नई दिल्ली:-अडाणी ग्रुप-हिंडनबर्ग मामले में दायर याचिकाओं पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट के सुझाव पर एक्सपर्ट कमेटी बनाने को तैयार हो गई थी। कमेटी यह देखेगी कि स्टॉक मार्केट के रेगुलेटरी मैकेनिज्म में फेरबदल की जरूरत है या नहीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट को सील बंद लिफाफे में कमेटी मेंबर्स के नाम देंगे।
इस मामले में अभी तक 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर होने का दावा करने वाले मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं। इस मामले में पहली सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने शुक्रवार (10 फरवरी) को की थी। दूसरी सुनवाई सोमवार (13 फरवरी) को हुई।
रिपोर्ट से निवेशकों को नुकसान
याचिकाओं में दावा किया गया है कि हिंडनबर्ग ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे ‘निवेशकों को भारी नुकसान’ हुआ। इसमें ये भी कहा गया है कि रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट पर मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे।
याचिकाओं में FIR दर्ज करने और जांच की मांग
- मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में SEBI और केंद्रीय गृह मंत्रालय को हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने और FIR करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
- विशाल तिवारी ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की। तिवारी ने अपनी याचिका में लोगों के उन हालातों के बारे में बताया जब शेयर प्राइस नीचे गिर जाते हैं।
- जया ठाकुर ने मामले में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने LIC और SBI की अडाणी एंटरप्राइजेज में भारी मात्रा में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच की मांग की है।
- मुकेश कुमार ने अपनी याचिका में SEBI, ED, आयकर विभाग, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से जांच के निर्देश देने की मांग की है। मुकेश कुमार ने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय के जरिये ये याचिका दाखिल कराई है।
हिंडनबर्ग ने शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट में ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए के करीब पहुंच गया था। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। अभी ये 1800 रुपए के करीब है।