अगले 8माह तक की है वेटिंग- खर्चा मात्र 5100 रुपये
लोसल (सीकर)
हवाई टिकट, रेलवे टिकट आदि को लेकर आपने वैटिंग सुनी होगी लेकिन गायों की सवामणी करने के लिए अगर लंबा इंतजार करना पड़े तो सुनकर आपको आश्चर्य होगा। राजस्थान के सीकर जिले में लोसल के पास अखिल भारतीय सांगलिया धूणी आश्रम की लक्कड़ दास महाराज गौशाला में गायों की सवामणी करने के लिए हर किसी को लंबा इंतजार करना होता है। यहां पर अब तक गायों के लिए 800 से ज्यादा सवामणी की जा चुकी है ।करीब 200 सवामणी वेटिंग में चल रही है। यह सब धूनी की कृपा बताई जा रही है। वर्तमान में सांगलिया धूनी के पीठाधीश्वर ओम दास महाराज जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
शनिवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर ओमदास जी महाराज के द्वारा गायों के लिए 807वीं गौ सवामणी की गई, जिसमें आसपास के कई लोगों ने सेवा कार्य किया।
दिसंबर 2020 में हुई थी शुरुआत
सांगलिया धूणी पर बनी बाबा लक्कड़ दास गौशाला में ओमदास जी महाराज के द्वारा 18दिसम्बर 2020 को गौ सवामणी की शुरुआत की गई। तब से लेकर आज तक इस नेक कार्य मे हर कोई गंगा स्नान कर रहा है। विशेष दिनों में यहां डब्बल सवामणी भी की जाती है।
यह है गायों की सवामणी की सामग्री
गायों को हरा व सूखा चार खिलाने के अलावा गो ग्रास के रूप में सवामणी की जाती है। इस सवामणी की सामग्री में 150किलो बाजरा व गेंहू का दलिया, 40 किलों गुड़, मैथी, तेल, अजवायन आदि सामग्री काम मे ली जाती है। 5 से 6 सेवादार दलिया बनाकर गायों को प्रतिदिन खिलाते है। इसके लिए कोई सेवा भी दे सकता है और गो ग्रास के लिए प्रति सवामणी 5100 रुपये जमा कराकर रसीद प्राप्त कर सकता है।
ये है धुनी के महाराज ओम दास जी
अखिल भारतीय सांगलिया धूणी के पूर्व पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री बंशीदास जी महाराज के परम शिष्य श्री ओमदास जी महाराज ने पीठाधीश्वर पद संभालते ही महाराज के पदचिन्हों पर चलते हुए बाल विवाह, शराब, कन्या भ्रूण हत्या, सफाई अभियान, वृक्षारोपण, सामाजिक कुरीतियाँ, शिक्षा, पर्यावरण नीति तथा अध्यात्म सम्बन्धित विषयों पर अपने सुविचार प्रकट कर विभिन्न छन्दों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने का महान पूण्यार्थ का कार्य किया है। यही कारण है कि आज आम से लेकर खास तक महाराज के अनुयायी बनते जा रहे है।