जयपुर:- विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की ओर से किए जा रहे हंगामें के बीच पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मिड डे मील में हुए घोटाले का मुद्दा गूंजा. विधायक को ओर से लगाये गए सवाल पर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिया. इसके साथ घोटाले की जांच कर कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात की. इसके साथ प्रश्नकाल में साइबर ठगी में दर्ज प्रकरण, गांव में निर्मित सड़कों का राजस्व रिकॉर्ड में नामांतरण, विधानसभा क्षेत्र सिवानाके फसल बीमा राशि का भुगतान, विधानसभा क्षेत्र कपासन में चिकित्सालय भवन का निर्माण सहित कई मुद्दों पर सवाल जवाब हुए.
मीड – डे मील घोटाला : प्रश्नकाल के दौरान विधायक ललित मीणा ने मीड डे मील योजना के अंतर्गत दुग्ध पाउडर खरीद सहित अन्य मुद्दों पर सवाल किया तो जवाब में मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि मिड डे मील में बहुत सारे घपले हुए. इन्होंने 9 महीने का मिड डे मील दिया. फर्जी अंगूठे लगाए गए. बच्चों के अंगूठे क्यों लगाए, इससे साफ है कि इसमें करोड़ों का घोटाला है. विधायक ललित मीणा ने सवाल किया था कि शाहबाद तहसील में कोविड के दौरान दूध का परिवहन किया गया और फर्जी अंगूठे लगाए गए. दिलावर ने कहा कि कांग्रेस राज में मिड डे मील में करोड़ों का घोटाला हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए. ईडी जांच कर रही है, जरूरत पड़ी तो हम भी जांच करवा सकते हैं. जांच करवा कर जो दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. कानून हमें अनुमति देगा तो हम भी जांच करेंगे और उसमें सरकारी कर्मचारी शामिल है उसको मैं सस्पेंड करता हूं.
विधानसभा में विपक्ष का हंगामा : प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई विधानसभा में विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष विधि मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए सदन में लगातार शोर-शराबा करता रहा. प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई सदन की कार्यवाही में विघि मंत्री जोगाराम पटेल के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी की. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सदन की कार्यवाही शुरू करने से पहले विपक्ष से कहा कि जिस विधानसभा सदस्य को निलंबित किया गया है, उसे बाहर भेजे, लेकिन कांग्रेस के विधायक नारेबाजी कर रहे हैं. हंगामे और नारे बाजी के बीच प्रश्नकाल में सवाल जवाब होते रहे.
यूं बना गतिरोध: दरअसल सोमवार को विधि और संसदीय कार्य मंत्री के बेटे को एएजी बनाने को लेकर विधानसभा में हंगामा शुरू हुआ था. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की तरफ गलत इशारे करके दुर्व्यवहार करने के आरोप के साथ मुकेश भाकर को विधानसभा के बजट सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया था. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग के प्रस्ताव लाने के बाद भाकर को बाहर निकालने के निर्देश के बाद सदन में हंगामा की स्थिति बन गई. हंगामे के बीच मार्शल को कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को बाहर निकालने ने लिए कहा गया, लेकिन कांग्रेस महिला और अन्य विधायकों ने उन्हें घेर कर बीच में बैठा लिया. इसके बाद मार्शल के साथ विधानसभा के सुरक्षा प्रहरियों और कांग्रेस विधायकों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी. विधानसभा अध्यक्ष के इस आदेश पर कांग्रेस विधायक भी इस कदर नाराज हुए की उन्होंने विधानसभा के अंदर सदन में ही अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरू कर दिया था.