राजस्थान में साल 2020 में सियासी संकट के समय गहलोत सरकार में सामने आए फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा से गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने 5 घंटे तक पूछताछ की।
लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस को सबूत के तौर पर पेन ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल सौंपे हैं। लोकेश शर्मा का कहना है कि पेन ड्राइव गहलोत ने दिया था। अब आगे पूछताछ गहलोत और उस वक्त के जिम्मेदार अफसरों से होनी चाहिए।
क्राइम ब्रांच और मीडिया से लोकेश शर्मा ने कहा- जब भी गहलोत मेरे साथ बैठते थे तो कहते थे- लोकेश, तुम मेरी तरह लोगों को काम में लिया करो। मुझे इस वाक्य का तब पता लगा, जब मैं खुद काम में आ गया।’ यह उनकी राजनीति का एक तरीका है। वो लोगों को काम में लेते हैं और फिर काम लेकर छोड़ देते हैं। मैं भी उस चक्रव्यूह में फंस गया और काम आ गया। अब मैंने सच्चाई जांच एजेंसी को बता दी है।
फोन टेप लीगल था या नहीं ये गहलोत ही बता सकते हैं
उन्होंने कहा- पायलट गुट के एमएलए के मानेसर जाने के बाद 16 जुलाई को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने एक पेन ड्राइव उन्हें देकर मीडिया में देने को कहा था। उस पेन ड्राइव के कंटेंट को लैपटॉप से मोबाइल में लेकर मीडिया को भेजा था। मैंने पेन ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल सबूत के तौर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। पेन ड्राइव में जो ऑडियो था, वह फोन टेप लीगल था या इलीगल इसके बारे में गहलोत ही बता सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन टैपिंग का केस करवाया
लोकेश शर्मा ने कहा- पायलट गुट की बगावत के समय जुलाई 2020 में गहलोत गुट ने कुछ ऑडियो जारी किए थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, तत्कालीन मंत्री विश्वेंद्र सिंह, दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा की बातचीत का दावा किया गया था।
गहलोत गुट ने बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था। बीजेपी ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए गहलोत सरकार पर फोन टेप कराने के आरोप लगाए थे। यह मामला विधानसभा और संसद में भी उठा था।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस में फोन टैपिंग करवाने को लेकर केस दर्ज करवाया था। इस मामले में गहलोत के पूर्व ओएसडी ने ही अब उनके खिलाफ स्टेटमेंट देकर केस का रुख मोड दिया है।
गहलोत ने सभी सबूत मिटाने को कहा था लोकेश शर्मा ने कहा- जुलाई 2020 में जब महसूस होने लगा कि सरकार जाने वाली थी, सचिन पायलट कुछ विधायकों के साथ मानेसर चले गए थे। ऐसे समय में वह ऑडियो क्लिप मुझसे रिलीज करवाया गया था।
उसके बाद पूरे प्रदेश को पता है कैसे मुकदमे दर्ज हुए और लोग बैकआउट हुए थे। सरकार बच गई थी। पूरे 5 साल गहलोत मुख्यमंत्री रहे, 5 साल पूरी सरकार चली। मुझे अकेला छोड़ दिया।
जहां तक कांग्रेस की बात करें तो पार्टी को अब यह सोचना होगा कि किस-किस तरीके से किन लोगों को उपयोग लिया गया। उनसे सबूत को नष्ट करने के लिए कहा गया।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेरे ऑफिस में एसओजी की रेड तक डलवाई ताकि कोई सबूत नहीं रह जाए। मुझसे बार-बार कहा कि लैपटॉप, फोन सहित कोई भी सबूत रहे नहीं, जितने भी सबूत है, उनको नष्ट कर दो।
गहलोत इस तरह से लोगों को उपयोग में लेना बंद करें लोकेश शर्मा ने कहा- मुझसे उस वक्त कहा था कि सुप्रीम कोर्ट तक आपका साथ देंगे। जब गहलोत को लगा कि मेरे पास अब कुछ नहीं है तो मेरा साथ देना छोड़ दिया। अकेला रह गया।
गहलोत से कहूंगा कि वे इस तरह से लोगों को उपयोग में लेना बंद करें। कुर्सी बचाए रखने के लिए आपने पूरे प्रायोजित तरीके से कृत्य किया। आलाकमान तक को धोखा दिया।