केंद्रीय मंत्री चौधरी बोले-तीन कृषि बिल वरदान साबित होते:कोरोना नहीं आता तो 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाती

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा है कि अगर कोरोना नहीं आता तो देश के किसान की आय 2022 तक दोगुनी हो जाती। पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने की घोषणा की थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण दो-ढाई साल काम नहीं हो सका पीएम मोदी किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में दिन-रात काम कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि किसान संपन्न बनें। चौधरी शनिवार को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

चौधरी ने कहा- मोदी सरकार किसान हित में तीन कृषि बिल लेकर आई थी, तीनों कृषि बिल किसानों के लिए वरदान साबित होते, लेकिन वे राजनीति का शिकार हो गए और लागू नहीं हो सके। हम किसानों के बीच जाएंगे। उनसे चर्चा करेंगे कि उनके हित में क्या हो सकता है। हम आगे किसानों से संवाद करेंगे। जब तक देश का किसान खुशहाल नहीं बनेगा, तब तक विकसित भारत की कल्पना साकार नहीं हो सकती।

विपक्ष नहीं चाहता किसान संपन्न बनें
चौधरी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसान की पिछले 10 साल में जितनी सुध ली गई है, उतनी सुध पिछले 70 साल में नहीं ली गई थी। मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में कई फैसले किए, लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि देश का किसान सम्पन्न हो। किसानों के हित में मोदी सरकार तीन कानून लेकर आई थी, लेकिन विपक्ष ने उन कानूनों का विरोध किया।

70 साल में फसल का पूरा मूल्य दिया होता तो किसान संपन्न होता
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने कहा- मोदी सरकार किसानों की भलाई के लिए हर दिन काम कर रही है, लेकिन विपक्ष किसानों को दबी कुचली व्यवस्था में रखना चाहता है। ताकि वे आगे नहीं बढ़े। किसानों को फसल का पूरा मूल्य देने के लिए पिछले 10 साल में समर्थन मूल्य पर भारी बढ़ोतरी की है। कांग्रेस ने 70 साल में किसानों को उपज का पूरा मूल्य दिया होता तो आज देश का किसान संपन्न होता।

100 दिन की कार्ययोजना में किसानों की समस्याओं का समाधान
चौधरी ने कहा- कृषि मंत्रालय ने 100 दिन की कार्य योजना तैयार की है, जिसमें किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के अफसरों के साथ बैठक की है। पीएम मोदी के साफ निर्देश हैं कि किसानों के हितों से किसी तरह का समझौता नहीं हो, किसान हित में इस तरह काम किया जाए कि किसान संपन्न बनें। जब किसान संपन्न होगा तो देश संपन्न होगा।