हाईकमान करेगा नेता प्रतिपक्ष पर फैसला:कांग्रेस विधायक दल की बैठक में जुबेर खान ने हार पर उठाए सवाल,कहा-कार्यकर्ताओं की जगह एजेंसियों को महत्व देने से हारे

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जयपुर:-विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और सरकार गंवाने के बाद आज विधायक दल की पहली बैठक पार्टी मुख्यालय पर हुई। बैठक में पार्टी के सभी विधायक शामिल हुए। रामगढ़ से कांग्रेस विधायक और पूर्व राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान ने कांग्रेस की हार को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष का फैसला आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया।

कांग्रेस की हार के बाद पहली विधायक दल की बैठक पर सबकी निगाहें टिकी थी। इस बैठक में पार्टी की अगली रणनीति पर मंथन होने के साथ हार का मुद्दा छाए रहने की संभावना है। बैठक में चुनाव में हुए भितरघात का मुद‌्दा भी उठा। हार के लिए वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई।

जुबेर खान ने हार पर उठाए सवाल, कहा- कार्यकर्ताओं की जगह एजेंसियों को महत्व देने से हारे

जुबेर खान ने कहा- हमारी योजनाओं को हम नीचे के स्तर पर नहीं पहुंचा पाएं, इसलिए चुनाव हारे। पार्टी की असली मजबूती होता है कार्यकर्ता अगर कार्यकर्ता की जगह एजेंसियों को महत्व दिया जाएग तो उसका नुकसान होगा। बालमुकुंद आचार्य के कल मीट की दुकान हटाने को लेकर कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया नहीं, हम इसी मिट्टी में पैदा हुए हमें ना सिखाएं।

सीएम- सरकार के काम पर लड़ा गया चुनाव, इसलिए हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं की

कांग्रेस में जब सरकार के रहते विधानसभा चुनाव होता है तो उसकी हार जीत की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है। सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार के कामकाज के आधार पर चुनाव लड़ा गया। गहलोत की सात गारंटियों को मुख्य प्रचार का हिस्सा बनाया गया। ऐसे में अब हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं की मानी जा रही है। कुछ विधायकों ने बैठक के दौरान हार की जिम्मेदारी का मुद्दा भी उठाया।

नेता प्रतिपक्ष के चयन का फैसला हाईकमान पर छोड़ने के निर्णय पर चर्चा

विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के चयन का फैसला हाईकमान पर छोड़ने के प्रस्ताव को लेकर चर्चा की गई। कांग्रेस में अहम पदों का फैसला हाईकमान पर छोड़ने की परंपरा रही है। बैठक में राजस्थान प्रभारी भी रहे।

गहलोत-पायलट खेमों की गुटबाजी फिर तेज होने के आसार

कांग्रेस की हार को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच गुटबाजी फिर तेज होने के आसार बन गए हैं। सचिन पायलट समर्थकों ने विधायक दल की बैठक में हार की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाया। पायलट ने सोमवार को इसके साफ संकेत भी दिए। सचिन पायलट ने जिस अंदाज में हार को लेकर सवाल उठाए हैं, उससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि आगे गुटबाजी फिर तेज होगी।

पायलट बोले- सरकार रिपीट क्यों नहीं कर पाए इस पर मंथन हो, हर बार हम सरकार में रहते क्यों हारते हैं

कांग्रेस विधायक दल की बैठक से एक दिन पहले सचिन पायलट ने हार पर सवाल उठाते हुए इस पर मंथन करने का मुद्दा उठाया। पायलट ने कहा- हम लोग चाहते थे कि सरकार दोबारा बने, इसके लिए हम सब लोगों ने जितना हो सके, उतना पूरी ताकत लगाकर काम किया, फिर भी हम कामयाब नहीं हो सके। इसके कारणों को तलाशना होगा। जिस परंपरा को तोड़ने के लिए हमने बहुत मेहनत की, हरसंभव कोशिश करने के बावजूद भी हम कामयाब नहीं हो सके, निश्चित रूप से यह चिंता का विषय है। हर बार हम सरकार बनाने के बाद उसे रिपीट नहीं कर पाते हैं। इस बार दोबारा वही हुआ, इस बात का खेद हम सबको है। इस पर हमें आत्म चिंतन करना पड़ेगा। हर स्तर पर कहां कमी रही, क्या वह कारण थे जिसकी वजह से हम सरकार दोबारा नहीं बना पाए।