बाड़मेर:-बायतु विधायक हरीश चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है। हरीश चौधरी ने कहा- सचिन पायलट में नेतृत्व की क्षमता है। मैं उनकी काबिलियत को सलाम करता हूं। मैं गठजोड़, ठगजोड़ के साथ कभी नहीं रहा।
फोन टैपिंग मामले को लेकर पूर्व सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए चौधरी ने कहा- अगर फोन टैपिंग हुआ है तो बड़ा अनैतिक है। जो व्यक्ति अनैतिक कृत्य करता है, वह नेतृत्व के लिए योग्य नहीं है। चौधरी ने एक मीडिया चैनल को सोमवार को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही।
पायलट ने कभी सीएम बनने की बात नहीं की
हरीश चौधरी ने कहा- मीडिया ने भ्रम फैलाया, पायलट ने कभी मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं की। उन्होंने कभी प्रदेशाध्यक्ष या मंत्री बनाने की भी बात नहीं की। उनकी छवि खराब करने के लिए सुनियोजित साजिश रची गई। पायलट ने तर्क के आधार पर यह डिमांड रखी थी कि उनके एमएलए और कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
सचिन पायलट राजस्थान के निर्माण के लिए अपने आपको झोंक रहा है। पैदल चलना पड़ता है तो चल रहा है। वो सरकार के खिलाफ नहीं था, वो मुद्दे के आधार पर था। राहुल गांधी के अनुयायी हैं, नरेंद्र मोदी के अनुयायी नहीं हैं। कांग्रेस के अंदर रहने वाले लोग उनको आदर्श मानते हैं। हम लोग असली कांग्रेस हैं। यह सबको पता है कि कौन इस तरीके का गठजोड़ कर रहा है। मुद्दों के आधार पर राजनीति करो।
फोन टैपिंग बड़ा अनैतिक कृत्य, नेतृत्व योग्य नहीं
फोन टैपिंग पर चौधरी ने कहा कि अगर फोन टैपिंग हुआ है तो बड़ा अनैतिक है। जो व्यक्ति अनैतिक कृत्य करता है, वो व्यक्ति नेतृत्व के लिए योग्य नहीं है। कोई भी व्यक्ति हो, जिस किसी ने फोन टैप किया है। वो योग्य व्यक्ति नहीं है। अब सवाल यह उठता है कि फोन टैपिंग हुई है या नहीं। फोन टैपिंग हुई है तो किसने की है, ये दोनों सवाल हैं। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
गहलोत पर साधा निशाना- सीएम खुद छात्रसंघ चुनाव रोके, फिर कहे छात्र राजनीति मेरा प्यार
छात्रसंघ चुनाव पर हरीश चौधरी ने कहा- मैंने अपनी सरकार के समय भी चुनाव करवाने की मांग उठाई थी। गहलोत जी ने चुनाव किस कारण नहीं करवाए, मुझे यह समझ में नहीं आया। अशोक गहलोत जी कहते हैं कि मैं छात्र राजनीति से आया हूं। मेरा पहला प्यार उससे है। मैं मुख्यमंत्री रहूं और छात्रसंघ चुनाव रोकूं, फिर मैं कहूं कि मुझे छात्र राजनीति से प्यार है। यह फैसला प्यार नहीं दिखा रहा है।
मैंने उस वक्त भी कहा कि छात्रसंघ चुनाव को मत रोकाे। छात्रसंघ चुनाव करवाने से वोटों पर प्रभाव नहीं पड़ रहा था। पता नहीं कौन सलाहकार थे। आज उसमें से कई सलाहकार बीजेपी की सरकार में हैं। वो सत्ता के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग हैं। किसी से सलाह से किया है, वो मुझे पता नहीं है।
बीते 10 साल में सत्ता के विधायक के लिए सीबीआई को केस रेफर किया क्या
कमलेश एनकाउंटर में सीबीआई जांच की सिफारिश करने पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर हरीश चौधरी ने निशाना साधा। चौधरी ने कहा कि बीते 10 साल में किसी सरकार ने खुद के विधायक के लिए सीबीआई को केस रेफर किया है। यह पूरा अध्ययन करने की जरूरत है। मैंने जाकर उल्टा धन्यवाद दिया। जो लोग वहां गए, उनकी मंशा क्या थी, वह सार्वजनिक हो चुकी है। बाड़मेर के दो व्यक्ति थे। उन्हे बेवजह फंसाने के लिए बाड़मेर के दो व्यक्ति सीबीआई जांच की मांग को लेकर गए। वर्तमान में वो दोनों कांग्रेस में नहीं हैं। उनको भी मैंने मना किया। हरीश चौधरी की आवाज को कोई दबा नहीं सकता है। अगर मैं गलत हूं। बीच रास्ते में चलता व्यक्ति भी कह सकता है कि आप गलत हो। मैं उससे भी माफी मांग लूंगा।
गहलोत के जिले बनाने पर उठाए सवाल
हरीश चौधरी ने अपनी सरकार पर बात करते हुए कहा कि कई ऐसे फैसले हुए, जैसे- दूदू को जिला बना दिया, कोई व्यक्ति इस तर्क को स्वीकार करेगा क्या? केवल वाहवाही लेने के लिए यह किया। बायतु जिला बनाने का मुझे किसी ने कहा, अगर मैं बायतु को जिला बना दूं तो तार्किक तौर पर सही था। कई ऐसे फैसले थे। हमारा संविधान क्या कहता है कॉलेबोरेटिव चीजें होनी चाहिए। भैरोंसिंह शेखावत ने जिस दिन बिजनेस रूल्स में फेरबदल किया, उस दिन आगे बढ़ता राजस्थान ठप हो गया। किसी मुख्यमंत्री ने फेरबदल नहीं किया, मैंने वो बात कई बार उठाई।
राजस्थान के अनुरूप नहीं हो रहे फैसले
बजट पर बोलते हुए हरीश चौधरी ने कहा- राजस्थान में सरकार ही नहीं है। यह पूरा राजस्थान जानता है। सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है। ये फैसले कौन ले रहा है, यह सब जानते हैं। धरातल पर जनता को जो चीज चाहिए थी, वो इस बजट में नहीं थी। जब से यह सरकार बनी है। जो फैसले हो रहे हैं, राजस्थान के धरातल के अनुरूप नहीं हो रहे हैं। यह हमारा दुर्भाग्य है।
जेएनवीयू फैसले पर कोई आगे नहीं आया, मैं अकेला पड़ गया
हरीश चौधरी ने कहा कि जोधपुर में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) से अलग विश्वविद्यालय बन रहा था। उस समय मैं खुद अशोक गहलोत से जाकर मिला। तमाम परिस्थितियों के बारे में अवगत करवाया था। उनको तर्क के साथ धरातल की स्थिति को बताया। पूरे पांच साल में एक बार विपक्ष के पास गया था। उस समय प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ से मिला था। तब मैंने उनको भी कहा कि आप छात्र राजनीति से आए हो, आप इसको महसूस कर सकते हो। आप इस फैसले को रोको। ऐसी परिस्थिति कोई बोल नहीं रहा था और मैं अकेला पड़ गया था। इस बार मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर चाहे वो गजेंद्र सिंह जी, बाबूसिंह जी उन तमाम लोगों के पास जाकर उनसे इस विश्वविद्यालय और जोधपुर डिवीजन व युवाओं के भविष्य के लिए मदद मागूंगा। उनको मैं कहूंगा कि इनका नेतृत्व करें और उनको हक दिलावें।
आरपीएससी मेंबर चयन पर सवाल खड़े किए
हरीश चौधरी ने कहा- वीके सिंह एक काबिल पुलिस अधिकारी हैं। यह हम सब लोग अच्छी तरह से जानते हैं। राजस्थान में इन्फ्रास्ट्रक्चर से बड़ा आज नौजवानों का भविष्य है। मानव संसाधन रहेगा तो राजस्थान रहेगा। वो अगर बेहतरीन रहेगा तो राजस्थान बेहतरीन रहेगा। जय-जय राजस्थान तब होगा, जब युवाओं की जय-जय होगी। परीक्षा में पेपर लीक और नकल जिस प्रकार हुई है। आरपीएससी के अंदर जिन लोगों को बैठाया गया।
मैं सरकार में रहकर भी बोला, कई फैसले हुए भी हैं
चौधरी ने कहा कि मैं सरकार में था। जब कैबिनेट मंत्री था, तब भी कैबिनेट मीटिंग में बोला था। इसके बाद भी बोलता आ रहा था। ऐसी बात नहीं है, मेरी बात मानते थे। कई ऐसे फैसले भी करवाए। विकास के काम मेरे यहां पर सबसे बेहतरीन हुए हैं। बायतु की जनता की ताकत से पिछले पांच साल में सबसे अधिक काम हुए हैं। राजस्थान में नंबर एक बायतु है।
बेनीवाल से गठबंधन पर कहा- अगर गठबंधन होगा तो पूरी ताकत से साथ रहेंगे
हरीश चौधरी ने उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल से गठबंधन पर कहा- हमारा राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन हो जाता है। फिर हम लोग उस गठबंधन को भावना के तौर पर मानते हैं। उस समय पर हमारी सोच और ईगो बीच में नहीं आता है। जिस किसी से गठबंधन होगा। उसे ईमानदारी से फॉलो करेंगे। अगर 5 सीटों पर गठबंधन पर सहयोगी लड़ेंगे तो पूरी ताकत से उनकी मदद करेंगे। गठबंधन से नहीं लड़ेंगे तो हमारी पार्टी का जो प्रत्याशी होगा, उसका पूरी ताकत से सहयोग करेंगे।