नगर निगम को मिलेगा आठ साल में सातवां महापौर:बाड़ाबंदी में पहुंचे बीजेपी के बड़े नेता, नाराज पार्षदों को मिल सकता है समिति अध्यक्ष का तोहफा

Front-Page Jaipur Politics Rajasthan

जयपुर : जयपुर ग्रेटर नगर निगम पर आठ साल के अंतराल में सातवां महापौर गुरुवार को चुन लिया जाएगा। चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद बाड़ेबंदी में है। बीजेपी ने अपने पार्षदों को विशेष तौर पर सहेजकर रखा है। इसका बड़ा कारण क्रॉस वोटिंग है। यही वजह है कि बीजेपी के तमाम बड़े नेता, पदाधिकारी और विधायक लगातार विधायकों से मिलकर और बात कर उन्हें खेमेबाजी या किसी भी किस्म की बगावत से बचाने में लगे हुए हैं।

पिछले दो दिन से लगातार होटल चौमूं पैलेस में विधायकों की बाड़ाबंदी के बीच बड़े नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। बाड़ाबंदी में मंगलवार को संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी सहित कई विधायक और नेता पहुंचे। पार्षदों की मॉक ड्रिल के अलावा उन्हें जरूरी निर्देश भी दिए गए। इसी तरह गुरुवार को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी बाड़ाबंदी में पहुंचेंगे।

नाराज पार्षदों को समिति अध्यक्ष का तोहफा

महापौर का टिकट तय होने के बाद कई पार्षदों के बीच नाराजगी की जानकारी सामने आई। ऐसे में बीजेपी ने नाराज पार्षदों को मनाने की कोशिश चल रही है। माना जा रहा है कि कुछ पार्षदों को महापौर चुनाव के बाद समिति अध्यक्ष बनाया जा सकता है। महापौर चुनाव के बाद समितियां रीशफल होने की संभावना है। ऐसे में कोशिश होगी कि कुछ नाराज पार्षदों को समिति अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जाए।

महापौर के दावेदारों की अब विधानसभा पर नजर

इधर महापौर के टिकट के लिए जो दावेदार थे उनकी नजर विधानसभा चुनाव पर है। माना जा रहा है कि शील धाभााई, सुखप्रीत बंसल सहित अन्य प्रत्याशियों ने विधानसभा टिकट पर नजर लगाई है। अंदरखाने कुछ नेताओं से उन्हें आश्वासन मिलने की जानकारी भी सामने आई है। बता दें शील धाभाई पहले भी कोटपूतली से चुनाव लड़ चुकी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि महापौर का टिकट नहीं पाने वाले प्रत्याशियों की नाराजगी पार्टी इस तरह भी दूर कर सकती है।

8 साल में सातवां महापौर बनेगा

जयपुर नगर निगम सबसे विवादित नगर निगम में से एक है। 2014 से अबतक यहां 8 साल में 6 महापौर बन चुके हैं। वहीं अगला महापौर 10 नवम्बर को बनेगा। इससे पहले 2014 में निर्मल नाहटा जयपुर के महापौर बने थे। दो साल बाद उन्हें हटाकर अशोक लाहौटी को महापौर बनाया गया। इसके बाद 2018 में सांगानेर विधायक बनने के बाद लाहौटी ने इस्तीफा दिया। इसके बाद उपमहापौर मनोज भारद्वाज को यह प्रभार संभलाया गया। इसके कुछ समय बाद दोबारा से महापौर का चुनाव हुए।

2018 में इस चुनाव में विष्णु लाटा नए महापौर बन गए। इसके बाद हुए नगर निगम के फ्रेश चुनावों दो नगर निगम बनने के बाद सौम्या गुर्जर महापौर बन गई। मगर विवादों के फंसने और निलंबन के चलते शील धाभाई को उनके बाद महापौर बनाया गया। शील धाभाई इस दौरान छठी महापौर बनी। अब 10 नवम्बर के चुनाव के बाद नगर निगम को सातवां महापौर मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *