चहल की वापसी संभव
भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमें 10 नवंबर को एडिलेड में टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगी। 6 साल बाद ब्लू आर्मी इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची है। इससे पहले 2016 में टीम इंडिया ने अंतिम-4 का मैच खेला था।
इस स्टोरी में जानेंगे कि इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया की स्ट्रैटजी क्या हो सकती है। साथ ही हम भारतीय टीम की स्ट्रेंथ और वीकनेस भी देखेंगे।
अब जानते हैं कि टीम इंडिया की मजबूती क्या है…
सूर्यकुमार यादव और विराट कोहली इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ साबित हुए हैं। सूर्या की तीन अर्धशतकीय पारियां और 360 डिग्री शॉट्स ना सिर्फ चर्चा का विषय रहे, बल्कि भारत को जीत दिलाने में भी इनकी अहम भूमिका रही।
भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश मैच में तो सूर्या का बल्ला ज्यादा नहीं चला, लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 40 गेंदों में 68 रन बनाए। जिम्बाब्वे और नीदरलैंड के साथ मैच में वो नाबाद रहे। नीदरलैंड के खिलाफ 25 गेंद में 51 और जिम्बाब्वे के खिलाफ 25 गेंद में 61 रन बनाए। सेमीफाइनल में भी इस खिलाड़ी से ऐसी ही बड़ी पारी की उम्मीद होगी।
कोहली कमाल की फॉर्म में
करीब 1 महीना पहले तक विराट कोहली खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने शतक लगाया और इसके बाद तस्वीर ही बदल गई। टी-20 वर्ल्ड कप में सुपर-12 के पहले मुकाबले में विराट ने पाकिस्तान के खिलाफ 53 गेंद में 82 रन की नाबाद और ऐतिहासिक पारी खेली।
19वें ओवर में हारिस रउफ की गेंद पर कोहली के दो छक्कों ने मैच पलट कर रख दिया। नीदरलैंड के खिलाफ मैच में विराट ने 44 गेंद में 62 रन बनाए और आलोचकों के मुंह बंद कर दिए। बांग्लादेश के खिलाफ 44 गेंद 64 रन के साथ कोहली नाबाद रहे और टीम को मजबूत स्थिति में ले आए। इस मैच में वह प्लेयर ऑफ द मैच थे। ऐसे में विराट पर भी इंग्लैंड के खिलाफ रन बनाने का दारोमदार रहेगा।
अर्शदीप-मोहम्मद शमी कर रहे शानदार गेंदबाजी
टीम इंडिया की तेज गेंदबाजी इस वर्ल्ड कप में कमाल की रही है। अर्शदीप सिंह और मोहम्मद शमी के साथ-साथ भुवनेश्वर कुमार ने भी टूर्नामेंट में शानदार गेंदबाजी की है। भुवी ने 5 मैच में 4 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 6 से भी कम रही।
अर्शदीप सिंह ने तो कमाल ही कर दिया। पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने बाबर आजम को 0 पर चलता कर दिया। इसके बाद मोहम्मद रिजवान और आसिफ अली को भी पवेलियन भेजा। 4 ओवर में 32 रन देकर 3 विकेट झटके। भारत ये मैच जीत गया।
नीदरलैंड के खिलाफ भी अर्शदीप का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। उन्होंने टीम को 2 विकेट दिलाए। हालांकि टीम इंडिया साउथ अफ्रीका से अपना अगला मैच हार गई, लेकिन यहां भी अर्शदीप ने विपक्षी टीम के 2 अहम बल्लेबाजों क्विंटन डी कॉक और राइली रूसो को आउट किया।
अगले मैच में बांग्लादेश के खिलाफ भी अर्शदीप ने कमाल किया और 2 विकेट लिए। उन्होंने शाकिब-अल-हसन का बेहद अहम विकेट चटकाया। इसके बाद बांग्लादेश की स्थिति कमजोर हो गई थी। 16 ओवर की इस पारी में अर्शदीप ने 12वें ओवर में ये कमाल किया।
मोहम्मद शमी ने भी किया है बेहतरीन प्रदर्शन
मोहम्मद शमी ने टी-20 वर्ल्ड कप में ज्यादा विकेट नहीं लिए हैं, लेकिन जितने भी ओवर किए, उनमें बल्लेबाज रन बनाने के लिए जूझते दिखे। जब भी भारतीय कप्तान को विकेट की जरूरत पड़ी उन्होंने विपक्षी टीम का विकेट चटकाया।
ऐसे में उनके ओवर मैच में निर्णायक सिद्ध हुए। खासतौर पर भारत-पाकिस्तान मैच में शमी ने इफ्तिखार अहमद का विकेट तब चटकाया जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। इस विकेट के बाद गेम भारत के पाले में दिखने लगा था। शमी की कंसिस्टेंसी से भारत को इस टी-20 वर्ल्ड कप में बहुत फायदा पहुंचा है।
सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की कमजोर कड़ी क्या हो सकती है
टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की तीन कमजोरी निकल कर सामने आई है। ये हैं ओपनिंग जोड़ी, स्पिन बॉलिंग और खराब फील्डिंग।
दोनों ओपनर्स एक बार भी 50 रन की साझेदारी नहीं कर पाए। रोहित शर्मा ने इस वर्ल्ड कप में 4, 53, 15, 2 और 15 के स्कोर बनाए हैं। केएल राहुल शुरुआती मैच में फ्लॉप रहे, लेकिन इसके बाद उन्होंने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के खिलाफ फिफ्टी लगाई। अब उन्हें बड़ी टीमों के सामने खुद को साबित करना है। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ उनके पास बड़ा मौका होगा।
रोहित शर्मा मंगलवार को अभ्यास के दौरान चोटिल भी हो गए थे, लेकिन अब वह पूरी तरह फिट हैं। इंग्लैंड के खिलाफ रोहित को हर हाल में खोया हुआ फॉर्म हासिल करना होगा। इसके लिए वह जमकर अभ्यास भी कर रहे हैं।
स्पिनर्स को करना होगा अच्छा प्रदर्शन
भारतीय टीम की स्पिन बॉलिंग इस वर्ल्ड कप में औसत रही है। अक्षर पटेल को पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ एक भी विकेट नहीं मिला। जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने 40 रन दे दिए। अश्विन भी इस वर्ल्ड कप में कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 4 ओवर में 43 रन दे दिए थे।
ऐसे में उनकी जगह युजवेंद्र चहल को मौका दिया जा सकता है। चहल का इंग्लैंड के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड है। उन्होंने 11 मैच खेले हैं और 16 विकेट झटके हैं। उनका टी-20 करियर का बेस्ट प्रदर्शन 25 रन देकर 6 विकेट भी इंग्लैंड के खिलाफ ही आया है।
वहीं, अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-20 मैच खेले हैं और उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला है I
खराब फील्डिंग को भी सुधारना होगा
इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने सिर्फ एक मुकाबला साउथ अफ्रीका के खिलाफ हारा है। इस मैच में टीम इंडिया की हार का कारण खराब फील्डिंग रही। सूर्यकुमार यादव ने एक और रोहित शर्मा ने दो रन आउट चांस मिस किए। रोहित 13वें ओवर की पांचवीं गेंद पर मार्करम को रन आउट नहीं कर पाए।
विराट कोहली ने 12वें ओवर की पांचवीं गेंद पर मार्करम का आसान कैच छोड़ा। 15वें ओवर की पांचवीं गेंद पर मार्करम ने लेग साइड पर शॉट खेला। गेंद लंबे समय तक हवा में थी, लेकिन गेंद विराट और हार्दिक के बीच में गिर गई। मार्करम ने इसका पूरा फायदा उठाया और 41 बॉल में 52 रन बना दिए। तब तक वो टीम को जीत के रास्ते पर ला चुके थे।
ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ इस तरह की गलती भारतीय टीम नहीं करना चाहेगी।
अब समझते हैं कि भारतीय टीम कैसे इंग्लैंड के खिलाफ मैच जीत सकती है…
मार्क वुड से बचना होगा
इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के सबसे खतरनाक गेंदबाज मार्क वुड हैं। उन्होंने अब तक 4 मुकाबले खेले हैं और 9 विकेट झटके हैं। 32 साल के मार्क वुड ने अफगानिस्तान के खिलाफ 4 ओवर में 149.02 किमी प्रति घंटा की औसत से गेंदबाजी की थी। वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 154.74, यानी लगभग 155 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंद डाली थी। यह मौजूदा वर्ल्ड कप की सबसे तेज गेंद है।
विराट कोहली का बल्ला मार्क वुड के खिलाफ खूब चलता है। उन्होंने टी-20 क्रिकेट में मार्क वुड की 19 बॉल खेली है और 46 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 4 चौके और 3 छक्के लगाए हैं। विराट का स्ट्राइक रेट इस दौरान 242 का रहा है।
ऐसे में वुड अगर गेंदबाजी करने आते हैं और विराट ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक पर रहे तो भारतीय टीम को फायदा होगा।
इंग्लैंड का स्पिन अटैक शानदार
इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज भारत के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। लियाम लिविंगस्टोन ने टीम इंडिया के खिलाफ 5 मैच खेले हैं और 6 से भी कम इकोनॉमी से रन दिए हैं। उन्हें 2 विकेट भी मिले। मोइन अली भारत के खिलाफ लगभग 10 की इकोनॉमी से रन देते हैं, लेकिन उनसे भी टीम को खतरा होगा। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 4.50 की इकोनॉमी से रन दिए हैं। आदिल रशीद ने भारत के खिलाफ 11 मैच खेले हैं और उन्हें 7 विकेट मिले हैं।
सूर्यकुमार यादव और ऋषभ पंत दो ऐसे बल्लेबाज हैं जो इन गेंदबाजों के खिलाफ अच्छा खेल सकते हैं। दोनों को स्पिन के खिलाफ बड़े शॉट खेलने में महारथ हासिल है। सूर्या कमाल के फॉर्म हैं। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 193 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं, भले ही ऋषभ पंत को इस वर्ल्ड कप में ज्यादा मौके नहीं मिले हैं, लेकिन वो स्पिनरों के खिलाफ कारगर साबित हो सकते हैं।
इंग्लिश बल्लेबाजों को रोकना होगा
इंग्लैंड की टीम का सबसे मजबूत पक्ष उनकी बल्लेबाजी है। टीम के पास 9वें नंबर तक बल्लेबाज हैं। ऐसे में भारत को पॉवरप्ले में कम से कम 3 विकेट लेने होंगे। पॉवरप्ले में मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह और भुवनेश्वर कुमार को यह काम करना होगा।
मिडिल ओवर्स में स्पिनर्स पर दारोमदार होगा। इंग्लैंड के खिलाफ भारत को एक ऐसे स्पिनर की जरूरत होगी, जो मिडिल ओवर में विकेट निकाल सके।
सेमीफाइनल में टीम इंडिया की पॉसिबल प्लेइंग-11
रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, चहल, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और अर्शदीप सिंह।