धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ के त्योहार पर सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करते हुए दिनभर निर्जला व्रत रखते हुए भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा करती हैं। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखती हैं। इस दिन करवा माता की पूजा करते हुए शाम को चांद के निकलने पर दर्शन करते हुए अर्घ्य देती हैं और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। वैसे तो करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और जीवन में तरक्की के लिए करती हैं,लेकिन कुंवारी लड़कियां भी भविष्य में मनपसंद जीपनसाथी की मनोकामना के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत कठिन व्रत में से एक माना जाता है इससें सुबह व्रत का संकल्प लेते हुए निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को चंद्रदेव के दर्शन करने के बाद ही व्रत तोड़ा जाता है। शास्त्रों में करवा चौथ के दिन व्रत के दौरान कुछ नियम बताएं गए जिसका पालन अवश्य करना चाहिए।
करवा चौथ के दिन क्या न करें
- इस दिन सुबह देर तक न सोएं। सरगी के मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। करवा चौथ के दिन जल्दी उठे और स्नान करके पूजा का संकल्प लें।
- करवा चौथ पर जो भी श्रृंगार की सामग्री बच जाए उसे कभी भी इधर-उधर न फेंके बल्कि बची हुई सामग्री को पास में स्थिति किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।
- करवा चौथ पर धारदार वस्तु का इस्तेमाल न करें।
- करवा चौथ के दिन किसी से कोई भी मनमुटाव न रखें और अपशब्दों का प्रयोग न करें।
- झूठ बोलने से बचें।
- व्रत पारण करने के बाद तामसिक भोजन न करें।
- करवा चौथ के दिन भूलकर भी काला या सफेद रंग के कपड़े न पहनें।
करवा चौथ के दिन क्या करें
- करवा चौथ पर 16 श्रृंगार अवश्य करें और हाथों में मेहंदी जरूर लगाएं। मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर 16 श्रृंगार करते हुए चौथ माता की पूजा आराधना करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद अवश्य ही मिलता है।
- करवा चौथ के दिन लाल रंग के कपड़े अवश्य पहनें।
- करवा चौथ पर चौथ माता पूजा, कथा, आरती ,चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पानी पीकर व्रत का पारण करें।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
- शाम 05 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय
- 13 अक्टूबर,2022 की शाम 08 बजकर 10 मिनट पर चांद के दर्शन होंगे (इस समय के आसपास देश के लगभग हर एक शहरों में चांद निकल आएगा)