दिल्ली/जयपुर
दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से राजस्थान सरकार में मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा की मुलाकात के वाद प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ सकता है। दिल्ली से आने के बाद गुढा ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फिर एक बाद सूबे के मुखिया अशोक गहलोत पर इनडायरेक्ट निशाना साधा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा का विजय बैंसला पर पायलट विरोधी खेमे और भाजपा के इशारे पर विरोध करने का आरोप लगाया है।
साथ ही खड़गे के सामने सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपे जाने की बात कही है। जिसकी पुष्टि उनके PA मोनू तंवर ने भी की है।
इधर कॉन्फ्रेंस ने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और कांग्रेस विधायक इंद्राज गुर्जर ने राहुल गारंधी की यात्रा के विरोध पर विजय बैंसला को निशाने पर लिया है। गुढ़ा और गुर्जर ने विजय बैंसला पर पायलट विरोधी खेमे और भाजपा के इशारे पर सचिन पायलट को बदनाम करने के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया।
मंत्री गुढ़ा और विधायक इंद्राज गुर्जर ने कहा कि सचिन पायलट को बदनाम करने के लिए विजय बैंसला को टूल बनाया जा रहा है। गांव का साधारण सा आदमी भी यह चर्चा करते मिल जाएगा कि पायलट को बदनाम करने की साजिश चल रही है ।
“विजय बैंसला को आगे करके पायलट को बदनाम किया जा रहा है ”
मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद गुढा ने कहा कि सचिन पायलट को अभिमन्यु की तरह घेरने का षडयंत्र चल रहा है। विजय बैंसला को इस षडयंत्र का शकुनी नहीं बनना चाहिए। राहुल गांधी की यात्रा के विरोध में विजय बैंसला को आगे करके सचिन पायलट को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। बैसला का राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने का कोई कायदा नहीं बनता है। विजय बैंसला को हथियार नहीं बनना चाहिए। आरक्षण से जुड़ी मांगों पर जो कुछ करना है वह तो राजस्थान सरकार को करना है, मुख्यमंत्री को करना है। मुख्यमंत्री से मिलने की जगह वे जिधर जा रहे हैं वह सचिन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में भी राहुल गांधी की यात्रा को लेकर खड़गे से बात हुई । गुढ़ा ने कहा – विजय बैंसला बदनीयती से सचिन पायलट को बैकफुट पर लाने और उन्हें बदनाम करने के षडयंत्र का हिस्सा बन गए हैं। विजय बैंसला की आरक्षण से जुड़ी और मुकदमे वापसी की मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखें, राहुल गांधी की यात्रा का विरोध करने का तुक समझ नहीं आता। यह उनकी खुद की सोच नहीं है। कन्याकुमारी से यात्रा चल रही है।
जब बीजेपी इसका विरोध नहीं कर रही तो फिर बीजेपी नेता विजय बैसला किस आधार पर विरोध कर रहे हैं। यह विरोध किसके इशारे पर कर रहे हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। यह कहीं पे निगाहें कहीं पर निशाने वाला मामला है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जर समाज के कद्दावर नेता थे, उनका समाज के लिए त्याग रहा है। विजय बैसला को समझना चाहिए कि समाज क्या चाह रहा है? इस पूरे खेल में खिलाड़ी कोई और है।