जयपुर:-कांग्रेस में खेमेबंदी के चलते सियासी खींचतान फिर तेज होने के आसार बन गए हैं। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गहलोत कैंप पर सवाल उठाने के बाद अब बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। पायलट के विधायक दल की बैठक बुलाने पर सवाल उठाने का खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने समर्थन किया है। पायलट समर्थक और लाडनूं (नागौर) विधायक मुकेश भाकर ने गहलोत समर्थक नेताओं पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से जब विधायक दल की बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा- जब विधायक कहेंगे तो विधायक दल की बैठक बुला लेंगे।
खाचरियावास बोले- पायलट को अपनी बात कहने का हक
सचिन पायलट के विधायक दल की बैठक नहीं बुलाने पर सवाल उठाने का खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा- जब एक ही व्यक्ति, एक ही ग्रुप पार्टी पर हावी हो जाए तो फिर मनमानी होती है। पायलट को अपनी बात कहने का हक है। उनकी बात का जवाब देने का हक केवल हाईकमान को है। पार्टी और सरकारों में बैलेंस होता है तो पार्टी भी मजबूत होती है। सरकार भी मजबूत होती है। इस तरह की बातें चलने से पार्टी कमजोर नहीं होती। पार्टी में बैलेंस रहता है।
मेरे और पायलट के बीच लड़ाई नहीं, वो जमाना गया
खाचरियावास ने कहा- सचिन पायलट के बयान का स्वागत होना चाहिए। यह टकराव थोड़े ही है। मेरे और पायलट के बीच कोई लड़ाई नहीं है। वो जमाने गए। कोई ज्यादा उछल रहा है और किसी में दम है तो खिलाफ बोलकर दिखा दे। यदि सचिन पायलट राजस्थान की जनता की और विधायकों की आवाज उठा रहे तो यह उनका हक है।
पायलट ने हाईकमान के मुद्दे को उठाया
खाचरियावास ने कहा- जब राहुल गांधी का बयान आ गया कि पायलट पार्टी के असेट हैं। ऐसे में वे कोई भी मुद्दा उठाते हैं तो उस मुद्दे का सम्मान हाईकमान भी करता है। हम भी करते हैं। सचिन पायलट ने पार्टी लाइन से अलग हटकर कोई बात नहीं की है। वह तो पार्टी लाइन की बात कर रहे हैं। उन्होंने हाईकमान के मुद्दे को उठाया है। उनकी अपनी आवाज है। हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने का हक है। कोई व्यक्ति खुद के अधिकारों के लिए नहीं लड़ सकता तो वह दूसरों को अधिकार नहीं दिला सकता। जो लीडर अधिकारों के लिए लड़ रहा हो, उसके साथ जनता की ताकत होती है।
भाकर बोले- अनुशासनहीनता करने वालों पर कार्रवाई करें
लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने कहा- राजस्थान की जनता से आप पूछने जाओगे कि कांग्रेस कौन है तो गांधी परिवार, खड़गे साहब का ही नाम आएगा। ऐसा थोड़े ही है कि कोई दूसरा पावर सेंटर बन गया। जिन लोगों ने अनुशासनहीनता की है, जिन लोगों ने राजस्थान कांग्रेस और हाईकमान को नीचा दिखाया है, उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। फिर से विधायक दल की बैठक बुलानी चाहिए क्योंकि हमें 6 महीने बाद वापस चुनाव में जाना है।
बजट तो 2013 का भी अच्छा था, लेकिन रिजल्ट क्या आया था?
भाकर ने कहा- बजट तो 2013 का भी बहुत अच्छा था, लेकिन रिजल्ट क्या आया? हम लोगों को भी देखना पड़ेगा कि जनता क्या चाहती है? मुख्यमंत्री सब को एक साथ लेकर चलने की बात कर रहे हैं तो फिर कोई उन्हें कितना ही प्रिय क्यों नहीं हो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए। जब पांच साल राजस्थान में घूमकर पार्टी को फिर से खड़ा करने वाले सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। 25 सितंबर की घटना के जिम्मेदार तीन नेताओं के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं हो?
हमने कभी गांधी परिवार को चैलेंज नहीं किया था, फिर भी पद गंवाए
सचिन पायलट समर्थक विधायक मुकेश भाकर ने कहा- एक ही पार्टी में जब दो तरह से बर्ताव होने लग जाएगा तो जनता में मैसेज अच्छा नहीं जाएगा। हम लोगों ने बगावत की तो खामियाजा भुगता। मैंने अपना यूथ कांग्रेस अध्यक्ष का पद गंवाया। पायलट साहब पीसीसी चीफ पद से हटे। सबने पद गंवाए, लेकिन हमने उस पूरे एपिसोड के दौरान कभी भी गांधी परिवार और कांग्रेस हाईकमान को चैलेंज नहीं किया। 25 सितंबर की जो घटना हुई, वह कांग्रेस के इतिहास में शर्मसार करने वाली घटना है।
विधायकों पर दबाव दिलवाकर इस्तीफे दिलवाए गए
भाकर ने कहा- कुछ नेताओं ने बहला-फुसलाकर विधायकों को इकट्ठा किया। विधायकों से कहा कि हम इकट्ठा होकर सीएम हाउस जाएंगे। उन्हें स्पीकर के घर ले जाकर इस्तीफे दिला दिए। स्पीकर साहब ने कोर्ट में बयान दिया कि विधायकों ने अपनी मर्जी से इस्तीफे नहीं दिए थे। इसका मतलब उन पर दबाव था। कोई भी व्यक्ति कितना भी बड़ा हो, अगर पार्टी हाईकमान पर लोगों को भरोसा जिंदा रखना है तो कोई कितना भी बड़ा हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।