विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (26 फरवरी) को कहा कि G-20 की प्रमुख चिंता ग्लोबल इकोनॉमी को खतरे से उबारने के तरीके तलाशने की होगी। भारत की साल भर चलने वाली G-20 अध्यक्षता पर एक स्टेटमेंट देते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने उपभोक्ताओं को पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से यथासंभव राहत देने की कोशिश की है और इन्फ्लेशन (मुद्रास्फीति या महंगाई) को कम रखने के कई उपाय भी किए हैं।
हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरे से उबारने के तरीके खोजने होंगे
एस जयशंकर ने कहा, ‘आज दुनिया ने एक सबक सीखा है कि सुरक्षा का मतलब केवल भौतिक और आर्थिक सुरक्षा नहीं होता है। इसका अर्थ स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा भी है। इसलिए, आज हमें वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरे से उबारने का एक तरीका खोजना होगा।’
इस साल G-20 की 15 मंत्रिस्तरीय बैठकें होंगी
विदेश मंत्री ने कहा, ‘जिस तरह से हम एक सेक्टर को डीरिस्क करते हैं। हम एक बिजनेस को भी डीरिस्क करेंगे। यह एक बहुत बड़ी बहस है और मैं कहूंगा कि G-20 में हमें इस बात पर ध्यान देना होगा।’ उन्होंने आगे कहा कि सितंबर में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री स्तर के सम्मेलनों के अलावा इस साल G-20 की 15 मंत्रिस्तरीय बैठकें होंगी।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया में एक बहुत गहरा मनोवैज्ञानिक निशान छोड़ दिया है और विकसित देशों ने प्रकोप के दौरान खुद की ही देखभाल की है। जयशंकर ने कहा कि भारत को छोड़कर बहुत कम देशों ने बाकी दुनिया के बारे में सोचने का प्रयास किया है।