Gandhinagar
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्यमंत्री कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से राय मांगी थी कि आपका सबसे लोकप्रिय AAP नेता कौन है। इस सर्वे के आधार पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री कैंडिडेट के लिए गढ़वी को चुना। गढ़वी गुजराती पत्रकार हैं।
73% लोगों ने गढ़वी को लोकप्रिय नेता चुना
केजरीवाल ने वेबसाइट, ईमेल, मोबाइल एप्लिकेशन, संदेश और वॉट्सऐप के माध्यम से लोगों से सुझाव मांगे थे। 16 लाख 48 हजार 500 लोगों ने अपने लोकप्रिय नेता के बारे में जवाब दिया। 73% लोगों ने इशुदान गढ़वी को चुना। वहीं, 30% लोगों ने गोपाल इटालिया के फेवर में मतदान किया था। पंजाब में भी इसी तरह सर्वे के बाद आप के सीएम उम्मीदवार के रूप में भगवंत मान के नाम की घोषणा की गई थी।
108 कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान कर चुकी है AAP
आम आदमी पार्टी ने बीते मंगलवार को आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपने 22 उम्मीदवारों की अपनी आठवीं सूची जारी की है। इस लिस्ट के जारी होने के बाद घोषित उम्मीदवारों की संख्या 108 हो गई है। गुजरात में आम आदमी पार्टी एकमात्र पार्टी है, जो अब तक 100 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो फेज में एक और पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग ने गुरुवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है। 182 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर और 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे।
गुजरात चुनाव से जुड़ी 4 सबसे जरूरी बातें…
1. CM पद के दावेदार कौन-कौन?
अभी BJP की ओर से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। BJP के अलावा कांग्रेस और AAP भी मैदान में हैं। हालांकि दोनों पार्टियों ने अब तक CM कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल CM पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। AAP में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी CM के दावेदार हैं।
2. इस बार का चुनाव कितना अलग?
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिलकुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन AAP भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी BJP में शामिल हो गए हैं।
3. 4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबेंसी का भी असर
गुजरात में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें मोरबी पुल हादसा, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द सिमट गया है। भाजपा पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का भी असर है।
4. 2 साइलेंट चेहरे जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं
गुजरात चुनाव में इस बार 2 ऐसे साइलेंट चेहरे चर्चा में हैं, जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इनमें एक नाम पाटीदार आगेवान नरेश पटेल का है, तो दूसरा कोली समाज के सोमाभाई गांडाभाई। नरेश पटेल ने अब तक राजनीति में सीधी एंट्री नहीं ली है, लेकिन गुजरात के 85 लाख लेउवा पटेल समाज के वे सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।
पटेल कांग्रेस में शामिल होने की कई बार कोशिश कर चुके हैं पर पार्टी हाईकमान से बात नहीं बन पाई थी। वहीं सोमाभाई गांडाभाई भी इस बार गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। पाटीदार के बाद कोली समाज की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है।