IIT-BHU रेप केस…आरोपी 3 दिन बाद शहर से भागे थे:MP चुनाव में BJP की IT सेल से जुड़े;7वें दिन पीड़ित ने फुटेज से पहचाना था

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वाराणसी:-IIT-BHU में बीटेक छात्रा से गैंगरेप के तीनों आरोपियों ने वारदात के 3 दिन बाद यानी 5 नवंबर को शहर छोड़ दिया था। वे मध्य प्रदेश चले गए थे। तीनों आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है। आरोपियों ने बताया कि IIT-BHU में छात्रों के जबरदस्त प्रदर्शन से वे डर गए थे। घटना 1 नवंबर आधी रात के बाद की है।

सूत्रों के मुताबिक तीनों आरोपी कुणाल​​​, सक्षम और आनंद उर्फ अभिषेक से शुरुआती पूछताछ में यह भी पता चला कि वे लोग वारदात से पहले करीब हर रात घूमने के लिए BHU कैंपस जाते थे। 1 नवंबर की शाम चेतगंज इलाके के नक्कट्टैया लक्खा मेले को देखकर निकले। इसके बाद उन्होंने पहले शराब पी, फिर BHU कैंपस पहुंचे।

वहां, रात करीब 1:30 बजे लड़की को दोस्त के साथ टहलता देख तीनों ने बुलेट रोक ली। पीड़ित के दोस्त को भगा दिया। फिर जोर-जबर्दस्ती की। वारदात को अंजाम देने के बाद BHU के हैदराबाद गेट से तीनों बाहर निकल गए।

1 नवंबर की रात वारदात के बाद वाराणसी पुलिस ने 6 किलोमीटर तक 300 से ज्यादा CCTV फुटेज चेक किए। सूत्रों के मुताबिक 5 नवंबर को पुलिस को बुलेट पर सवार इन तीनों आरोपियों का फुटेज मिला। कन्फर्म होने के बाद पुलिस ने पीड़ित को CCTV दिखाया। विक्टिम ने फुटेज देखकर आरोपियों के चेहरे पहचान लिए। बताया कि यही वे तीनों लोग थे, जिन्होंने गन पॉइंट पर न्यूड वीडियो बनाया।

पुलिस कड़ियां जोड़ते हुए आरोपियों तक पहुंची
आरोपियों के चेहरे कन्फर्म होने के बाद पुलिस ने उनकी शिनाख्त शुरू की। उनका नाम-पता और अन्य चीजों की जानकारी जुटाई। CCTV फुटेज इकट्ठा किए। तीनों आरोपियों का मोबाइल नंबर पता चलने के बाद वारदात के वक्त उनकी लोकेशन ट्रेस की। आपस में यह सभी कड़ियां जुड़ती चली गईं।

इधर, 5 राज्यों में नवंबर में चुनावी सरगर्मी बढ़ी हुई थी। ऐसे में तीनों आरोपियों को मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी की IT सेल में काम मिल गया। दरअसल, यह तीनों ही वाराणसी IT सेल में काम करते हैं। तीनों आरोपियों ने ही वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात करके अपना नाम एमपी चुनाव की टीम में शामिल करवा लिया। इसके बाद तीनों ही मध्यप्रदेश चुनाव में चले गए। हालांकि पुलिस इस पूरे केस पर नजर बनाए हुए थी। इलेक्ट्रॉनिक सबूत जुटाती रही।

वहीं, तीनों आरोपी आश्वस्त हो गए कि अब पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाएगी। हालांकि सारी कड़ियां मिलने और कन्फर्म होने के बाद 30 दिसंबर को पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

BHU के CCTV में क्लियर नहीं आई फुटेज
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी कुणाल​​​, सक्षम और आनंद से पूछताछ में सामने आया कि 1 नवंबर की शाम नक्कट्टैया लक्खा मेले को देखने पहुंचे थे। वहां से BHU कैंपस पहुंचे और वारदात को अंजाम किया।

सूत्रों के मुताबिक, तीनों आरोपी जब BHU के हैदराबाद गेट से बाहर निकले तो वहां लगे CCTV में ट्रेस हो गए। नाइट विजन कैमरा नहीं होने से फुटेज क्लियर नहीं आई। पुलिस ने BHU के सिंह द्वार के बाहर लगे CCTV को चेक किया। उसमें बुलेट पर तीन लोग रात 1 बजे अंदर जाते हुए दिखाई दिए। पुलिस को रात 1 बजे कैंपस के अंदर जाते बुलेट सवार लड़कों पर शक हुआ।

फिर लंका, रविदास गेट, भेलूपुर और इसके आगे के फुटेज को चेक किया गया तो बुलेट की पहली लोकेशन चेतगंज में चल रहे नक्कट्टैया मेले में मिली। यहां कैमरों में आरोपियों की क्लियर फोटो दिखी। इसी फोटो को लेकर पुलिस ने छात्रा से पहचान कराई तो उसने शिनाख्त की। सभी लोकेशन के CCTV वाराणसी पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं।

तीनों आरोपियों ने वारदात कबूली
सूत्रों के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने वारदात कबूल ली है। उन्होंने कहा कि रात को छात्रा और एक छात्र को कैंपस में घूमते हुए देखा। वहां छात्रा से जबरदस्ती की और वीडियो शूट किया। हालांकि अपनी सफाई में उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो बनाने के अलावा कुछ नहीं किया। बहरहाल, इस मामले में तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद भी पुलिस का कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है।

फिलहाल, रविवार 31 दिसंबर की शाम तीनों आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के दौरान इन आरोपियों ने अपना चेहरा सफेद कपड़े से ढंक रखा था।

वाराणसी पुलिस के खुलासे के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने BHU और IIT-BHU कैंपस का रियलिटी चेक भी किया…
IIT-BHU में 1 और 2 नवंबर की दरमियानी रात हुई गैंगरेप की वारदात के बाद 3 हजार से ज्यादा छात्र धरने पर बैठ गए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी और कैंपस में बाउंड्री वॉल बनाने की मांग उठी। इसके बाद लंका थाने में FIR दर्ज की गई। कैंपस की सुरक्षा पर सहमति बनने के बाद धरना खत्म हुआ।

घटना के 60 दिन बाद (30 दिसंबर) आरोपी पुलिस की पकड़ में आए। इन 60 दिनों में BHU और IIT-BHU की सुरक्षा व्यवस्था कितनी चुस्त-दुरुस्त हुई, इसकी पड़ताल दैनिक भास्कर टीम ने की।

रात 8 बजे : BHU कैंपस हैदराबाद गेट
हम IIT-BHU कैंपस के हैदराबाद गेट पर पहुंचे। यहां पर 4 सुरक्षाकर्मी दिखे, उसमें 1 पुलिस का जवान था। वहां से करीब 500 मीटर कैंपस में अंदर चले तो उस जगह पर पहुंचे, जहां पर छात्रा के साथ छेड़खानी हुई थी। वहां पाया कि लाइट की अच्छी व्यवस्था है। 4-5 हाईटेक कैमरे लगे हैं। पहले यहां 2 कैमरे थे, लेकिन इन कैमरों के व्यू में घटना वाली रात को आरोपी नहीं आए थे।

इसी रास्ते पर करमवीर बाबा मंदिर है। उसके ठीक बगल में एक चौकी बनी है। यहां बोर्ड के सुरक्षाकर्मी और एक पुलिसकर्मी तैनात दिखे।

रात 8.30 बजे : लाइब्रेरी और डायरेक्टर ऑफिस
इसके बाद हम लाइब्रेरी और डायरेक्टर ऑफिस पहुंचे। वहां हमें बैरिकेडिंग मिली। पास की चौकी पर सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। पूरे IIT-BHU कैंपस में कुल 5 जगहों पर अस्थाई बैरिकेडिंग की गई थी। यहां 12 से ज्यादा जगहों पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात दिखाई दिए।

रात 9 बजे : एग्रीकल्चर चौराहा
हम BHU कैम्पस के एग्रीकल्चर चौराहा पर पहुंचे। वहां प्रॉक्टोरियल बोर्ड के 2 सदस्य दिखे। चौराहे पर CCTV कैमरा लगा था। कैमरे को लोहे के पतले तार से घेरा भी गया था। ऐसे ही BHU के कुल 25 चौराहों पर 65 से ज्यादा कैमरे लगे हैं। दावा है कि ये सभी वर्किंग में हैं।

पूरे BHU कैंपस की पड़ताल के बाद सामने आया कि रात में 10 बजे से पहले बाहरी लोगों का आना-जाना लगा रहता है। जब हमने इसका कारण जानने का प्रयास किया तो वजह बताई गई कि कैंपस के अंदर स्थित विश्वनाथ मंदिर और अस्पताल होने से बाहरी आवाजाही पूरी तरीके रोकी नहीं जा सकती।