कोटा:-देश के श्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी, एनआईटी में प्रवेश की बोर्ड पात्रता इस वर्ष 75 प्रतिशत एवं कैटेगरी अनुसार टॉप-20 पर्सेन्टाइल रखी गई है। इसे लेकर मुम्बई हाईकोर्ट में दायर अपील की सुनवाई जारी है। सुनवाई की अगली तिथि 6 अप्रेल रखी गई। पहले यह 21 फरवरी को होनी थी। अब 6 अप्रेल को 75 प्रतिशत के लिए सुनवाई तथा इसी दिन जेईई मेन की परीक्षा भी होनी है। विद्यार्थी मानसिक तौर पर परेशान हैं कि यदि वे जेईई मेन या एडवांस्ड को क्वालीफाई कर अच्छी रैंक प्राप्त कर लेते हैं और बोर्ड में उनका स्कोर 75 प्रतिशत से कम रह जाता है तो वे प्रवेश के लिए पात्र होंगे या नहीं। इस संबंध में विद्यार्थी लगातार न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं। इसके लिए फैसले का इंतजार है। जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक विद्यार्थी असमंजस में ही रहेगा।
विद्यार्थियों को चाहिए कि वो बोर्ड पात्रता की चिंता में समय बर्बाद नहीं करें। जेईई मेन व जेईई एडवांस्ड की तैयारी पर पूरी तरह से फोकस करें। दोनों परीक्षाओं के आधार पर ऐसे बहुत से इंजीनियरिंग संस्थान हैं, जहां पर प्रवेश की बोर्ड पात्रता की बाध्यता 75 प्रतिशत नहीं है।
जेईई मेन के आधार पर मिलने वाले प्रवेश में ट्रिपलआईटी दिल्ली, हैदराबाद, बैंगलुरु, एलएनएम आईटी जयपुर, थापर पटियाला, निरमा अहमदाबाद, जेपी नोएडा, डीटीयू, एनएसआईटी, धीरूभाई अंबानी, एमआईटी पुणे आदि कॉलेज शामिल है। इसी तरह जेईई एडवांस्ड के आधार पर आईआईएसईआर, राजीव गांधी पेट्रोलियम, आईआईपी विशाखापट्टनम, आईआईएसटी त्रिवेंद्रम, आईआईएससी बैंगलुरू संस्थानों में प्रवेश मिलता है। इनमें बोर्ड पात्रता की बाध्यता लागू नहीं है। इन सभी संस्थानों के लिए विद्यार्थियों को अलग से आवेदन करना होगा।
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि जेईई मेन अप्रेल परीक्षा के लिए 1.15 लाख से अधिक नए आवेदन किए जा चुके हैं। साथ ही लाखों की संख्या में जनवरी परीक्षा दे चुके विद्यार्थी भी अप्रेल परीक्षा के लिए पुनः आवेदन कर रहे हैं। ऐसे में जेईई मेन 2023 में यूनीक कैंडिडेट की संख्या 11 लाख से अधिक होने की संभावना है।