ज्ञानेश कुमार बने नए मुख्य चुनाव आयुक्त,राहुल गांधी ने जताई असहमति

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1988 बैच के IAS अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वे नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इससे पहले राजीव कुमार 18 फरवरी को CEC पद से रिटायर हुए थे।

4 साल में 20 राज्यों में होंगे चुनाव

अपने चार साल के कार्यकाल में ज्ञानेश कुमार को 20 राज्यों और पुडुचेरी में चुनाव कराने होंगे। चुनावी सिलसिला बिहार से शुरू होगा और मिजोरम में खत्म होगा

इसके अलावा, हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव और 1989 बैच के IAS अधिकारी विवेक जोशी को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। सुखबीर सिंह संधू अपने पद पर बने रहेंगे

राहुल गांधी ने नियुक्ति पर जताई आपत्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 17 फरवरी को हुई बैठक में इन नियुक्तियों पर फैसला लिया गया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे।

हालांकि, राहुल गांधी ने नए CEC के लिए प्रस्तावित नामों पर विचार करने से इनकार कर दिया था। बैठक के बाद उन्होंने डिसेंट नोट (असहमति पत्र) जारी कर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए बैठक नहीं होनी चाहिए थी

उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,
“लोकतंत्र में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता अनिवार्य है। CEC की नियुक्ति में कार्यपालिका का दखल नहीं होना चाहिए। आधी रात में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का फैसला असम्मानजनक है।”

कांग्रेस का आरोप – सरकार चुनाव आयोग पर नियंत्रण चाहती है

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि CEC चयन प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) को हटाना कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। उन्होंने कहा,
“सरकार को सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर सुनवाई तक इंतजार करना चाहिए था। यह सिर्फ 48 घंटे की बात थी।”

चुनाव आयोग में कितने आयुक्त हो सकते हैं?

संविधान के अनुच्छेद 324(2) के तहत, चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किए जा सकते हैं। उनकी संख्या राष्ट्रपति तय करते हैं।

आजादी के बाद चुनाव आयोग एक सदस्यीय निकाय था। 1989 में राजीव गांधी सरकार ने दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर इसे मल्टी-मेंबर बॉडी बना दिया। हालांकि, 1990 में वीपी सिंह सरकार ने फिर इसे एकल निकाय बना दिया

1993 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने अध्यादेश लाकर दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की और तब से चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ दो चुनाव आयुक्तों का प्रावधान बना हुआ है।