हनुमानगढ़:-हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह करीब पौने दस बजे मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया। फाइटर जेट बहलोल नगर इलाके में एक घर पर गिरा। इस घर में रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि पायलट सुरक्षित है। हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए।
मृतकों के नाम बंशोकौर (45), बंतो (60) और लीला देवी (55) हैं। पायलट राहुल अरोड़ा (25) ने पैराशूट से कूदकर अपनी जान बचाई। उन्हें सूरतगढ़ भेजा गया है।
सूतरगढ़ एयरपोर्ट से 25 किमी दूर मिला फाइटर जेट का पायलट
एयरफोर्स ने कहा, ‘मिग-21 ट्रेनिंग उड़ान पर था। सोमवार सुबह करीब पौने दस बजे उड़ान के दौरान पायलट को इमरजेंसी सिचुएशन का पता चला, उसने एयरक्राफ्ट को संभालने की कोशिश की। जब वह ऐसा नहीं कर पाया, तो उसने विमान से इजेक्ट करने का फैसला किया। सूरतगढ़ एयरबेस से करीब 25 किलोमीटर दूर पायलट मिला। उसे मामूली चोटें आई हैं। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।’
विमान का मलबा हनुमानगढ़ जिले के बहलोल नगर में एक घर पर गिर गया, जिससे तीन लोगों की मृत्यु हो गई। भारतीय वायुसेना ने जान-माल के नुकसान पर खेद व्यक्त करते हुए, शोक-संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इनक्वायरी का गठन किया गया है।
जिस घर पर क्रैश, उसके बगल के मकान की छत भी गिरी
हादसे में सरोज (18, विमला (19) और वीरपाल कौर (32) घायल हुई हैं। मिग-21 क्रैश के बाद हुए धमाके से पड़ोस के एक दूसरे मकान की छत गिर गई। इस मकान में रहने वाली महिला को भी चोटें आई हैं।
जोरदार धमाका और पूरा घर ध्वस्त…
ग्रामीण प्रहलाद ने बताया कि विमान के घर पर गिरने के बाद जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि घर ध्वस्त हो गया था। घर में मौजूद 3 महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई थी। आसपास के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि पुलिस-प्रशासन के लोग जब तक पहुंचे, लोगों ने शव बाहर निकाल लिए थे। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद जेसीबी से मलबे में और लोगों की तलाश की, लेकिन कोई डेडबॉडी नहीं मिली। गांव में करीब 600 घर हैं।
50-50 लाख रुपए मुआवजे की मांग
हादसे में मारी गई महिलाओं के परिजन शवों को रखकर सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग पर अड़ गए थे। इस पर मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई है, जबकि नौकरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने की बात कही थी। परिजन 50 लाख मुआवजा और परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं। परिजनों ने शवों का पोस्टमाॅर्टम करवाने से इनकार कर दिया। पीलीबंगा हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर शाम पांच बजे से परिजन धरने पर बैठ गए थे।
पोस्टमॉर्टम पर तकरार,कई दौर की वार्ता विफल
परिवार वाले अपनी मांगो को लेकर अड़े हुए हैं। कई दौर की वार्ता विफल होने के बाद शाम करीब छह बजे जिला कलेक्टर रुक्मिणी रियार और एसपी सुधीर चौधरी भी पीलीबंगा हॉस्पिटल पहुंचे। परिवार वालों से बात की, पर बात नहीं बन पाई। इसके बाद दोनों अधिकारी हनुमानगढ़ रवाना हो गए थे। महिलाओं का पोस्टमॉर्टम देर रात तक नहीं हो सका है। वो अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। सरकारी अस्पताल के आगे धरना जारी है।
सरकारी नौकरी का प्रावधान नहीं
जिला कलेक्टर रुक्मिणी रियार ने बताया कि सरकारी नौकरी का प्रावधान नहीं है। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के आश्रितों को 5 -5 लाख रुपए की सहायता एवं भारत सरकार वायु सेना की ओर से 1-1 लाख रुपए की तुरंत सहायता दी जाएगी। हादसे में 3 घायलों का इलाज जारी है। नियमानुसार इनको भी सहायता दी जाएगी।
16 महीने, 7 बार क्रैश हुआ MIG-21
5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में मिग क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।
17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी।
20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने में सफल रहा था।
25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
8 मई 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।
जोधपुर में मकान की दीवार तोड़ ड्राइंग रूम तक पहुंच गया था मिग
जोधपुर में सात साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था। 13 जून 2016 को ट्रेनिंग फ्लाइट पर उड़ा मिग-27 फाइटर प्लेन महावीर नगर में क्रैश हो गया था। वह एक घर की दीवार तोड़कर ड्राइंग रूम तक पहुंच गया, जहां एक महिला दो बच्चों को पढ़ा रही थीं। उन्हें चोटें नहीं आई थीं। पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीपक कांडपाल पैराशूट की मदद से कूद गए थे।
5 दशकों में 400 क्रैश, 200 पायलटों की जान भी गई
सोवियत संघ ने 1940 में मिग विमान बनाए और 1959 में इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। तब यह 2229 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता था, यानी ध्वनि की रफ्तार से भी 1000 किमी/घंटा ज्यादा। भारत में अप्रैल 1963 में मिग को वायुसेना में शामिल किया गया। 1971 और 1999 की जंग जीतने में मिग का अहम रोल था, लेकिन भारत में इसने पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ले ली है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।