पुराने कानून औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतीक,नए आपराधिक कानूनों में न्याय की भावना का समावेश-सीएम भजनलाल

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पुलिस अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने कहा कि पुराने आपराधिक कानून औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतीक थे. उन्हें अंग्रेजों ने हुकूमत करने के लिए लागू किया था, जबकि नए आपराधिक कानूनों में न्याय की भावना का समावेश किया गया है.

बैठक को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि आज देश में नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं. औपनिवेशिक मानसिकता के प्रतीक पुराने कानून अब अप्रासंगिक हो चुके हैं. अब इन नए कानूनों में भारतीयता की आत्मा को स्थापित किया गया है. भारतीय संविधान की मूल भावना को बल मिला है. पुराने कानून में प्रजा की क्या स्थिति थी, यह उन कानूनों की भाषा से पता चल जाता है. वो कानून विदेशी शासकों ने अपना शासन मजबूत करने के लिए बनाए थे, जिनमें न्याय की कल्पना नहीं थी, बल्कि सजा का प्रावधान किया गया था. उन्हें हुकूमत करनी थी, इसलिए वो कानून बनाए गए थे. बैठक में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, डीजीपी उत्कल रंजन साहू सहित पुलिस महकमे के कई अधिकारी मौजूद रहे. कमिश्नरेट और रेंज के पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीटिंग से जुड़े.

पीएम मोदी ने जो कहा, वो करके दिखाया : भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना जरूरी है. इसके लिए सबसे पहले सैकड़ों साल पहले बने आपराधिक कानूनों को बदलना जरूरी था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा, वो करके दिखाया. जनमानस की भावना के अनुरूप नए आपराधिक कानून में न्याय की भावना की व्यवस्था की गई है. इससे आमजन के हितों को बढ़ावा मिलता है.

प्रतिशोध की बजाए पुनर्वास की भावना : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में पीड़ित को जल्द न्याय मुहैया करवाने और अपराधी के प्रति प्रतिशोध की भावना के बजाए पुनर्वास की भावना को बल दिया गया है. पहली बार अपराधियों के प्रति करुणा, न्याय और सहानुभूति पूर्ण रवैया अपनाने का लक्ष्य है. युवाओं के लिए ऐसी भावना है कि छोटे-मोटे अपराध के लिए दंड के बजाए सामुदायिक विकास की भावना के विकास पर जोर दिया गया है. उन्हें सुधरने का और समाज की मुख्य धारा में आने का मौका मिलेगा.

देरी से मिलने वाला न्याय अन्याय के सामान : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पहले धीमी न्यायिक प्रक्रिया के लिए आलोचना होती थी. यह भी कहा जाता कि देरी से मिलने वाला न्याय अन्याय के समान है. अब नए कानून में समयबद्ध प्रक्रिया निर्धारित की गई है. पुलिस का उत्तरदायित्व होगा कि जांच और मेडिकल जल्द करवाएं. इसमें जल्द आरोप तय करने के प्रावधान किए गए हैं.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का प्रयास : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि नए कानून में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. पीड़ित को शीघ्र और सुगम न्याय का प्रयास किया गया है. अंग्रेजी हुकूमत की सोच को खत्म कर राजद्रोह के स्थान पर देशद्रोह के नए प्रावधान शामिल किए गए हैं. आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों पर नकेल कसने के प्रयास किया गया है.

थानों-चौकियों में दी जाए नए कानून की जानकारी : सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि नए कानूनों को लेकर जागरूकता अभियान चलाना सराहनीय प्रयास है. नए कानूनों को लेकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाए. नए कानूनों की जानकारी सभी को हो उसके लिए थानों-चौकियों में बोर्ड लगाकर जानकारी दी जाए. उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास की भावना को मजबूत करे. राजस्थान में हर तरह के अपराध की रोकथाम के प्रयास किए जाएं.