कोटा:-कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण की एक और बाधा बुधवार को दूर हो गई। शंभूपुरा में चिह्नित जमीन से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की शिफ्टिंग के लिए नगर विकास न्यास और पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन के बीच बुधवार को एमओयू हो गया। कोटा-बूंदी दौरे पर आए लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने भी बुधवार को चिह्नित भूमि का निरीक्षण कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन और कोटा व बूंदी के जिला प्रशासन के अधिकारियों से फीड बैक लिया। इस दौरान उन्होंने कहा- कांग्रेस सरकार ने इस प्रोजेक्ट को अटकाने का काम किया था। अब भाजपा सरकार द्वारा काम कराया जाएगा।
हाइटेंशन लाइन के 34 टॉवर होंगे शिफ्ट
एयरपोर्ट अथॉरिटी की मांग के अनुरूप चिह्नित भूमि की सीमा से चारों दिशाओं में विद्युत लाइनों को डेढ़ किमी या उससे दूरी पर शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे में हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन 11 किलोमीटर क्षेत्र में फैले कुल 34 टावर को शिफ्ट करेगा। इनके जरिए राजस्थान परमाणु बिजली घर से जयपुर साउथ और कोटा से मेड़ता-ब्यावर को 400 केवी की दो ट्रांसमिशन लाइन्स के जरिए बिजली आपूर्ति की जा रही है। इनके स्थान पर 46 नए टावर स्थापित किए जाएंगे, जिन पर 15.064 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएंगी।
निरीक्षण के दौरान स्पीकर बिरला ने अधिकारियों से एयरपोर्ट की जमीन की स्थिति की जानकारी ली। इसके साथ ही जिला प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा अब तक किए गए कार्य के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि तीनों एजेंसियां अपने-अपने कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की कार्ययोजना बनाएं।
स्पीकर बिरला ने कहा कि कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण हमारी प्राथमिकताओं में है। यह कार्य कोटा-बूंदी सहित सम्पूर्ण हाड़ौती के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चिन्हित भूमि के हस्तांतरित होने से पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ने डीपीआर बनाने के कार्यादेश जारी की दिए। हम हाड़ौती को विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला ऐसा एयरपोर्ट देना चाहते हैं जो क्षेत्र की प्रगति की संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।
कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना
ओम बिरला ने पिछली कांग्रेस सरकार पर एयरपोर्ट को अटकाने के लिए निशाना साधा। बिरला ने कहा कि एयरपोर्ट के लिए भार रहित जमीन उपलब्ध करवाना राज्य सरकार का दायित्व होता है। जमीन ट्रांसफर करने और बिजली की लाइनें शिफ्ट करने के लिए करीब 127 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देना था, लेकिन 26 मई 2022 से 29 अगस्त 2023 के बीच वन विभाग, एयरपोर्ट अथॉरिटी और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा भेजे गए दो दर्जन से अधिक स्मरण पत्रों के बाद भी महज 21 करोड़ रुपए ही जमा करवाए गए। कांग्रेस सरकार समय पर पैसे जमा करवा देती तो शायद अब तक निर्माण कार्य भी प्रारंभ हो चुका होता। राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद अब कोटा एयरपोर्ट से जुड़े सभी काम प्राथमिकता पर हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि निर्माण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ हो।