जयपुर:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने PM मोदी के एक-एक आरोप का जवाब देते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा- लाल डायरी को लेकर ऐसा षड्यंत्र किया, जो फ्यूज हो गया। बाकायदा बीजेपी के हेडक्वार्टर में बैठकर षड्यंत्र रचा गया। बीजेपी हेडक्वार्टर में अमित शाह, जेपी नड्डा, गजेंद्र शेखावत, जफर इस्लाम ने मेरी सरकार गिराने का षड्यंत्र किया। पांच साल तक मेरी सरकार को डिस्टर्ब रखा है। इनकी करतूतों के कारण 40 दिनों तक विधायक होटलों में रहे। ये सत्ता में रहने लायक लोग हैं क्या? ये चुनी हुई सरकारों को गिरा रहे हैं। इन्हें सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में इन्होंने चुनी हुई सरकारों को गिराया। ये चुनी सरकारें गिरा रहे हैं। फिर चुनाव का मतलब क्या रह जाएगा? आने वाले वक्त में चुनाव करवाना चाहते हो या नहीं।
12,700 करोड़ रुपए के कार्यों का शिलान्यास
जयपुर के कॉमर्स कॉलेज ग्राउंड पर गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे राज्य स्तरीय समारोह में अशोक गहलोत ने 2030 का विजन डॉक्युमेंट जारी किया। कार्यक्रम में सभी मंत्री, बोर्ड निगमों के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने 12,700 करोड़ रुपए के कार्यों का शिलान्यास किया।
केंद्र की ड्यूटी है, राज्य को मजबूत करें लेकिन इन्होंने क्या किया?
गहलोत ने कहा- राज्य को मजबूत करने की ड्यूटी केंद्र की है, लेकिन इन्होंने क्या किया? हमारी सरकार को डिस्टर्ब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। केंद्र ने 76 हजार करोड़ रुपए फंड कम कर दिया। हमने 5 साल संघर्ष किया। मुझे दो बार कोविड हो गया। कोविड में काम करता रहा। मैं घर नहीं बैठा। कोरोना ने तो बर्बाद किया ही इन लोगों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। लोग हमारी स्कीम्स की तारीफ करते हैं। राजस्थान के लोगों का मेरे और पार्टी के प्रति प्यार और विश्वास है।
झगड़ा वसुंधरा राजे और बीजेपी हाईकमान के बीच का है, जनता इसे क्यों भुगते?
गहलोत ने कहा- हम बीजेपी की योजनाओं को बंद नहीं कर रहे हैं। ईआरसीपी बीजेपी की योजना थी। उसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र ने मध्य प्रदेश को भड़काकर ईआरसीपी के तहत बांध बनवाने का काम रुकवाने का प्रयास किया है। वसुंधरा राजे के समय की स्कीम को हम आगे बढ़ा रहे हैं। उनका आपस का झगड़ा है। झगड़ा वसुंधरा राजे और बीजेपी हाईकमान के बीच का है। इसका नतीजा राजस्थान की जनता क्यों भुगते? लोकतंत्र में यह अच्छी बात नहीं है। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा करके भी पीएम मोदी ने इसे लागू नहीं किया।
हम वादे करके निभाने वाले लोग हैं
सीएम ने कहा- पहले घोषणा को चुनाव के बाद भुला दिया जाता था। जब मैं पहली बार सीएम बना तो मैंने पहल की। पहली बार मैंने मेनिफेस्टो की कॉपी कैबिनेट में रखी। मैंने मुख्य सचिव से कहा कि ये हमारा घोषणा पत्र है। इसके लिखे शब्दों के हिसाब से गवर्नेंस और फैसले होंगे। ये वादे हैं। ये लागू होंगे। उस वक्त से घोषणा पत्र को लागू करने की परंपरा बनी। या तो वादे करो मत और करो तो निभाओ। हम वादा करके निभाने वाले लोग हैं, जो वादे किए हैं, वो निभाएं हैं।
जयपुर से इस अभियान की शुरुआत की थी
सीएम अशोक गहलोत ने मिशन 2030 के लिए प्रदेशभर में अभियान चलाया था। जयपुर से इस अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद सीएम ने जिलों में जाकर मिशन 2030 के सुझावों पर सभाएं और सम्मेलन किए थे। 2030 में राजस्थान कैसा हो और विकसित राजस्थान बनाने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए, इस पर लोगों से सुझाव मांगे गए थे।
सरकार को विभागवार टास्क दिया गया
विजन डॉक्युमेंट के लिए चले अभियान में करीब 2.50 करोड़ लोगों ने सुझाव दिए हैं। जनता ने विकसित राजस्थान बनाने के लिए सरकार को विभागवार सुझाव दिए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर फोकस करने का सुझाव दिया है। क्वालिटी एजुकेशन देने को कहा गया है। सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार खत्म करने और चुनावी खर्च में कटौती करने के सुझाव भी आए हैं। सरकार को विभागवार टास्क दिया गया है।
मिशन 2030 अभियान के सियासी मायने
सीएम अशोक गहलोत ने मिशन-2030 के लिए जनता से सुझाव लेने के लिए अभियान चलाने के साथ इसका खूब प्रचार प्रसार किया था। गहलोत ने हर वर्ग के लिए सभाएं कीं। इन सभाओं के जरिए मिशन 2030 पर बात करने के अलावा विपक्षी बीजेपी पर भी खूब सियासी वार किए।
बीजेपी उठा चुकी है सवाल
मिशन 2030 अभियान के जरिए सीएम अशोक गहलोत को अगली पीढ़ी के लिए सोचने वाले और विकास का एजेंडा लेकर चलने वाले नेता की छवि बनाने का प्रयास किया गया है। इस अभियान का पिछले दो महीने से लगातार आक्रामक ब्रांडिंग की जा रही है। विधानसभा चुनावों की आचार संहिता से ठीक पहले विजन दस्तावेज तैयार हुआ है। इसलिए इस पर मौजूदा सरकार के कार्यकाल में काम शुरू नहीं हो पाएगा। इसकी टाइमिंग को लेकर बीजेपी भी सवाल उठा चुकी है।