था, जो एक्साइज डिपार्टमेंट के नेटवर्क में था ही नहीं।
इसके बाद CBI ने एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारी को पूछताछ के लिए बुलाया। उस अफसर ने एक सिस्टम की जानकारी दी, जिसे एजेंसी ने इस साल 14 जनवरी को सिसोदिया के दफ्तर से जब्त किया। इस सिस्टम की ज्यादातर फाइल्स डिलीट कर दी गई थीं, लेकिन अपनी फोरेंसिक टीम की मदद से CBI ने ये डेटा हासिल कर लिया। फोरेंसिक जांच में पता चला की दस्तावेज बाहर से बना और वॉट्सऐप पर रिसीव किया गया।
ये जानकारियां हाथ लगने के बाद CBI ने 1996 बैच के ब्यूरोक्रेट को जांच के लिए बुलाया। ये ब्यूरोक्रेट सिसोदिया के सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके थे। सूत्रों के मुताबिक, अफसर ने CBI को बताया कि मार्च 2021 में सिसोदिया ने उन्हें केजरीवाल के दफ्तर में बुलाया था। वहां पर अफसर को शराब नीति ड्राफ्ट पर मंत्रियों की रिपोर्ट दी गई। इस दौरान सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।
अफसर ने बताया कि इस ड्राफ्ट रिपोर्ट से ही 12% प्रॉफिट मॉर्जिन का नियम आया। इस नियम के लिए कोई चर्चा हुई हो, या इससे जुड़ी कोई फाइल हो, उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। रविवार को CBI इस ड्राफ्ट रिपोर्ट के बारे में सिसोदिया से सवाल किए पर सिसोदिया ने जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। अफसर का ये बयान फरवरी की शुरुआत में मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया गया था।
सिसोदिया से 8 घंटे की पूछताछ, करीबी दिनेश अरोड़ा का बड़ा रोल..4 अहम पॉइंट
1. मीडिया रिपोर्ट्स में CBI सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जब लिकर पॉलिसी के जरिए कारोबारियों को फायदा पहुंचाया जा रहा था, उस दौरान सिसोदिया ने एक दिन में 3 फोन बदले थे। CBI ने गिरफ्तारी के बाद कहा कि सिसोदिया से जो सवाल किए गए, उनका जवाब संतोषजनक नहीं था। गिरफ्तारी शराब नीति में गड़बड़ियों और इसके जरिए निजी लाभ पहुंचाने के मामले में हुई है।
2. CBI ने कहा कि सिसोदिया ने कई अहम सवालों के जवाब टाल दिए। हमने उनके सामने सबूत भी पेश किए, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया। एजेंसी ने कहा कि उनसे गहराई से पूछताछ के लिए उन्हें कस्टडी में रखना जरूरी है।
3. CBI ने बताया कि सिसोदिया से 8 घंटे तक पूछताछ की गई। सिसोदिया से शराब नीति, दिनेश अरोड़ा से सिसोदिया के कनेक्शन के बारे में सवाल किए गए। सिसोदिया ने कई फोन कॉल्स भी किए हैं। कई फोन सेट भी नष्ट किए। उनकी डिटेल्स के आधार पर सिसोदिया से सवाल पूछे गए।
4. दिनेश अरोड़ा दिल्ली के कारोबारी हैं। उनका रेस्टोरेंट है। इसी मामले में ED ने भी जांच की है। उसमें दिनेश अरोड़ा को सिसोदिया का करीबी बताया है। एजेंसी ने कहा कि अरोड़ा से आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने चुनावी फंडिंग के संबंध में बात की थी। इसके बाद अरोड़ा ने कई कारोबारियों से फंडिंग में सहयोग मांगा और विधानसभा चुनावों के लिए सिसोदिया को 82 लाख रुपए दिए। शराब नीति केस की जांच शुरू होने के बाद अरोड़ा सरकारी गवाह बन गए। उन्होंने ही सिसोदिया और कई बड़े AAP नेताओं का नाम लिया था।
170 मोबाइल नष्ट किए, इसलिए मनीष सिसोदिया गिरफ्तार…पढ़िए भास्कर एक्सप्लेनर
WHAT NEXT: केजरीवाल सरकार के लिए वित्त मंत्रालय चुनौती, बजट पेश होना है
दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से वित्त, शिक्षा और गृह सहित 18 सिसोदिया संभाले रहे थे। ऐसे में केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्त मंत्रालय की है, क्योंकि जल्द ही बजट पेश होना है। सिसोदिया दिल्ली के दूसरे मंत्री हैं जो गिरफ्तार हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन जून 2022 से जेल में हैं और अभी बिना विभाग के मंत्री हैं। मामले में अब तक आप प्रवक्ता विजय नायर समेत कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
LG ने की थी जांच की सिफारिश
जुलाई 2022 में दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की थी। सक्सेना ने सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद ED और CBI ने सिसोदिया के खिलाफ जांच शुरू की। इस मामले में भाजपा ने नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए हैं।
CBI पूछताछ से पहले रोड शो निकाला
समझिए शराब नीति केस…
1. केजरीवाल सरकार ने नवंबर 2021 में लागू की नई शराब नीति
मई 2020 में दिल्ली सरकार विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, जिसे नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया। सरकार ने नई शराब नीति को लागू करने के पीछे 4 प्रमुख तर्क दिए थे…
- दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी को समाप्त करना।
- दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाना।
- शराब खरीदने वाले लोगों की शिकायत दूर करना।
- हर वार्ड में शराब की दुकानों का समान वितरण होगा।
शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप
नई शराब नीति को लेकर 22 जुलाई 2022 को दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI जांच की मांग की। सक्सेना ने केजरीवाल सरकार के मंत्री सिसोदिया पर नियमों को नजरअंदाज कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। वहीं BJP ने केजरीवाल सरकार पर नए टेंडर के बाद गलत तरीके से शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ माफ करने के आरोप लगाए हैं।