भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार होंगे। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार आज पदभार संभालेंगे। मौजूदा CEC राजीव कुमार आज रिटायर हो रहे हैं।
नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC
ज्ञानेश कुमार पहले ऐसे मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, जिनकी नियुक्ति नए कानून के तहत हुई है। उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। इसी पैनल की सिफारिश पर विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।
राहुल गांधी का विरोध, कांग्रेस की आपत्ति
बैठक के बाद राहुल गांधी ने असहमति पत्र (डिसेंट नोट) जारी किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, ऐसे में यह बैठक नहीं होनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को सुनवाई
चुनाव आयोग की स्वतंत्रता को लेकर लाए गए 2023 के नए कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। 19 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई होनी है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अदालत से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में सरकार नए CEC की नियुक्ति कर सकती है।
नए कानून पर विवाद क्यों?
मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि CEC और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और CJI की कमेटी करेगी। लेकिन दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने नया कानून पास कर CJI को इस समिति से हटा दिया। अब इसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
विपक्ष का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रही है और चुनाव आयोग को स्वतंत्र रखने की बजाय अपने नियंत्रण में लेना चाहती है।
चुनाव आयोग में कितने आयुक्त हो सकते हैं?
संविधान के अनुच्छेद 324(2) के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की संख्या तय करने का अधिकार राष्ट्रपति को है। 1989 तक भारत में सिर्फ एक मुख्य चुनाव आयुक्त होता था। राजीव गांधी सरकार ने पहली बार दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की, जिसके बाद से चुनाव आयोग तीन सदस्यीय निकाय बन गया।