इंफाल:-विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार (29 जुलाई) को मणिपुर पहुंचा। इसके बाद सांसदों का दल चूराचांदपुर पहुंचा। यहां उन्होंने रिलीफ कैंप में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की।
ये सांसद 30 जुलाई तक यहां रहेंगे और जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे। राज्य में तीन महीनों से जारी हिंसा और यहां के लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी राय भी देंगे।
इस बीच, मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में CBI ने शनिवार (29 जुलाई) को FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी। केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात सुप्रीम कोर्ट को बताई थी। साथ ही हलफनामा दायर कर मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने की अपील भी की थी।
उधर, मणिपुर की राजधानी इंफाल में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शांति की अपील की और कहा कि कुकी समुदाय के लिए प्रशासन अलग से कोई नियम ना बनाए। इस बीच राज्यपाल अनुसूइया उइके रिलीफ कैंप में जाकर हिंसा पीड़ितों से मिलीं। यहां उन्होंने एक महिला को गले लगाकर ढांढस बंधाया।
1. विपक्षी गठबंधन में शामिल 16 दलों के 21 सांसद मणिपुर पहुंचे
विपक्षी दलों के I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल 16 पार्टियों के 21 सांसद शनिवार को मणिपुर पहुंचे। यहां कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हम राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द और जमीनी स्थिति को समझने के आए हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है।’
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कोलकाता में कहा, ‘गठबंधन के सांसदों को बंगाल और राजस्थान भी जाना चाहिए। अधीर रंजन को सांसदों के साथ बंगाल की स्थिति भी देखनी चाहिए।’
मणिपुर जाने वाले डेलिगेशन में शामिल 21 सांसदों के नाम –
- अधीर रंजन चौधरी- कांग्रेस
- गौरव गोगोई- कांग्रेस
- सुष्मिता देव- टीएमसी
- महुआ माझी- जेएमएम
- कनिमोझी- डीएमके
- मोहम्मद फैजल- एनसीपी
- जयंत चौधरी- आरएलडी
- मनोज कुमार झा- आरजेडी
- एनके प्रेमचंद्रन- आरएसपी
- टी थिरुमावलन- वीसीके
- राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह- जेडीयू
- अनील प्रसाद हेगड़े- जेडीयू
- एए रहीम- सीपीआई-एम
- संतोष कुमार- सीपीआई
- जावेद अली खान- सपा
- ईटी मोहम्मद बशीर- आईयूएमएल
- सुशील गुप्ता- आप
- अरविंद सावंत- शिवसेना (उद्धव गुट)
- डी रविकुमार- डीएमके
- फूलो देवी नेताम- कांग्रेस
- के सुरेश- कांग्रेस
2. महिलाओं के कपड़े उतरवाकर घुमाने के मामले में CBI ने FIR दर्ज की
मणिपुर में 19 जुलाई को दो महिलाओं को कपड़े उतारकर घुमाने के वायरल वीडियो के मामले में CBI ने FIR दर्ज कर ली है। इससे पहले मणिपुर पुलिस शुक्रवार (28 जुलाई) को दोनों पीड़ित महिलाओं के पास पहुंची। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए हैं।
मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। हालात तब और बिगड़ गए जब 19 जुलाई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का वीडियो वायरल हुआ। ये घटना 4 मई की थी। वीडियो देख लोगों में आक्रोश और बढ़ गया। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक नाबालिग है।
3. इंफाल में मैतेई महिलाओं का प्रदर्शन, कहा- कुकी के लिए अलग नियम न बनें
मणिपुर की राजधानी इंफाल में शनिवार को मैतेई समुदाय की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शांति की अपील तो की, लेकिन कहा कि कुकी समुदाय के लिए प्रशासन अलग से कोई नियम ना बनाए। महिलाओं के संगठन ऑल कोंगबा रोड यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन की तरफ से बुलाए गए इस प्रोटेस्ट में बड़ी संख्या में मैतेई समुदाय के पुरुष भी शामिल थे।
4. राज्यपाल रिलीफ कैंप पहुंचीं तो आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी महिला
मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके शनिवार को चुराचांदपुर में बनाए गए रिलीफ कैंप में पहुंचकर हिंसा पीड़ितों से मिलीं। इस दौरान एक महिला आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी। इसके बाद गवर्नर ने उठकर उसे ढांढस बंधाया। मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं। ये सभी लोग सरकार की तरफ से बनाए गए रिलीफ कैंप्स में रह रहे हैं।
हथियारबंद हमलावर भीड़ अब जवानों को निशाना बना रही
राज्य में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जारी हिंसा अब सुरक्षाबलों की ओर मुड़ गई है। बीते 24 घटों में बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच कई जगह मुठभेड़ हुई। हमलावरों ने लगभग 200 देशी बम गिराए।
बिष्णुपुर के फोउगक्चाओ थाने के चार अलग-अलग स्थानों पर हुई भिड़ंत में तीन लोगों की जान चली गई है। वहीं, गुरुवार को भी दो की मौत हो गई थी। सेना और मणिपुर पुलिस के एक-एक कमांडो सहित 5 लोग घायल हैं।
ऐसा पहली बार देखने मिला है कि हथियारबंद हमलावर भीड़ BSF और अर्द्धसैनिक बलों को सीधा निशाना बना रही है। पुलिस को आशंका है कि हमले में उग्रवादी कैडर शामिल हो सकता है, क्योंकि इतने बड़े हमलों को भीड़ अंजाम नहीं दे सकती।
अर्द्धसैनिक बलों की मदद के लिए सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के जवान भी मौके पर भेजे गए हैं। इस बीच, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के नेताओं से अपील की है कि वे मणिपुर के मामले में दखल न दें।
मणिपुर हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा मौतें
मणिपुर हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 3-5 मई के बीच 59 लोग, 27 से 29 मई के बीच 28 लोग और 13 जून को 9 लोगों की हत्या हुई थी। 16 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक हिंसा नहीं हुई थी लेकिन पिछले दो दिनों से हिंसक झड़प की घटनाएं बढ़ गई हैं।
4 पॉइंट्स में जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह…
मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नगा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।