जयपुर:-एआईसीसी मुख्यालय में राजस्थान के मुद्दे पर बैठक खत्म हो गई है। करीब चार घंटे चली बैठक में सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। सभी नेताओं ने राजस्थान से जुड़े मामले पर फैसले हाईकमान पर छोड़ दिया है्, हाईकमान जो फैसला करेगा, वह सबको मान्य होगा। सचिन पायलट का रोल तय करने पर भी हाईकमान फैसला करेगा।
बैठक में राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान के नेताओं को एकजुट होकर चुनाव लड़ने को कहा है। नेताओं से कहा गया है कि चुनावों में एकजुट होकर मैदान में उतरे, अब किसी तरह के मतभेद की बात सामने नहीं आनी चाहिए। बैठक में नेताओं ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का भरोसा दिलाया।
पायलट पर वेणुगापोल बोले- सभी मुद्दों का समाधान हो चुका है
बैठक के बाद संगठन महासचिव केसाी वेणुगोपाल ने पायलट मुद्दे का समाधान निकालने और अब कोई भी मुददा नहीं होने का दावा किया है। कहा – सचिन पायलट आज की बैठक में यूनिटी को लेकर बहुत अच्छा बोले और उन्होंने विश्वास जताया कि हम दोबारा सरकार बनाएंगे।
पेपरलीक और युवाओं के मुद्दे थे, उस पर विधानसभा में बहुत ही मजबूत कानून लाया जा रहा है। सब मुद्दों का समाधान हो गया है। गहलोत चोट लगने के कारण आ नहीं सके, लेकिन वीसी से पूरे चार घंटे बैठक से जुड़े रहे। अब नेताओं के बीच कोई इश्यू नहीं है, सभी इश्यूज रिजॉल्व हो चुके हैं।
बयानबाजी करने वालों को नसीहत, एक्शन की चेतावनी
वेणुगोपाल ने कहा- पार्टी में अनुशासन को बहुत गंभीरता से फॉलो करेंगे। बाहर किसी मुद्दे को नहीं कहेंगे, जो कुछ कहना है पार्टी प्लेटफार्म पर कहेंगे। जिसने भी बाहर गैर जरूरी बयानबाजी की, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान सरकार के काम की तारीफ
वेणुगोपाल ने कहा- बैठक में सर्वसम्मति से एकजुट होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। सभी नेता कॉनफिडेंट थे कि हम राजस्थान फिर से जीतेंगे और हम एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। कांग्रेस के सभी नेता एक हैं।
उन्होंने कहा- राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से राजस्थान में अच्छा माहौल बना है। सभी नेताओं ने कहा कि यात्रा से कांग्रेस को फायदा हुआ है। कर्नाटक के चुनाव की जीत में भी इसका बड़ा रोल रहा। आप राजस्थान की योजनाओं को देखिए सारी योजनाएं शानदार है और यह तय है कि राजस्थान में कांग्रेस जीतेगी। मंत्री और नेता घर-घर जाकर सरकार की योजनाओं का प्रचार करेंगे।
उम्मीदवारों की घोषणा जल्द करेंगे, केवल जिताऊ ही टिकट का सबसे बड़ा मापदंड
वेणुगोपाल ने कहा- उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी फैसला हुआ है। विनेबिलिटी सबसे बड़ा फैक्टर होगा। हम केवल जिताऊ उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगे और यही टिकट का सबसे बड़ा मापदंड होगा। हम बहुत पहले उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे। हमने कई दौर का सर्वे किया है। नतीजे साफ है कि सब नेताओं ने कहा कि हम जीत रहे हैं। बीजेपी राजस्थान में पूरी तरह फेल है। पांच राज्यों की बैठकें होने के बाद हम अब इलेक्शन कैंपेन शुरू करेंगे।
इससे पहले बैठक में सीएम अशोक गहलोत वर्चुअली जुड़े थे। इस दौरान कुछ समय के लिए मीडियाकर्मियों को वीडियो और फोटो के लिए अलाऊ किया गया तो राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि बैठक में गहलोत जी भी जुड़े हैं, लैपटॉप में उन्हें भी दिखा दीजिए। इस पर नेताओं ने कहा कि बड़ी स्क्रीन लगी है, उस पर भी देख सकते हैं।
इधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक के बीच में ट्वीट कर कहा कि राजस्थान का किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं और समाज का हर एक वर्ग कांग्रेस पार्टी में अपनी आस्था व्यक्त कर रहा है। हम सब की आकांक्षाओं का ख्याल रखेंगे। राजस्थान का वर्तमान और भविष्य दोनों कांग्रेस के हाथों में सुरक्षित है। इस बार इतिहास बदलेगा।
एआईसीसी से किए गए फोन
राजस्थान के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर पहले राहुल गांधी 1 जुलाई को बैठक लेने वाले थे, लेकिन उस वक्त कांग्रेस विधायकों के सालासर में होने वाले दो दिन के सम्मेलन का हवाला देकर इसे आगे खिसकाया गया था। इस बीच, सीएम अशोक गहलोत के पैर के अंगूठाें में फ्रैक्चर होने के कारण विधायक और उम्मीदवारों के सम्मेलन को टाल दिया और बैठक को भी आगे खिसकाया। वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, तीनों सहप्रभारी पिछले तीन दिनों से दिल्ली में हैं।
खड़गे-राहुल की बैठक में गहलोत-पायलट सहित मंत्री और वरिष्ठ नेता
विधानसभा चुनावों की रणनीति तैयार करने और कांग्रेस में एकजुटता को लेकर हुई इस बैठक में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ 30 नेताओं को बुलाया गया था। इसमें मंत्री और वरिष्ठ नेता शामिल हुए। स्पीकर सीपी जोशी भी बैठक में शामिल हुए।
प्रदेश प्रभारी सुखिजंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटाससरा, सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन, वीरेंद्र राठौड़ के अलावा दूसरे प्रदेशों के प्रभारी रहे नेता रघु शर्मा, भंवर जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, मोहन प्रकाश, सीडब्ल्यूसी मेंबर रहे रघुवीर मीणा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी भी शामिल हुए।
यूपी के सहप्रभारी सचिव रहे धीरज गुर्जर और जुबेर खान सहित मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया,उदयलाल आंजना,परसादी लाल मीणा,शकुंतला रावत,ममता भूपेश,गोविंद राम मेघवाल, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, प्रमोद जैन भाया, रामलाल जाट,रमेश मीणा, भजन लाल जाटव, विधायक रफीक खान बैठक में मौजूद रहे।
नोटिस वाले दोनों मंत्रियों को नहीं बुलाया
25 सितंबर की घटना में नोटिस वाले दोनों मंत्रियों यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी को बैठक में नहीं बुलाया गया है। इन्हें उस वक्त नोटिस दिया था, जिस पर अभी तक एक्शन पेंडिंग है।
बैठक में पायलट गुट के नेता नहीं
बैठक में सचिन पायलट खेमे के मंत्रियों को नहीं बुलाया गया था। बैठक में गहलोत खेमे के नेताओं का ही दबदबा रहा। पायलट गुट के नेता रहे।
सर्वे के आधार पर टिकट काटने पर भी फैसले के संकेत
चुनावी बैठक में टिकट बांटने के फाॅर्मूले पर भी चर्चा हुई। कर्नाटक चुनावों का मॉडल राजस्थान में भी अपनाए जाने के आसार हैं।
इस बार सर्वे में हारने वाले नेताओं के टिकट काटने के फाॅर्मूले पर विचार चल रहा है। कांग्रेस ने अब तक कई राउंड सर्वे करवाए हैं। इन सर्वे के नतीजों के आधार पर हारने वाले विधायकों को फील्ड में हालत सुधारने की नसीहत पहले ही दी जा चुकी है।
अब कर्नाटक फाॅर्मूले के हिसाब से फाइनल सर्वे के आधार पर टिकट तय हो सकते हैं। जिन विधायकों और मंत्रियों की ग्राउंड में हालत ठीक नहीं है, उनके टिकट काटने पर विचार किया जा रहा है।