नई दिल्ली :- INS Mormugao भारतीय नौसेना के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। नेवी में आज घातक मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस INS मोरमुगाओ शामिल होगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसे नेवी को सौंपेंगे।
आज का दिन भारतीय नौसेना के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। नेवी में आज घातक मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस INS मोरमुगाओ शामिल होगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इस महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देंगे। मोरमुगाओ का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है। निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है। INS Mormugao समुद्र में अब चीन को चुनौती देगा। जानें आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) की खासियतें।
मोरमुगाओ की अधिकतम गति 30 समुद्री मील
वाई 12705 (मोरमुगाओ) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाए जा रहे प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज है। यह जहाज 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है। पूरी तरह से लोड होने पर 7400 टन विस्थापित करता है और इसकी अधिकतम गति 30 समुद्री मील है।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस है मोरमुगाओ
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मोरमुगाओ के स्वदेशी उपकरणों में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (बीईएल द्वारा निर्मित), ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें (ब्रह्मोस एयरोस्पेस), स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लॉन्चर (लार्सन एंड टुब्रो), एंटी-पनडुब्बी रॉकेट लांचर (लार्सन एंड टुब्रो) और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट (बीएचईएल) शामिल हैं।
चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन से मिलती है गति
आईएनएस मोरमुगाओ सभी तरह के न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और कैमिकल युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी लड़ने में सक्षम है। इसे भारत के निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। इस पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है।
मोर्मूगाओ नाम क्यों रखा गया है?
पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मूगाओ नाम रखा गया है। संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर 2021 को समुद्र में उतरा था। इस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे हुए थे।