शाह ने कांग्रेस पर कसा तंज:कांग्रेस सुधरी नहीं तो साफ हो जाएगी:असम में लोगों से कहा-मेरे जिगर के टुकड़ों, आने में देर हुई,उसके लिए माफी

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डिब्रूगढ़:-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को असम में कहा कि मेरे जिगर के टुकड़ों युवा भाइयो-बहनों, मुझे आने में देर हुई इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। पहले नॉर्थ ईस्ट कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। राहुल बाबा ने पूरे देश की यात्रा की, लेकिन त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।

वे विदेश जाकर देश की बुराई करते हैं, राहुल बाबा अभी भी समझ जाओ अभी नार्थ ईस्ट में सूपड़ा साफ हुआ है। अगर वे इसी राह पर चले तो कांग्रेस का देश से सूपड़ा साफ हो जाएगा।

डिब्रूगढ़ में बीजेपी कार्यालय का शिलान्यास किया
अमित शाह ने असम के डिब्रूगढ़ में बीजेपी के कार्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए आज असम आसपास के राज्यों के साथ अपने सीमा से जुड़े विवाद को खत्म कर रहा है। बीजेपी सरकार बनने के बाद यहां 41 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी दी गई। राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज बन गए हैं और 12 मेडिल कॉलेज बनने वाले हैं। बिहू त्योहार के दिन मोदी जी असम को AIIMS भी देने वाले हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि एक जमाने में असम आंदोलन और आतंकवाद से पीड़ित था। पीएम मोदी के नेतृत्व में आज असम विकास की राह पर है। पहले कांग्रेस की सरकार 36 हजार करोड़ का बजट देती थी। बीजेपी ने इसे बढ़ाकर 76 हजार करोड़ कर दिया। देशभर में भाजपा की सरकारें विकास को आगे बढ़ा रही हैं।

शाह बोले- मोदी तीसरी बार PM बनेंगे
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस वालों कान खोलकर सुन लो, 2024 के लोकसभा चुनाव में असम की 14 में से 12 सीटों पर बीजेपी का कब्जा होगा। इसके साथ ही बीजेपी देश में 300 से ज्यादा सीटों के साथ तीसरी बार देश के पीएम बनेगें।

2 दिन के असम-अरुणाचल दौरे पर हैं अमित शाह
बता दें कि अमित शाह 10 अप्रैल को दो दिन के असम और अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे। सोमवार को शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ (VVP) की शुरुआत की थी। वहीं, चीन ने शाह के अरुणाचल दौरे को उसकी क्षेत्रीय सम्प्रभुता का उल्लंघन बताया है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि भारतीय गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश की यात्रा का हम विरोध करते हैं। क्षेत्र में भारतीय गृह मंत्री की गतिविधियां बीजिंग की क्षेत्रीय सम्प्रभुता का उल्लंघन है।

चीन ने अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदले
बता दें कि चीन लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता आया है। पिछले हफ्ते चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदले थे। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा।

इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया है। इससे पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।

उधर, सोमवार को अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश में कहा कि हमारी सेना और आईटीबीपी के जवानों के शौर्य के कारण कोई भी आंख उठाकर हमारे देश की सीमा को नहीं देख सकता। अब वो जमाना चला गया जब भारत की जमीन पर कोई भी कब्जा कर सकता था। आज सूई की नोंक के बराबर भी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता।

शाह ने कहा था अरुणाचल प्रदेश की एक बहुत खास और अच्छी बात है, जब आप यहां के लोगों से मिलोगे तो वे नमस्ते नहीं करते हैं। यहां के लोग जय हिंद बोलते हैं। यहां कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता, इसकी वजह यहां के लोगों की देशभक्ति है।

शाह ने जंग में शहीद किबिथू के जवानों को याद किया
शाह ने 1962 की जंग में शहीद हुए किबिथू के जवानों को याद करते हुए कहा- संख्या कम होने के बाद भी हमारे जवान बहादुरी से लड़े। 1965 में टाइम मैगजीन ने भी इस लड़ाई में भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की थी। भारत में सूर्य की पहली किरण इस भूमि पर पड़ती है। भगवान परशुराम ने इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा था। यह भारत माता के मुकुट का एक उज्ज्वल गहना है।

किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ लॉन्च करते हुए शाह बोले- PM मोदी ने सीमावर्ती गांवों में रोजगार देने और विकास करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया है। आने वाले सालों में सीमा से सटे हर घर में पानी, बिजली, गैस-सिलेंडर और लोगों को रोजगार मिलेगा। इन गांवों को देश के अन्य हिस्सों और अरुणाचल के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा।

गृहमंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- आज एक महत्वपूर्ण दिन है। अरुणाचल प्रदेश से वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम की शुरुआत होगी। इसका उद्देश्य बॉर्डर से सटे गांवों में लोगों को रोजगार मिले और वे विकसित हो सकें।