बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए NDA में सीटों का बंटवारा हो गया है। बीजेपी 17 और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (R) को 5, जीतन राम मांझी की पार्टी हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम को 1-1 सीट मिली है। हम को गया और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को काराकाट सीट दी गई है।
इसका ऐलान सोमवार को दिल्ली में किया गया। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि चिराग के चाचा पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा को एक भी सीट नहीं दी गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनकी पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था।
सीट शेयरिंग में कटे 7 सांसदों के टिकट
NDA में शीट शेयरिंग के बाद यह तय है कि इस बार लोकसभा की सात सीटों शिवहर, हाजीपुर, गया, काराकाट, समस्तीपुर, नवादा, सीतामढ़ी से नए कैंडिडेट होंगे, क्योंकि यहां जिस पार्टी का सांसद है उस पार्टी को शेयरिंग में वह सीट नहीं मिली है। नवादा सीट भाजपा ने खुद अपने पास रखी है, पहले यह सीट लोजपा के पास थी। वहीं, गया और काराकाट सीट जदयू से लेकर मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई है। इसी तरह से शिवहर भाजपा के पास थी। इसे इस बार जेडीयू को दे दिया गया है।
अभी इन सीटों पर ये सांसद हैं – शिवहर से रामा देवी, हाजीपुर से पशुपति पारस, गया से विजय मांझी, काराकाट से महाबली सिंह, समस्तीपुर से प्रिंस राज, नवादा से चंदन सिंह और सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू।
लोजपा (R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमें 5 सीटें मिली हैं। जदयू के संजय झा ने कहा कि सारा एलायंस फिक्स हो गया है। 2019 में जब हम लोग लड़ रहे थे तो किसी भी सीट में 2 लाख से कम जीत की मार्जिन नहीं थी।
अभी तो सब कुछ वन वे है। कहीं कुछ है नहीं। डबल इंजन की सरकार में बिहार में बड़ा काम होगा। आने वाले चुनाव में बिहार 40 में 40 सीटें NDA जीतेगा।