मुंबई:-विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल अलायंस (I.N.D.I.A.) की तीसरी बैठक मुंबई में हुई। मीटिंग के दूसरे दिन 1 सितंबर को गठबंधन ने 13 मेंबर की कोऑर्डिनेशन कमेटी का ऐलान किया। बाद में कहा गया कि कमेटी में CPI(M) के मेंबर का नाम भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद इस कमेटी में 14 मेंबर हो जाएंगे। अगली मीटिंग (चौथी) दिल्ली में होगी।
विपक्ष की मीटिंग खत्म होने के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। इसमें लालू प्रसाद यादव ने कहा- हमने संकल्प लिया है कि मोदी जी को हराकर ही दम लेंगे।
बैठक में 3 प्रस्ताव पास किए गए
- हम अगले लोकसभा चुनाव जहां तक संभव हो मिलकर लड़ने का संकल्प लेते हैं। राज्यों में सीट बंटवारे की व्यवस्था तुरंत शुरू की जाएगी।
- सार्वजनिक चिंता और महत्व के मुद्दों पर देशभर में जल्द से जल्द सार्वजनिक रैलियां करेंगे।
- अलग-अलग भाषाओं में जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया थीम के साथ पब्लिसिटी और मीडिया स्ट्रैटेजी बनाई जाएगी
प्रस कॉन्फ्रेंस में किसने क्या कहा?
उद्धव ठाकरे (शिवसेना- यूबीटी)
- देशभर में हम गठबंधन की रैलियां करेंगे। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया थीम तय हुई है। कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई गई है। हम सबने तय किया है कि आने वाले चुनाव में तानाशाही, जुमलेबाजों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे।
- हमने सुना था- सबका साथ, सबका विकास। चुनाव जीतने के बाद मित्रों को लात और अपना विकास हुआ।
- हमारी एकता से विरोधियों में घबराहट है। हम मित्र परिवारवाद के खिलाफ लड़ेंगे। हम भय मुक्त भारत बनाने जा रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष)
- सभी का उद्देश्य एक ही है कि मोदी महंगाई के लिए क्या करेंगे, बेरोजगारी के लिए क्या करेंगे। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं। मोदी जी 100 रुपए बढ़ाते हैं और 2 रुपए कम करते हैं। एलपीजी के दाम डबल हो गए है, लेकिन उन्होंने 200 कम किए।
- लोगों को दिखाने के लिए 200 रुपए कम करना और कहना मैं गरीबों के लिए काम करता हूं। मोदी जी कभी गरीबों के लिए काम नहीं करेंगे। वे बड़े-बड़े उद्योगपतियों के साथ मिलकर चलते हैं। सीबीआई हो ईडी हो, हर ऑटोनोमस बॉडी का मिसयूज कर रहे हैं। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ।
- इनसे लड़ने के लिए इंडिया का जीतना जरूरी है। इंडिया को जिताने के लिए ही हम सब इस मंच पर बैठे हैं। हम हर राज्य की राजधानी में जाएंगे मीटिंग करेंगे। मोदी जी झूठ बोलते हैं, लेकिन लोग उसे सच समझते हैं। हमें ये एक्सपोज करना है।
नीतीश कुमार (बिहार के मुख्यमंत्री)
- एक बार जब उनसे (पीएम नरेंद्र मोदी) मुक्ति मिलेगी, तब आप प्रेस वाले आजाद हो जाएंगे, तब आपका जो मन करे लिखिएगा। आजकल देख रहे हैं कि वो कोई काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उनकी बड़ाई छापी जा रही है
- ये देश के इतिहास को बदलना चाहते हैं, हम इन्हें इतिहास नहीं बदलने देंगे। सबका उत्थान करेंगे किसी के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे। सबको आगे बढ़ाना है।
- वो चुनाव कभी भी करा सकते हैं, ये जान लीजिए। हम लोगों ने भी इसकी चर्चा की है। तैयारी भी शुरू कर दी है।
अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के मुख्यमंत्री)
- ये जो इंडिया अलायंस है, ये कोई चंद 26-27 पार्टी का अलायंस नहीं है। यह देश के एक सौ चालीस करोड़ लोगों का अलायंस है।
- जो देश में मोदी सरकार है, वह बेहद भ्रष्ट और अहंकारी सरकार है। विदेश के अखबारों में छप रहा है। एक आदमी (गौतम अडाणी) विदेश में पैसा ले जा रहा है और प्रधानमंत्री मोदी उसकी मदद कर रहे हैं। पूरी सरकार एक आदमी के लिए काम करने में लगी है।
- ये लोग (मोदी सरकार) अपने आप को भगवान से बड़ा समझने लगे हैं। इंडिया अलायंस की ताकत को देखकर अब ये लोग आपस में लड़ाएंगे। रोज खबरें आएंगी कि हमारे यहां ये हो गया, वो हो गया। मैं जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि हमारे यहां बहुत अच्छा चल रहा है। यहां कोई किसी पद के लिए नहीं आया है।
- सब ने आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली है। किसी ने सीट शेयरिंग, किसी ने मीडिया मैनेज, किसी ने सोशल मीडिया की जिम्मेदारी ली है।
लालू प्रसाद यादव (बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री)
- मुझे काफी प्रसन्नता हुई कि हम अलग-अलग पार्टियों के नेता अलग-अलग बैठे थे। हम एक नहीं थे। उसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ा और मोदी ने इसका फायदा उठाया।
- हम शुरू से ही यह लड़ाई लड़ते रहे कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ। देश में माइनॉरिटी सुरक्षित नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ रही है।
- ये लोग झूठ बोलकर सत्ता में आए थे। मेरा और देश के अन्य नेताओं का नाम प्रचारित किया था कि इन लोगों का पैसा स्विस बैंक में है और हम यह पैसा लाएंगे और देश के हर नागरिक के खाते में 15-15 लाख आएगा। हमने भी झांसे में खाता खुलवा लिया। हमारे घर में पत्नी, बच्चों को मिलाकर 11 हो जाते हैं। अब इसे 15 से गुणा कर लीजिए। एक पैसा नहीं आया। सब इन्हीं लोगों का पैसा था।
- हमने अपने इतने ऑपरेशन कराए हैं। आप सबका आशीर्वाद है कि हम जीवित हैं। मेरा हौसला काफी मजबूत है। हम लोगों ने संकल्प लिया है कि मोदी जी को हटाकर ही दम लेंगे।
राहुल गांधी (वायनाड से कांग्रेस सांसद)
- जो लोग मंच पर हैं, वे देश के 60% लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर हम एकजुट होकर लड़ेंगे तो बीजेपी जीत ही नहीं सकेगी। मुझे लगता है कि यह अलायंस बीजेपी को आसानी से हरा देगा। विकास में गरीबों और किसानों को साथ लेकर चलेंगे। बीजेपी गरीबों से धन छीनकर कुछ चुने हुए लोगों को देती है।
- अब सीट बंटवारे पर बात होगी। एक कारोबारी और पीएम के बीच साठगांठ है। मोदी जी और अडाणी जी के बीच जो रिश्ता है, उसके बारे में कल बोला था। एक अरब डॉलर पैसा देश से बाहर गया और वापस आया। मोदी जी G20 करा रहे हैं, उन्हें कह देना चाहिए कि इसकी इन्क्वायरी कराएंगे।
- सेशन में दो महत्वपूर्ण बातें तय हुईं। पहला कि एक कोऑर्डिनेशन कमेटी होगी ओर दूसरा कि हम सीट शेयरिंग पर रेजोल्यूशन निकालेंगे। हम एक कमेटी बना रहे हैं जो पॉलिसीज को लेकर बात करेगी और देश के जो किसान और गरीब हैं उसको लेकर जो विजन है वह हम आपको दिखाएंगे।
14 सदस्यीय कमेटी में 1 CM, एक डिप्टी CM, दो पूर्व मुख्यमंत्री
विपक्ष की कमेटी में 1 CM, 1 डिप्टी CM, दो पूर्व मुख्यमंत्री, 5 राज्यसभा और 2 लोकसभा सांसदों को जगह दी गई है। इसके अलावा लेफ्ट से दो नेताओं को कमेटी में शामिल किया गया है।
कमेटी में झारखंड के CM हेमंत सोरेन (JMM), बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव (RJD)। जम्मू-कश्मीर से दो पूर्व मुख्यमंत्री- उमर अब्दुल्ला (NC) और महबूबा मुफ्ती (PDP) हैं।
पांच राज्यसभा सांसद हैं- केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), संजय राउत (शिवसेना UBT), शरद पवार (NCP), राघव चड्ढा (AAP) और जावेद अली खान (SP)।
लोकसभा के दो सांसद- ललन सिंह (JDU), अभिषेक बनर्जी (TMC)। डी राजा (CPI) और एक सदस्य CPI (M) से शामिल किया गया है। CPI (M) के सदस्य के नाम की घोषणा नहीं की गई है।
मुंबई बैठक में सिब्बल के आने पर बवाल, फिर समझाइश
मुंबई में I.N.D.I.A बैठक में कपिल सिब्बल के आने पर कांग्रेस नेता नाखुश दिखे। सूत्रों के मुताबिक, सिब्बल को आधिकारिक रूप से न्योता नहीं दिया गया था। फिलहाल सिब्बल ने 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। सपा के सपोर्ट से वे राज्यसभा मेंबर हैं।
सिब्बल की मौजूदगी को लेकर कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने उद्धव से शिकायत की। इसके बाद फारूक अब्दुल्ला और अखिलेश यादव ने बीचबचाव किया, जिसके बाद वेणुगोपाल मान गए। राहुल गांधी ने भी कहा कि सिब्बल के आने पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
लोगो लॉन्च नहीं हुआ
गठबंधन के लोगो पर सहमति नहीं बन पाई। इसलिए इसे तीसरी बैठक में लॉन्च नहीं किया गया। लोगो के 6 डिजाइन शॉर्ट लिस्ट हुए थे, जिनमें से एक सभी को पसंद आया, लेकिन इसमें कुछ बदलाव होने बाकी हैं। इस पर फैसला अगली मीटिंग में होगा।
यह मीटिंग होटल ग्रैंड हयात में हुई। मीटिंग में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जैसे-जैसे I.N.D.I.A मजबूत होगा तो उसके सदस्यों पर छापे और गिरफ्तारियां भी बढ़ेंगी। बैठक के पहले दिन 31 अगस्त को 28 दलों के नेता शामिल हुए थे। इन्होंने कहा था कि वे देश और संविधान को बचाने के लिए साथ आए हैं।
ये दल हैं I.N.D.I.A. का हिस्सा
गठबंधन में कांग्रेस, TMC, DMK, AAP, JDU, RJD, JMM, NCP (शरद गुट), शिवसेना (उद्धव गुट), SP, एनसी, PDP, CPM, CPI, RLD, MDMK, केएमडीके, वीसीके, आरएसपी, सीपीआई-एमएल (लिबरेशन), फॉरवर्ड ब्लॉक, आईयूएमएल, केरल कांग्रेस (जोसेफ), केरल कांग्रेस (मणि), अपना दल (कामेरावादी) और एमएमके शामिल हैं।
I.N.D.I.A के 26 दलों में से 14 पिछली बार 326 सीटों पर दूसरे नंबर पर थे
बैठक में सीट बंटवारा प्रमुख मुद्दा रहा। सहमति इस बात पर है कि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार हो। 2019 में जिस पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर था, उसे मजबूत दावेदार माना जाएगा। पिछली बार कांग्रेस 209, TMC 19, SP 31, RJD 19, NCP 15 सहित इंडिया के 26 में से 14 दल 326 सीटों पर दूसरे नंबर पर थे। BJD, YSRC, BRS जैसे जो दल साथ नहीं हैं, वहां ऐसे उम्मीदवार को मजबूत दावेदार माना जाएगा, जिससे भाजपा को फायदा न हो।
I.N.D.I.A के सियासी गणित में SC-ST और OBC इतने अहम क्यों
- MP, UP, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल और झारखंड में SC-ST 26.8% व OBC करीब 42% हैं। इन्हीं राज्यों में I.N.D.I.A के दल सरकार में हैं या मजबूत विपक्ष की भूमिका में हैं।
- जिन राज्यों में कांग्रेस लड़ाई में है, वहां SC-ST को जोड़ने पर काम चल रहा है।
- लंबे समय से मायावती दलित राजनीति का चेहरा हैं, पर उनके घटते जनाधार से स्पेस बन गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ लड़ी BSP को 10 सीटें (3.7% वोट) मिलीं। 2014 में 4.2% वोट थे, पर एक भी सीट नहीं थी। 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को 22.2% वोट के साथ 19 सीटें मिलीं। 2022 में वोट घटकर 12.9% और सीट एक रह गई।
- कर्नाटक में जीतने के बाद कांग्रेस में कोर वोट के लौटने का भरोसा जागा है। कर्नाटक में 17.15% दलित वोटर्स हैं। ऐसे में कांग्रेस दलित समुदाय से आने वाले खड़गे को मायावती की जगह प्रोजेक्ट कर रही है।
- जातिगत जनगणना का समर्थन कर कांग्रेस इन वर्गों को साध रही है। दूसरी ओर, बिहार में जातिगत सर्वे पर भाजपा लगातार उहापोह में है।