जयपुर:-जयपुर के मानसरोवर इलाके की 27 कॉलोनियों में जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। यहां पवन स्वामी का पूरा घर सड़क के अतिक्रमण क्षेत्र में आ रहा है। इस परिवार का घर बुधवार को टूटना था, लेकिन इस परिवार की पीड़ा सुनकर जेडीए गुरुवार को इस घर पर कार्रवाई करेगा।
दरअसल, इस परिवार में 5 महीने बाद दो बेटियों की शादी होनी है। इसके लिए घर में काफी समान रखा था। परिवार का कहना है कि हम सड़क पर आ गए हैं। हमारे पास ना घर है, ना ही इतने रुपए कि हम कहीं मकान खरीद या किराए पर रह सकें। पवन स्वामी परिवार के साथ मानसरोवर इलाके में न्यू सांगानेर रोड (मानसरोवर) से वंदे भारत रोड के बीच प्रस्तावित 100 फीट रोड के किनारे रहते हैं।
बहनों की शादी से पहले किया बेघर
वंदे मातरम रोड पर रहने वाले पवन स्वामी ने कहा- हम पिछले 19 साल से परिवार सहित रह रहे हैं। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता अकेले कमाने वाले हैं, इसलिए मैंने घर पर मैकेनिक शॉप खोली थी। गाड़ियों को ठीक कर पिता की आर्थिक मदद कर सकूं। साथ ही अपनी बहनों की शादी कर सकूं। इस साल नवंबर में मेरी दो बड़ी बहनों की शादी भी थी। शादी से 5 महीने पहले ही सरकार ने हमें बेघर कर दिया है। इसकी वजह से अब मेरा परिवार सड़क पर आ गया है। हमारे पास रहने के लिए ना घर है, ना ही इतने रुपए है कि हम कहीं किराए पर रह सकें। ऐसे में मेरी बहनों की शादी पर भी संकट आ गया है। इसके लिए सिर्फ बीजेपी सरकार जिम्मेदार है।पवन ने कहा- इस क्षेत्र में भी एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। मेरे घर को बचाने के लिए हम कोर्ट भी गए थे। हमें स्टे भी मिल चुका है। सिर्फ एक टाइपिंग मिस्टेक की वजह से जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) के अधिकारी इस स्टे को नहीं मान रहे हैं। फिलहाल कोर्ट भी बंद है। इसलिए मैं नया ऑर्डर भी नहीं ला सकता हूं।
आज ही होनी थी कार्रवाई, जेडीए ने 24 घंटे का वक्त दिया
बता दें कि पवन स्वामी के अवैध निर्माण को जयपुर विकास प्राधिकरण की टीम द्वारा आज तोड़ा जाना प्रस्तावित था। लेकिन पवन का परिवार अपने मकान को खाली नहीं कर पाया था। ऐसे में जयपुर विकास प्राधिकरण की टीम ने पवन के परिवार को 24 घंटे की मोहलत दी है। अब गुरुवार को पवन स्वामी के मकान को ध्वस्त किया जाएगा।
पूरे परिवार के साथ सुसाइड कर लेंगे
पवन की बहन अंजू स्वामी ने कहा- इस साल नवंबर में मेरी और मेरी बहन की शादी थी। मेरे पूरे घर को सरकार तोड़ रही है। ऐसे में अब कौन मुझसे और मेरी बहन से शादी करेगा। हमारे पास रहने तक को जगह नहीं बची है। हम सड़क पर आ गए हैं। इसलिए अब हम इस घर को खाली नहीं करेंगे। बल्कि, यहीं पर सपरिवार सुसाइड कर लेंगे। इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। जिस तरह से सरकार ने चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया है। वह आम जनता के साथ धोखा है।
अंजू ने कहा- सरकार ने छुट्टियों के वक्त हमें नोटिस दिया। इसके बाद हमने सांसद मंजू शर्मा तक अपनी गुहार लगाई। आखिर हम तीन दिन में अपना पूरा घर खाली कर कहां जा सकते हैं। कौन मकान मालिक हमें इतनी जल्दी अपना घर किराए पर दे देगा।
100 फीट की जगह 80 या 60 फीट की बना देते
पवन की मां मंजू स्वामी ने कहा- मैं मेरे परिवार के साथ साल 2005 से यहां पर रह रही हूं। अचानक रातों रात जयपुर विकास प्राधिकरण ने हमने यहां से मकान खाली करने के नोटिस दे दिए। आखिर इस जून की तपती गर्मी में हम कहां जाएं। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं है। क्या सड़क का निर्माण इतना जरूरी था कि गरीबों के घर उजाड़े जाएं। क्या 100 फीट की जगह सरकार 80 फीट या 60 फीट की सड़क नहीं बन सकती थी। इससे इस कॉलोनी का रहने वाला कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं होता।
मंजू ने कहा- इस साल नवंबर में मेरी बेटियों की शादी होने वाली है। उससे पहले ही सरकार ने हमें सड़क पर ला दिया है। बीजेपी सरकार ने हम जैसे गरीब तबके के लोगों की जिंदगी को बर्बाद करने का काम किया है। आखिर अब मैं अपनी बेटियों की शादी कहां से करूंगी। उनकी विदाई कहां से होगी। भगवान सब देख रहा है।
वंदे मातरम रोड पर रहने वाली आरती कुमारी ने कहा- इस चुनाव में हमने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में काम करके सबसे बड़ी गलती कर दी। बीजेपी का कार्यकर्ता होने के नाते हमने लोगों को अपने घर से इकट्ठा किया था। भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट डलवाए थे। लेकिन चुनाव के महज कुछ महीने बाद ही सरकार उन्हीं लोगों के घर तोड़ रही है। जिन्होंने सरकार के पक्ष में वोट दिए थे।
इस सेक्टर रोड की कितनी जरूरत थी। इस पर सरकार को चिंतन और मंथन करना चाहिए था। एक तरफा कार्रवाई हो गई है। इससे हमारा सपनों का आशियाना टूट रहा है। सरकार को इसपर पुनर्विचार करना चाहिए था।
डेढ़ महीने में हमें डेढ़ मिनट का टाइम भी नहीं दिया
यहां रहने वाली शारदा भार्गव ने कहा- जिस जगह सरकार कार्रवाई कर रही है। असलियत में यहां सेक्टर रोड नहीं थी। बल्कि, इससे आगे के क्षेत्र में इस तरह की सेक्टर रोड प्रस्तावित थी। जेडीए के अधिकारियों ने कुछ रसूखदार लोगों से मिलकर सेक्टर रोड का नक्शा ही बदल दिया। इसकी वजह से यहां सालों से रहने वाले लोगों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। हमने जयपुर की सांसद मंजू शर्मा से भी गुहार लगाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का वादा भी किया। मुख्यमंत्री ने डेढ़ महीने में हमें मिलने के लिए डेढ़ मिनट का वक्त भी नहीं दिया।
सरकार को सड़क बनाने का इतना ही शौक है तो 100 फीट क्यों 200 फीट सड़क ही बना देती। हम तो रोड पर भी सो जाते। कौन सरकार को इस तरह के विकास करने की राय देता है। इससे जनता का विनाश होता है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए था कि आखिर सैकड़ो परिवार जो पिछले 20 सालों से यहां रह रहे हैं। कहां जाएंगे। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए हमें बेघर कर दिया है।