केंद्रीय मंत्री शेखावत को 25 साल पुराने केस में कोर्ट से मिली बड़ी राहत

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जोधपुर:  केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत को अदालत ने एक मामले में बड़ी राहत दी है। अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश महानगर मीनाक्षी नाथ की कोर्ट से उन्हें यह बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाने के आरोपों से शेखावत को बरी कर दिया है। राजस्थान हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और शेखावत के अधिवक्ता नाथू सिंह ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जल शक्ति मंत्री शेखावत कोर्ट में पेश हुए थे । यहां कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए उन्हें बरी कर दिया है।

दरअसल शेखावत के खिलाफ पुलिस की ओर से पेश आईपीसी की धारा 182 की लंबित कार्रवाई के मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। इस के संबंध में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने मामले में आदेश के लिए शुक्रवार का दिन मुकर्रर कर रखा था। शेखावत को कोर्ट की ओर से बरी किए जाने के बाद शेखावत काफी खुश नजर आए।

दरअसल केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे चुके हैं। उस दौरान ही शेखावत ने किसी मामले को लेकर उन्होंने एक एफआईआर दर्ज करवाई थी, जो बाद में जांच में गलत पाई गई थी। पुलिस ने इसी मामले में झूठी एफआईआर दर्ज करवाने का दोषी मानते हुए शेखावत के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर IPC की धारा 182 के तहत कार्यवाही शुरू कर दी। जिसमें शेखावत को साल 2018 में जमानत दे दी थी।

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