वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित भारत की G20 प्रेसिडेंसी

Featured International National Write-Up

भारत ने 1 दिसंबर 2022 को अपनी जी20 अध्यक्षता ग्रहण कर ली है। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने तमाम चुनौतियों के बीच जी 20 की अध्यक्षता संभालने को गर्व की विषय बताया। साथ ही साथ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान यूक्रेन सहित वैश्विक मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का प्रयास प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर परामर्श के माध्यम से आम सहमति बनाने का होगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि दुनिया आपुर्ति ऋंखला से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से गुजर रही है तो ऐसे में जी 20 की अध्यक्षता संभालना एक गर्व का विषय है तो वहीं एक बड़ी जिम्मेदारी भी।

वैश्विक मुद्दों को सुलझाने की दिशा में साबित होगा अहम कदम

विशेषज्ञों की नजर में विदेश मंत्री का यह बयान वैश्विक मुद्दों को सुलझाने की दिशा में बड़ा संदेश माना जा रहा है जो आगे पूरे विश्व के लिए अहम कदम साबित होगा। भारत विश्व में शांति चाहता है और इसी उम्मीद में वह लगातार प्रयासरत भी है।

भारत ने ग्रहण की G20 समूह की अध्यक्षता

गौरतलब हो, भारत ने कल औपचारिक रूप से एक वर्ष की अवधि के लिए जी20 समूह की अध्यक्षता ग्रहण कर ली है। भारत के अध्यक्ष पद के पहले दिन को चिह्नित करने के लिए, नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में ‘G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट – एंगेजिंग यंग माइंड्स’ नामक एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के 75 विश्वविद्यालयों के छात्र वर्चुअली एक साथ आए।

इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका सहित वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में उभरेगा, जिसे विकसित दुनिया में ध्रुवीकरण और संघर्ष का खामियाजा भुगतना पड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय मामलों में बहुत महत्वपूर्ण क्षण में हो रही है भारत की G20 अध्यक्षता

आगे उन्होंने कहा, भारत अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच, जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय जैसे मुद्दों पर चिंता व्यक्त करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय मामलों में बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण में हो रही है।

‘विविध हितों का सामंजस्य भारत के इतिहास और संस्कृति में गहराई से जुड़ा’

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि विश्व नेता सही मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें, विशेष रूप से वे जो दुनिया के अधिक कमजोर वर्गों को प्रभावित करते हैं। डॉ. एस. जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विविध हितों का सामंजस्य कुछ ऐसा है जो भारत के इतिहास और संस्कृति में गहराई से जुड़ा हुआ है।

सही मायने में इसे बनाना होगा ‘जनता का G20’

भारत के G20 प्रेसीडेंसी का एक प्रमुख तत्व G20 को जनता के करीब ले जाना और इसे सही मायने में ‘जनता का G20’ बनाना होगा। इसे महसूस करने के लिए, वर्ष भर विभिन्न जनभागीदारी गतिविधियों के माध्यम से नागरिक जुड़ाव और बड़े पैमाने पर सार्वजनिक भागीदारी की योजना बनाई गई है।

G20 की अध्यक्षता का पहला दिन इन कार्यक्रमों ने बनाया खास

उल्लेखनीय है कि G20 में भारत की अध्यक्षता के पहले दिन को चिह्नित करने के लिए, कई गतिविधियों की योजना बनाई गई थी। पहले दिन में, एक विशेष यूनिवर्सिटी कनेक्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के 75 विश्वविद्यालयों के छात्र वर्चुअली एक साथ आए। विदेश मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, श्री पी.के. मिश्र इस कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ताओं में शामिल हुए। यूनिवर्सिटी कनेक्ट इवेंट का उद्देश्य युवाओं को जी20 गतिविधियों में शामिल करना रहा। विभिन्न स्कूलों में विशेष जी20 सत्रों के माध्यम से स्कूली छात्रों को भी शामिल किया गया।

वहीं जन भागीदारी को और आगे बढ़ाते हुए, कोहिमा में 1 दिसंबर 2022 को हॉर्नबिल महोत्सव में जी20 पर विशेष फोकस किया गया। साथ ही साथ कुछ यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों सहित 100 स्मारकों को विशेष रूप से प्रकाशित किया गया। केवल इतना ही नहीं देश के नागरिकों को इन प्रबुद्ध स्मारकों के आसपास MyGov पर एक सेल्फी अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर भारत के G20 लोगो की सैंड आर्ट बनाई।

ज्ञात हो पीएम द्वारा हाल ही में शुरू की गई जी20 वेबसाइट भी g20.org डोमेन में आसानी से माइग्रेट हो चुकी है और भारत ने पिछले प्रेसीडेंसी से ट्विटर हैंडल @g20org सहित आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

‘वसुधैव कुटुम्बकम’  G20 के लिए भारत का ध्येय वाक्य

‘वसुधैव कुटुम्बकम’  G20 के लिए भारत का ध्येय वाक्य भी यही है यानि ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक साझा भविष्य’ (वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर)। G20 प्रेसीडेंसी की इसी थीम से प्रेरणा लेते हुए, भारत 32 विभिन्न कार्यक्षेत्रों में 50 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा, और G20 प्रतिनिधियों और मेहमानों की पेशकश करने का अवसर होगा। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एक झलक और उन्हें एक अद्वितीय भारतीय अनुभव प्रदान करना।

क्या है G20?

G20 दुनिया की 20 प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है, जो इसे अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच बनाता है। G20 समूह का गठन सन् 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक GDP का 85% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है।

G20 ग्रुप में ये देश शामिल

G20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G20 सम्मेलन में स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *