जोधपुर :- जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी से विदेश में बैठे ठगों ने 16 करोड़ 26 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगों ने व्यवसायी को इन्वेस्टमेंट पर 20 से 40 प्रतिशत रिटर्न देने का झांसा दिया। मामला शहर के महामंदिर थाना इलाके का है।
SHO हरीश सोलंकी ने बताया कि पावटा क्षेत्र निवासी अरविंद कालानी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर हैं। उनके बनाए प्रोडक्ट्स का अमेरिका सहित कई देशों में निर्यात होता है।
31 अक्टूबर को अरविंद के पास वॉट्सऐप पर मैसेज आया। मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम इस्ला डोमिनिक बताया। डोमिनिक नाम के व्यक्ति ने खुद की कंपनी का नाम मेटा ऑप्शन बताया। इसकी वेबसाइट का पता भी भेजा।
इसके बाद उसने अरविंद के वॉट्सऐप पर ही माइक बी फोरे, इंड्रयू रिच, राफेल सोरोस और निक फॅल्कर से एडवाइजर के रूप में संपर्क करवाया। सभी विदेशी नाम होने से अरविंद उसके झांसे में आ गए।
मेंबरशिप के नाम पर धोखा
ठग ने अरविंद को यह कहकर झांसे में लिया कि कंपनी में इन्वेस्टमेंट करेंगे तो 20 से 40 प्रतिशत रिटर्न मिलेगा। इस रिटर्न की गारंटी भी ली गई। साथ ही कंपनी की ब्रॉन्ज, सिल्वर, प्लेटिनम और गोल्ड मेंबरशिप की जानकारी देते हुए कहा कि सभी मेंबरशिप की अलग-अलग फीस है।
21 दिन में किए पैसे ट्रांसफर
ठग के झांसे में आकर अरविंद ने 1 नवंबर को सिल्वर मेंबरशिप ली और सवा दो लाख रुपए उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। अरविंद ने यह पेमेंट ऑनलाइन किया।
इस पेमेंट पर उनको अच्छा रिटर्न मिला तो 1 लाख 4 हजार रुपए एचडीएफसी बैंक से ट्रांसफर कर दिए। फिर धीरे-धीरे 21 नवंबर तक 5,10,15, 20, 35 लाख ट्रांसफर करवा लिए। जब तक अरविंद शातिर ठगों के इरादे समझ पाता तब तक सवा सोलह करोड़ की ठगी हो चुकी थी।
एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर दिए
अरविंद इस्ला की बातों में आकर 1 से 21 नवंबर तक सवा सोलह करोड़ खो चुके थे। शुरुआत में 1लाख 4 हजार ट्रांसफर करवाए और 35 लाख तक पहुंच गए। ठग इतने शातिर थे कि ठगी की भनक बिजनेसमैन को नहीं लगने दी।
उन्होंने विश्वास दिलाने के लिए एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर तक दिए। ठग इतने शातिर थे कि 21 दिनों में उन्होंने 101 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाए और देश के अलग-अलग बैंक में पैसे ट्रांसफर करवाए।
बिजनेसमैन के पैसे से ही प्रोफिट बताते रहे
शातिर ठग शुरुआत में अरविंद के पैसे से ही उसे रिटर्न कर प्रोफिट बताते रहे। सिल्वर मेंबरशिप के बाद अरविंद को मेंबरशिप लेवल बढ़ाने की बात वॉट्सऐप चैट पर हुई तो अरविंद ने उससे इनकार करते हुए करीब साढे़ छह लाख डॉलर वापस लौटाने की बात कही। तब आरोपियों ने उसका वॉट्सऐप ब्लॉक कर दिया। इसके बाद अरविंद को खुद के साथ हुई ठगी का एहसास हुआ।
लोकल बदमाशों से जुड़े हो सकते हैं तार
पुलिस का कहना है कि सभी भारतीय बैंक होने से यह देश में ही बैठे किसी विदेशी क्रिमिनल की कारस्तानी हो सकती है। यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि देश में बैठ कर ही ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के तार भी स्थानीय बदमाशों से जुडे़ हो सकते हैं।
रिटर्न नहीं मिला तब हुआ ठगी का एहसास
बिजनेसमैन के खाते से जब करीब सवा सोलह करोड़ रुपए निकल गए और वापस रिटर्न नहीं हुए, तब उन्हें अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ। बुधवार को महामंदिर थाने में ठगी का केस दर्ज करवाया गया है। पीड़ित बिजनेसमैन से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में अभी बात करने की स्थिति में नहीं हूं।