पति-पत्नी के अटूट प्रेम का त्यौहार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023 बुधवार को मनाया जाएगा मार्गशीर्ष नक्षत्र रहेगा अमृत योग रहेगा संकष्टी चतुर्थी पर बुधवार को मृगशीर्ष नक्षत्र होने से सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होगा दोपहर 2: 06 बजे बाद में शिवयोग भी आ जाएगा यह बहुत ही अद्भुत संयोग रहेगा चंद्रोदय रात्रि 8:28 पर होगा
करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है करवा चौथ दो शब्दों से मिलकर के बना है पहले करवा यानी मिट्टी का बर्तन और चौथ यानी चतुर्थी तिथि इसीलिए करवा चौथ पर मिट्टी के करवे का बड़ा महत्व बताया गया है सभी सुहागिन महिलाएं साल भर से इस व्रत का इंतजार करती है
शास्त्रों में मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं करवा चौथ का व्रत में मां पार्वती की पूजा की जाती है और उनसे अखंड सौभाग्य की कामना की जाती है इस व्रत में माता गौरी के साथ-साथ भगवान शिव और गणेश कार्तिकेय और भगवान जी की भी पूजा की जाती है इस व्रत में मिट्टी के करवे का बहुत महत्व है इसे किसी ब्राह्मण या फिर किसी सुहागिन महिला को दान में दिया जाता है
करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर के स्नान आदि करें इसके बाद में व्रत को पूरे विधि विधान के साथ करने का संकल्प लें स्नान आदि के बाद इस दिन सबसे पहले शिव परिवार की पूजा करें निर्जला व्रत रखें साथ ही ध्यान रखें की सुहागिन महिलाएं इस दिन 16 श्रृंगार जरूर करें इसके बाद घर के उत्तर पूर्व दिशा में करवा माता की मूर्ति स्थापित करें या फिर बाजारसे लाया हुआ कैलेंडर दीवार पर लगा दे माता गौरी को लाल चुनरी और सुहाग का सामान भी अर्पित करें साथ ही मां गौरी के सामने एक मिट्टी के कलश में पानी भरकर रख दे इसके बाद पूरे विधि विधान के साथ शिव परिवार की विधिपूर्वक पूजा करें इसके बाद अपनी सास को श्रृंगार का सामान कपड़े और कुछ दक्षिणा रखकर सामान भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें रात में चंद्रमा को देख देख कर ही सबसे पहला अर्घ्य दे और फिर चलनी से पहले चंद्रमा को देखें और फिर अपने पति को देखकर व्रत खोलें