अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने भारतीय अर्थव्यवस्था की तारीफ है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऐसे समय में तेजी से उभर रही है जब दुनिया मंदी की संभावनाओं का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था छूने की क्षमता रखता है। अगर कुछ ठोस कदम उठाए जाएं तो जल्द ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य में निवेश पर जोर देना होगा।
10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का माद्दा भारत में
पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का माद्दा भारत में ही है। उन्होंने कहा कि मेरा मतलब है, हमने अतीत में कई देशों को बहुत तेजी से विकास करते हुए देखा है और वास्तव में बहुत तेजी से विकास किया भी है। उन्होंने कहा कि कई देशों के लिए 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना थोड़ा कठिन है लेकिन भारत जैसी अर्थव्यवस्था के लिए निश्चित रूप से एक बड़ी संभावना है। ऐसा करने के लिए, भारत को कई संरचनात्मक सुधार करने की जरूरत है।
भारत को इन क्षेत्रों में करना होगा निवेश: आईएमएफ
आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा कि 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को कुछ ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि यहां इमारतों और सड़कों में निवेश तो हो ही रहा है लेकिन अगर मानव संसाधन, मानव पूंजी, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि में निवेश हो तो भारत तेजी से आगे बढ़ेगा।
कई देशों की तुलना में भारत अच्छा कर रहा
पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसलिए, जब यह वास्तव में 6.8 या 6.1 जैसी ठोस दरों पर बढ़ रहा है, तो यह वास्तव में ध्यान देने योग्य है। ऐसी तस्वीर में जहां अन्य सभी अर्थव्यवस्थाएं और उन्नत अर्थव्यवस्थाएं शायद ही कभी उस गति से बढ़ती हैं, लेकिन भारत अगर अभी भी अच्छा कर रहा है तो यह अच्छा संकेत है।