जयपुर: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के राजस्थान में पहुंचने से पहले ही कांग्रेस में सियासी हलचल देखने को मिल रही है। इस बीच गहलोत के मंत्री ने राज्य में सचिन पायलट को जिम्मेदारी देने की मांग उठाई है। यह मांग गहलोत के मंत्री हेमाराम चौधरी ने उठाई है। हेमाराम चौधरी ने कहा कि मैं अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। मैं चाहता हूं कि किसी युवा को मेरी जगह मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि ‘मैं तो 2013 में भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता था। मुझे राजनीति में 50 साल हो चुके हैं। अब मैं जगह खाली नहीं करूंगा तो युवा को कैसे मौका मिलेगा
पायलट गुट के हेमाराम चौधरी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को राजस्थान में हुए पिछले चुनाव के नतीजों को देखना चाहिए। पिछले दो चुनाव गहलोत के नेतृत्व में लड़े गए थे। एक 2003 में और दूसरा 2013 में, इन दोनों विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत नसीब नहीं हुई। इतना ही नहीं, पार्टी 21 सीटों पर सिमट गई थी। चौधरी ने कहा कि अगर पार्टी हाई कमान गहलोत के नेतृत्व में एक बार फिर से राजस्थान में चुनाव लड़ने की सोच रहा है तो उसे 2003 और 2013 के चुनाव के नतीजों पर एक बार जरूर नजर डालनी चाहिए। बता दें, 2003 में कांग्रेस को 56 सीटें और 2013 में सिर्फ 21 सीटों पर जीत मिली थी।
चौधरी ने कहा कि वर्ष 2013 के चुनावों में कांग्रेस पूरी तरह से सिमट गई थी। 200 में से 179 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। केन्द्रीय नेतृत्व ने जनवरी 2014 में सचिन पायलट को पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनाकर भेजा। पायलट ने लगातार पांच साल मेहनत की और पार्टी को जिन्दा किया। इसी का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आने में कामयाब रही। पार्टी को जिन्दा करने वाले नेता को उनकी मेहनत देखकर उन्हें सीएम पद की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। अगर पायलट की अनदेखी की गई तो आगामी चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।