राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित हुई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान ग्रुप सी के जीके का पेपर लीक होने के मामले में एसओजीकी टीम के द्वारा आज बड़ी कार्यवाही करते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को अजमेर उनके सरकारी निवास से गिरफ्तार कर लिया । इसके साथ ही उसके भांजे विजय कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया है। एसओजी के एसपी विकास सांगवान ने जानकारी देते हुए बताया कि कटारा सहित तीन को गिरफ्तार किया है। घरों की तलाशी ली गई है। आरोपियो को गिरफ्तार कर sog की टीम जयपुर ले गयी जहा उनसे गहनता से पूछताछ की जाएगी की कैसे एग्जाम के पेपर शेर सिंह मीणा तक पहुंचाए गए।कुछ दिन पहले ही भूपेंद्र सारण को पेपर बेचने वाला शेर सिंह मीणा को गिरफ्तार किया गया था । शेरसिंह मीणा ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से संपर्क किया था उस समय बाबूलाल कटारा उदयपुर के आदिम जाति शोध संस्थान के निदेशक पद पर कार्यरत था। शेरसिंह मीणा को पता था कि बाबूलाल कटारा आने वाले समय में आरपीएससी में प्रमोट होकर मेंबर बन सकता है। आरपीएससी में सेंध लगाने के लिए वह बाबूलाल कटारा से लगातार संपर्क में रहा। इस दौरान 15 अक्टूबर 2020 को बाबूलाल कटारा आरपीएससी का मेंबर बना। इसके बाद दोनों की नजदीकी और बढ़ गई। वही एसओजी के द्वारा बाबूलाल कटारा सहित तीनो से पूछताछ की जाएगी और SOG के द्वारा मामले में तफ़्तीश को आगे बढ़ाया जाएगा । वही बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद आयोग के अधिकारी व कर्मचारियों पर नही सवालिया निधन खड़ा होने लगा है और हो सकता है कि एसओजी के पास ओर भी लोगो के नाम हो जिन्हें जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। वही बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री एवम अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानि व भाजपा के कुछ पदाधिकारी बाबूलाल कटारा के सरकारी आवास पर पहुचे ओर नारेबाजी करते हुए विरोध किया। विधायक देवनानि ने कहा कि बाबूलाल कटारा की आरपीएससी के सदस्य के तौर पर नियुक्ति अक्टूबर 2020 में ही हुई थी उनकी पेपर लीक मामले में सामने आने के बाद साल 2020 से लेकर अब तक आयोजित की गई सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की निष्पक्ष रुप से जांच करवाई जानी चाहिए उन्होंने कहा कि सरकार के कई मंत्री भी इन पेपर लीक मामलों में शामिल है जिसकी वजह से इन मामलों की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती है उन्होंने पूर्व आरपीएससी चेयरमैन हबीब खान गौरान और रीट पेपर लीक में बर्खास्त हुए तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डॉ डीपी जारोली का उदाहरण देते हुए बताया कि इनमें से किसी के भी खिलाफ आज तक कोई जांच नहीं की गई है जिसकी वजह से आरपीएससी द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगी परीक्षाएं संदेह के घेरे में आती हैं उन्होंने इन सभी परीक्षाओं के साथ-साथ पेपर लीक मामले की भी उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच करवाने की मांग की है इसके साथ ही विधायक देवनानि ने आरपीएससी के चेयरमैन से इस्तीफा देने की मांग की है।