जयपुर:-राजस्थान में 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती कार्यक्रम के दौरान दिन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य में वे योजनाएं बंद नहीं होंगी, जिन्हें पिछली कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था। बल्कि उन्हें और असरदार बनाया जाएगा।
लेकिन शाम होते-होते गहलोत सरकार में शुरू हुई राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना को 31 दिसंबर तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए। इससे राज्य के 2 हजार युवाओं पर असर पड़ेगा।
राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना में युवाओं को सरकार के अलग-अलग विभागों में छह महीने से दो साल तक की इंटर्नशिप करवाई जाती थी। इंटर्नशिप में युवाओं को 10 हजार रुपए महीने दिए जाते थे। यह योजना साल 2021-22 में शुरू की गई थी।
गहलोत का पलटवार- योजना वाजपेयी के नाम कर देते, बंद क्यों की
- पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार के फैसले पर पलटवार किया। गहलोत ने बयान जारी कर कहा,राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक हैं और सरकार की काफी मदद कर रहे हैं। नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केंद्रों की तरह नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी।
- कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने X पर एक पोस्ट किया, ‘राजस्थान की भाजपा सरकार ने नए साल से पहले हजारों राजीव गांधी युवा मित्रों का इंटर्नशिप कार्यक्रम समाप्त कर उन्हें बेरोजगारी का गिफ्ट दिया है।’
कांग्रेस-बीजेपी सरकारों का एक-दूसरे की स्कीम्स बंद करने का पुराना ट्रेंड
- राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी की सरकारों का एक-दूसरे की स्कीम्स को बंद करने का ट्रेंड रहा है।
- गहलोत ने भामाशाह योजना बंद की थी: 2009 में जब गहलोत सरकार ने कार्यभार संभाला था, तब वसुंधरा राजे की भामाशाह योजना को बंद कर दिया था। साल 2008 में राजे आधार कार्ड की तर्ज पर भामाशाह कार्ड की योजना लेकर आई थी, जिसमें लाभार्थियों के कार्ड बनाकर उन्हें सभी योजनाओं का लाभ देना था। इसमें हर महिला का बैंक खाता खुलवाकर उसमें कुछ पैसा सरकार को देना था। साल 2009 में गहलोत सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था।
- वसुंधरा सरकार ने राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र किया था। कांग्रेस सरकार बनने के बाद अटल सेवा केंद्रों का नाम बदलकर राजीव गांधी सेवा केंद्र कर दिया।गहलोत सरकार के समय रिफाइनरी प्रोजेक्ट का भी रिव्यू किया था।