जयशंकर बोले- इंदिरा गांधी ने मेरे पिता को हटाया था:विदेश मंत्री ने कहा- मेरे पिता बहुत ईमानदार शख्स थे और शायद समस्या यही थी

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नई दिल्ली:-विदेश मंत्री जयशंकर ने एक इंटरव्यू में इंदिरा और राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी पर पहली बार बात की। जयशंकर ने कहा- मेरे पिता डॉ. के सुब्रमण्यम कैबिनेट सेक्रेटरी थे, लेकिन 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा चुनकर सत्ता में आईं, तो सबसे पहले उन्हें पद से हटा दिया। मेरे पिता बहुत ईमानदार शख्स थे और शायद समस्या यही थी। वह उसके बाद कभी सेक्रेटरी नहीं बने। राजीव गांधी के कार्यकाल में भी मेरे पिता से जूनियर अधिकारी को कैबिनेट सेक्रेटरी बनाया गया।

जयशंकर ने परिवार, नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात, ब्यूरोक्रेसी से राजनीति तक के सफर समेत कई बड़े मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने प्रधानमंत्री पर सवाल उठाने वाले विदेशी मीडिया, कांग्रेस पार्टी, BBC की विवादित डॉक्यूमेंट्री, अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस के बयानों की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया।

जयशंकर बोले- ध्यान से सुनिएगा मैं CHINA का नाम ले रहा हूं
चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी और कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- हम पर आरोप लगता है कि हम चीन से डरते हैं, उसका नाम भी नहीं लेते हैं। मैं बता दूं कि हम चीन से नहीं डरते। अगर हम डरते हैं तो भारतीय सेना को चीन बॉर्डर पर किसने भेजा? ये सेना राहुल गांधी ने नहीं भेजी, नरेंद्र मोदी ने भेजी है।

जयशंकर ने कहा- कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती हैं कि लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ब्रिज बना रहा है। मैं आपको बता दूं कि यह इलाका 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। इस वक्त भारत के इतिहास का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन बॉर्डर पर तैनात है। और प्लीज आप इस बात को नोट कीजिए… मैंने चीन कहा… CHINA…

अगर चीन के मामले में राहुल मुझसे ज्यादा जानते हैं, तो उन्हें सुनने को तैयार हूं
जयशंकर ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाती है कि हम चीन के प्रति उदार हैं, लेकिन ये सच नहीं है। हम बड़े खर्च पर और बड़ी कोशिशों के साथ चीन बॉर्डर पर सेना को तैनात किए हुए हैं। इस सरकार के तहत हमने बॉर्डर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अपना खर्च 5 गुना बढ़ा दिया है। अब आप बताइए क्या इसे चीन के प्रति उदार होना या या बचाव की भूमिका में आना कहेंगे? आप देखिए कौन सच बता रहा है, चीजें जैसी हैं उन्हें वैसा ही दिखा रहा है और कौन इतिहास के साथ खेल रहा है।

जब उनसे राहुल गांधी के बयान को लेकर सवाल पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था एस जयशंकर को विदेश नीति के बारे में ज्यादा नहीं पता और उन्हें कुछ चीजें सीखने की जरूरत है, तो जयशंकर ने कहा कि अगर चीन के मामले में राहुल के पास बेहतर ज्ञान और बुद्धिमत्ता है तो वे उनकी बात सुनने को तैयार हैं।

1984 में दिल्ली में जो हुआ, उस पर डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं बनी
BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर जयशंककर ने कहा कि आजकल विदेशी मीडिया और विदेशी ताकतें पीएम मोदी को टारगेट कर रही हैं। एक कहावत है- वॉर बाय अदर मीन्स, यानी युद्ध छेड़ने के दूसरे उपाय। ऐसे ही यहां पॉलिटिक्स बाय अदर मीन्स यानी दूसरे उपायों से पॉलिटिक्स की जा रही है।

जयशंकर बोले- आप सोचिए अचानक क्यों इतनी सारी रिपोर्ट्स आ रही हैं, इतनी बातें की जा रही हैं, ये सब पहले क्यों नहीं हो रहा था। अगर आपको डॉक्यूमेंट्री बनाने का शौक है तो दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ। हमें उस घटना पर डॉक्यूमेंट्री देखने को क्यों नहीं मिली।

लंदन और न्यूयॉर्क में चुनावी मौसम आ गया है
विदेश मंत्री से पूछा गया कि हाल ही में अमेरिकी बिजनेसमैन जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था, भाजपा इसे साजिश बता रही है। इस पर जयशंकर ने कहा कि ये सब कुछ साजिश के तहत किया जा रहा है। BBC की डॉक्यूमेंट्री और जॉर्ज सोरोस के बयान की टाइमिंग कोई संयोग नहीं है। इसका सीधा मतलब ये है कि भारत में चुनावी मौसम शुरू हुआ हो या नहीं, लंदन और न्यूयॉर्क में हो चुका है।

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