नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देश का अगला चीफ जस्टिस (CJI) नियुक्त किया है। वे 9 नवंबर को देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ लेंगे। उनका कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा। वे जस्टिस यूयू ललित का स्थान लेंगे, जो 8 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का पूरा नाम जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। उनके पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ भी CJI रह चुके हैं। वाईवी चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक (1978 से 1985) CJI रहने का रिकॉर्ड है।
समलैंगिकता-अयोध्या मामलों की सुनवाई में शामिल रहे
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी (LLB) की। 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था। वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। मई 2016 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज हैं। वे सबरीमाला, समलैंगिकता, आधार और अयोध्या से जुड़े मामलों की सुनवाई में शामिल रहे हैं।
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ का कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक यानी करीब 7 साल रहा। उनके रिटायरमेंट के 37 साल बाद उनके बेटे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ उसी पद पर नियुक्त होंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं। वे बेबाक फैसलों के लिए चर्चित हैं।
कानून मंत्री किरन रिजिजू ने 7 अक्टूबर को CJI यूयू ललित को चिट्ठी लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने की अपील की थी। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है।