Jaipur : शासन सचिवालय के PWD सचिव के दफ्तर में बड़ी कार्रवाई हुई है। स्पेशल टीम ने एक प्रकरण में सचिव से पूछताछ की है। बताया जा रहा है कि अजमेर में सड़क बनाने के ठेके से जुड़ा मामला। मामले के मुताबिक मालिक अशोक गोयल की कंपनी के नाम टेंडर जारी हुआ था। लेकिन जब सड़क नहीं बना पाई कंपनी। तब सरकार ने अमानत राशि जब्त कर ली। इसे लेकर कंपनी ने ली कमार्शियल कोर्ट की शरण ली। कोर्ट की टीम नाजिम सहित दफ्तर पहुंची। पूरा मामला 20.51 लाख की गड़बड़ी का बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि अदालत से कुर्की के आदेश के बाद स्पेशल टीम सचिवालय पहुंची है। सचिवालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग का दफ्तर है। एक प्रकरण में पूछताछ की गई। 20 लाख से अधिक का मामला बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डिक्री पारित नहीं होने का बाद भी पालना नहीं की गई। चर्चा है कि रोडवेज मुख्यालय के बाद अब पीडब्ल्यूडी विभाग में भी कुर्की की कार्रवाई हो सकती है।
एक महीने में 20.91 लाख की राशि लौटाने की दी अंडरटेकिंग
2008 के एक प्रकरण में कमर्शियल कोर्ट के अधिकारियों द्वारा की गई पूछताछ की प्रक्रिया पूरी हो गई है। दरअसल, ये पूरा मामला अजमेर में सड़क बनाने के ठेके से जुड़ा प्रकरण है। बताया जा रहा है कि मैसर्स मुकेश जी गोयल कंपनी के नाम ठेका था। लेकिन सीवर लाइन डलने से सड़क नहीं बनी।
इसके बाद PWD ने सेवा दोष मानते हुए 20.91 लाख की अमानत राशि की जब्त कर ली। इसके बाद ठेकेदार के कमर्शियल कोर्ट में याचिका लगाने का बाद 20.91 लाख की राशि लौटाने का फैसला हुआ। अब PWD सचिव की ओर से 1 माह की अंडरटेकिंग दी गई है। 1 माह में 20.91 लाख की राशि लौटाने की दी अंडरटेकिंग दी है।