जयपुर:-पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहुंचकर प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, कर्नाटक में कांग्रेस का चुनाव प्रचार देखने वाले मोहन प्रकाश, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही सह प्रभारी अमृता धवन और वीरेंद्र सिंह के साथ मुलाकात करने की बात सामने आ रही है। सचिन पायलट सुबह 11:00 बजे पीसीसी कार्यालय पहुंचकर इन नेताओं से आने वाली राजनीति के बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं।
यह बात सही है शुक्रवार से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है और उनकी मांगों पर कार्रवाई के लिए सरकार नए विधेयक लाने की घोषणा कर चुकी है। ऐसा भी माना जा रहा है कि कांग्रेस की विधायक दल की बैठक 14 या 15 जुलाई को बुलाई जा सकती है इस बैठक में सचिन पायलट भाग लेंगे और सीएम गहलोत के साथ पार्टी की रीति नीति बनाने में जुट जाएंगे। जिससे संदेश जाए कि अब दोनों के बीच जो विवाद चल रहा था वह समाप्त हो गया है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि प्रभारी रंधावा सचिन पायलट को सीएम गहलोत से मिलाने के लिए उनके निवास पर ले जा सकते हैं। अभी कार्यक्रम सामने नहीं आया है लेकिन यह बात सही है कि जिस प्रकार से मुलाकातों का दौर गुरुवार को शुरू हुआ है उससे यह अब लगने लगा है कि कांग्रेस में जिस प्रकार का विवाद चल रहा था वह समाप्त होने की ओर है। अभी तक केंद्रीय नेतृत्व ने सचिन पायलट के भविष्य के बारे में कोई फैसला नहीं किया है। लेकिन जिस प्रकार से सचिन पायलट ने जयपुर में शहीद स्मारक पर हुए मौन सत्याग्रह के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने स्पष्ट किया था कि उनकी मांगों पर सहमति बनी है और सरकार कार्रवाई कर रही है। उसी के बाद कांग्रेस में सक्रियता का माहौल देखने को मिला है ।
केंद्रीय नेतृत्व ने सचिन पायलट को इस बात के लिए राजी कर लिया है कि वे राष्ट्रीय महासचिव, सीडब्ल्यूसी सदस्य, चुनाव संचालन समिति के साथ ही टिकट में बराबर की हिस्सेदारी दे दी जाएगी। इसकी घोषणा भी शीघ्र होने वाली है। आने वाले समय में कांग्रेस में सचिन पायलट और सीएम गहलोत दोनों मिलकर चुनाव प्रचार में भी जा सकते हैं।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में जयपुर में आयोजित होने वाले कांग्रेस के प्रांतीय सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को बुलाए जाने की रणनीति पर फैसला किया जा चुका है । अब प्रभारी रंधावा की भूमिका प्रभावशाली कैसे बने। इस पर केंद्रीय नेतृत्व काम कर रहा है उन्हें पार्टी के पदाधिकारी बनाए जाने की जिम्मेदारी सौंपी थी वह भी सीएम गहलोत, सचिन पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और डॉ. सीपी जोशी सभी नेताओं की आपसी सहमति से लगभग पूरी हो चुकी है। पदाधिकारियों की घोषणा कर दी गई है केवल अजमेर और बीकानेर में जिलाध्यक्ष की नियुक्तियों को लेकर विवाद है उसे भी शीघ्र सुलझाए जाने की बात सामने आ रही है।
14 जुलाई से शुरू होने वाला विधानसभा का सत्र भी यह तय करेगा कि आने वाले समय में कांग्रेस के नेताओं की आपसी समन्वय की स्थिति कैसी बनेगी और किस प्रकार से चुनावी वातावरण राजस्थान में कायम हो सकेगा। लेकिन सचिन पायलट का पीसीसी पहुंचना निश्चित तौर पर कांग्रेस नेताओं और पार्टी के लिए एक अच्छा संदेश माना जा रहा है।