जयपुर:-विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर निकम्मा-नकारा शब्द की एंट्री हो गई है। सीएम अशोक गहलोत ने आज रामनिवास बाग में जयपुर में कई प्रोजेक्ट्स के शिलान्यास-लोकार्पण के मौके पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को निकम्मा-नकारा कहते हुए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने पर केंद्र को निशाने पर लिया।
गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा करके भी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया। राजस्थान ने 25 सांसद जिताकर दिए, क्या एक परियोजना को भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर सकते? मंत्री यहां का है। इतना निकम्मा-नकारा मंत्री है वो, हमारा मंत्री अपना, जोधपुर का एमपी। क्या एक परियोजना राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करवा सकता।
बहानेबाजी करते हैं, लोगों को भ्रमित करते हैं। 25 एमपी क्या कर रहे हैं, अगर इन एमपीज को पूछा जाए, जनता ने आप पर विश्वास किया, आप वहां क्या कर रहे हो, उनके पास कोई जवाब नहीं है।
सरकारें बदलने का जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ता है
गहलोत ने कहा- जब सरकार बदल जाती है तो इतना बड़ा सेटबैक लगता है कि सोच नहीं सकते। अब सोचने का वक्त आ गया है, सरकार बदलने से कितना नुकसान होता है? हमारी रिफाइनरी 38 हजार करोड़ की थी, जिसकी लागत बढ़कर 72 हजार करोड़ की हो गई है।
आप सोच सकते हैं नुकसान किसका हुआ है, नुकसान आम जनता के पैसे का हुआ है। सरकार बदलने मात्र से कितना नुकसान हुआ है, ऐसे में कई काम गिना सकता हूं जो सरकार बदलने के बाद बंद कर दिए गए थे। हरदेव जोशी पत्रकारिता यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया, अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने जयपुर में वादा करके नहीं निभाया
मुख्यमंत्री ने कहा- ईआरसीपी की योजना पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के वक्त की है, लेकिन हम बंद नहीं करते हैं। हम उनके वक्त की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं। मुझे दुख होता है ईआरसीपी, जिसमें जयपुर भी शामिल है, उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया। ईआरसीपी में 13 जिले हैं।
खुद प्रधानमंत्री ने इसी जयपुर में वादा किया था कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ देखूंगा। मांग किसकी थी वसुंधरा राजे की थी। मुझे दुख होता है प्रधानमंत्री कोई वादा करें और पूरा नहीं करे। देश में 16 राष्ट्रीय परियोजनाएं चल रही हैं, एक परियोजना राजस्थान की भी हो जाती तो क्या हो जाता? राजस्थान ने 25 एमपी दिए, उसके बावजूद ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया।
राजस्थान में ईडी का प्रयोग फेल
गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। ईडी, इनकम टैक्स दबाव में काम कर रहे हैं। न चाहते हुए भी ईडी, इनकम टैक्स को लोगों के घरों में घुसना पड़ रहा है। तंग करते हैं। राजस्थान में भी ईडी का प्रयोग करके देख लिया, लेकिन सारे फेल हो गए। अखबारों में ईडी की बातें चल रही थी, कहीं चांदी मिल गई, कहीं सोना मिल गया, कहीं पैसा मिल गया। इसका कौन धणी-धोरी है, इसका पता किया क्या? सरकार का मंत्री या अफसर पकड़ा गया क्या? इनको दलाल खोजने पड़ते हैं। आप सोच सकते हैं, लोकतंत्र कहां जा रहा है? हमें इसका भी मुकाबला करना होगा।