जयपुर:-सलमान खान को धमकी देने वाले गैंगस्टर विक्रम बराड़ को NIA ने बुधवार को UAE से गिरफ्तार कर लिया है। बराड़ पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में भी शामिल था और तभी से फरार था।
बराड़ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा कस्बे के पास डिंगा गांव का रहने वाला है। वह हत्या और वसूली सहित 11 मामलों में वांटेड है। NIA के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला के मर्डर में विक्रम बराड़ की सक्रिय भूमिका थी। लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार हवाला के जरिए बराड़ को उगाही की रकम भी भेजी थी।
सलमान को धमकी देने के मामले में भी लॉरेंस के खास विक्रम बराड़ का नाम आया था। बताया जा रहा था कि विक्रम बराड़ दुबई में बैठकर गैंगस्टर लॉरेंस की गैंग चला रहा था। अब उसे अरेस्ट करके भारत लाया जा रहा है। NIA ने बराड़ को आतंकी माना है और उसके खिलाफ UAPA के तहत आतंकी धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।
NIA के मुताबिक बराड़ राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का भी करीबी रह चुका है। हनुमानगढ़ SP अजय सिंह ने बताया कि बराड़ का एक्टिव एरिया चंडीगढ़ और उसके आसपास का है। देशभर में उस पर केस दर्ज हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसे ढूंढ रही है।
वहीं हनुमानगढ़ कस्बे के पीलीबंगा थाने में उस पर केस दर्ज है। आरोप है कि उसने पिछले साल एक आढ़त व्यापारी पुरुषोत्तम अग्रवाल को वॉट्सऐप कॉल करके 30 लाख रुपए मांगे थे। न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में लोकल पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही है।
लॉरेंस के कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम की तरह काम कर रहा था
गैंगस्टर विक्रम बराड़ के खिलाफ इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर जुलाई के पहले सप्ताह में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। विक्रम टारगेट किलिंग के अलावा लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और अन्य गैंगस्टर्स की मदद से भारत में हथियारों की तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में भी शामिल था।
NIA ने बताया कि गैंगस्टर विक्रम बराड़ UAE से लॉरेंस बिश्नोई की आतंकी गैंग के लिए कम्युनिकेशन कंट्रोल रूम (CCR) के रूप में काम कर रहा था। विक्रम का यह CCR लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ को कॉल की सुविधा भी प्रदान कर रहा था और उनके निर्देशों पर भारत के लोगों को जबरन वसूली के लिए कॉल कर धमकाता था।
लॉजिस्टिक सपोर्ट देता था बराड़
एनआईए के मुताबिक विक्रम बराड़ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लॉजिस्टिक सपोर्ट भी उपलब्ध करवाता था। इसमें गैंगस्टर्स को हथियार उपलब्ध करवाने, उनके रहने की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं शामिल थीं। लॉरेंस का साथी बनने से पहले विक्रम बराड़ स्टूडेंट यूनियन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) से जुड़ा हुआ था।