जयपुर:-जयपुर में आईपीडी टावर का निर्माण 24 मंजिल तक ही किया जाएगा। मंगलवार को सचिवालय में एंपावर्ड कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया। इसके साथ ही बैठक में पार्किंग और मोर्चरी के निर्माण साथ ही फंड की कमी को लेकर भी चर्चा की गई। जिसके समाधान को लेकर अब अगले सप्ताह बैठक का आयोजन किया जाएगा।
दरअसल, मंगलवार को सचिवालय में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा और हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर की मौजूदगी में एंपावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने आईपीडी टावर की मौजूदा स्थिति और अब तक हुए खर्चों का ब्योरा पेश किया।
जिसपर मंथन करने के बाद एंपावर्ड कमेटी के सदस्यों ने पूर्व निर्धारित 24 मंजिल तक आईपीडी टावर के निर्माण करने का फैसला किया। वहीं फंड की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता लेने का भी फैसला किया गया।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि मौजूदा हालत के रिव्यू के बाद एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में आईपीडी टावर को 24 मंजिल बनाने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही अंडरग्राउंड पार्किंग और विश्व स्तरीय मोर्चरी के निर्माण को लेकर जो समस्याएं आ रही थी।
उसके समाधान के लिए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की अधीक्षक, कंसल्टेंट और जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अगले 7 दिन का वक्त दिया गया है। ताकि वह इन दोनों प्रोजेक्ट से जुड़े जो भी प्रस्ताव है। उनकी विजिबिलिटी चेक कर हेल्थ मिनिस्टर को रिपोर्ट सौंपेंगे। उसके बाद एक और एंपावर्ड कमेटी की बैठक होगी। जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
यूडीएच मंत्री ने कहा की आईपीडी टावर के निर्माण कार्य में फंड की कमी को दूर करने के साथ ही सड़क चौड़ी करने और विश्वविद्यालय की जमीन लेने की प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई है। ऐसे में अब उच्च शिक्षा मंत्री विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ बैठक कर जल्द ही इस समस्या का भी समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही 2025 तक इसके निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
कांग्रेस राज में जारी पट्टों का होगा रिव्यू
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पिछली सरकार में प्रशासन शहरों के संग अभियान में बड़ी संख्या में पट्टे जारी किए गए थे। जिसमें बड़ी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही थी। ऐसे में सरकार के स्तर पर अब जल्द ही पूर्व में जारी किए गए गलत पट्टों का रिव्यू किया जाएगा। इसको लेकर ही जल्द ही आम जनता से शिकायतें मांगी जाएगी। उसके आधार पर आला अधिकारियों की देखरेख में पट्टों की जांच की जाएगी।
यूडीएच मंत्री ने कहा कि इसके बाद अगर जांच में अनियमित या गड़बड़ पाई जाती है। तो संबंधित पट्टे को निरस्त कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही वर्तमान में भी प्रदेशभर में पट्टों को लेकर काफी प्रकरण लंबित चल रहे हैं। ऐसे में प्रशासन शहरों के संग अभियान को आगे बढ़ाने को लेकर जल्द रिव्यू कर अंतिम फैसला किया जाएगा।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह ने कहा कि इसके साथ ही प्रदेशभर की सभी नगर निकायों के सीमांकन भी फिर से किए जाएंगे। ऐसे में अगर जरूरत पड़ी, तो इसका विस्तार किया भी जाएगा। वहीं अगर पूर्व में कहीं कोई गलत सीमांकन हुआ है, तो उसमें सुधार भी किया जाएगा।