दूसरा विश्व युद्ध लड़ा फिर भारतीय सेना में निभाया कर्तव्य सर्वाधिक उम्रदराज सेवानिवृत्त फौजी बोयतराम डूडी भोड़की का निधन

Jaipur Rajasthan

ये दिया संदेश – फौज में रहते देश की रक्षा करनी है। सब लोग मिलजुल कर देश को आगे बढ़ाएं। किसी से दुश्मनी नहीं रखें, शराब व अन्य बुरी आदतों से खुद को बचाएं।

ब्रिटिश आर्मी की तरफ से लीबिया और अफ्रीका में लड़ा था दूसरा विश्व युद्ध

डूडी को बेटों ने दी मुखाग्नि- अंतिम संस्कार में गणमान्य लोग शामिल

झूंझुनूं :-दूसरा विश्वयुद्ध लड़ चुके और फिर भारतीय सेना में सेवा करने वाले जिले के भोड़की निवासी सेवानिवृत्त फौजी बोयतराम डूडी का 100 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। अंतिम संस्कार में गणमान्य लोग- रिश्तेदार शामिल हुए। उनके बेटे भरता राम व मुकन्दा राम व भाई के बेटों ने मुखाग्नि दी। उनके 4 पोते धर्मवीर, सत्य प्रकाश, मुकेश व सुरजीत है और दो पड़ पोते है। 21जुलाई 1923 को जन्मे बोयतराम डूडी जिले के सबसे अधिक उम्र दराज फौजी थे। 1942 में जब वे 19वर्ष के हुए तब बिर्टिश फ़ौज में भर्ती हो गए थे। ब्रिटिश राज की तत्कालीन भारतीय आर्मी ज्वॉइन की। उनके पोते मुकेश कुमार ने बताया उस समय नीमकाथाना में भर्ती हुई थी, जहां वे गांव से पैदल ही वहां पहुंचे थे। बोयत राम को भी अन्य सैनिकों के साथ लीविया और अफ्रीका में छह मोर्चों पर जंग के लिए भेजा गया। इस युद्ध में बटालियन के 80 फीसदी सैनिक शहीद हो गए थे।
सेना की राजरिफ में पोस्टिंग मिली
30 जनवरी 2023 को अंतिम सांस लेने वाले बोयत राम को ब्रिटिश फ़ौज में राजरिफ में पोस्टिंग मिली थी। सन 1957 में वे रिटायर्ड हो गए। वे करीब 65 साल से पेंसन ले रहे थे। उस समय उनकी पेंसन 16 रुपये से शुरू हुई जो करीब अब 35460 तक पहुंच गई।

उनकी कही अंतिम बार की बातें
कुछ माह पहले 99 वर्ष पूर्ण होने पर उनसे बातचीत हुई थी। जिसमे उन्होंने बताया कि 1945 के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध हुआ तो लार्ड माउंटबेटन ने कहा था कि यदि जंग जीत जाएंगे तो इंडिया को आजाद कर देंगे। हमें सैनिकों के साथ लीविया और अफ्रीका में छह मोर्चों पर जंग के लिए भेजा गया। इस युद्ध में बटालियन के 80 फीसदी सैनिक शहीद हो गए थे। द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद भारत लौटे तो हमारी मुलाकात रोहतक में महात्मा गांधी से हुई थी। अंग्रेजों की तानाशाही का जिक्र करते हुए डूडी ने बताया कि एक बार लोगों ने पोस्ट ऑफिस जला दिया तो अंग्रेजों आदेश दिए थे, लेकिन भारतीय सेना ने मना कर दिया था। डूडी ने बताया कि हिंदुस्तान की फौज सबसे मजबूत है। चीन और पाकिस्तान के सैनिक भारतीयों का मुकाबला नहीं कर सकते।

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