दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (10 मई) को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें 2 जून को हर हाल में सरेंडर करने को कहा गया है।
केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन (1अप्रैल) से तिहाड़ जेल में बंद हैं। अदालत ने दोपहर 2 बजे एक लाइन में फैसला सुनाया। आज शाम तक वे जेल से बाहर आ सकते हैं।
हालांकि, उनके वकील ने 4 जून तक की रिहाई का अनुरोध किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया एक जून को खत्म हो जाएगी। कोर्ट का पूरा ऑर्डर अभी तक नहीं आया है।
अंतरिम जमानत का आधार, कोर्ट ने कहा- 22 दिन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, ‘अगस्त 2022 में ED ने केस दर्ज किया। उन्हें मार्च (2024) में गिरफ्तार किया गया। डेढ़ साल तक वे कहां थे? गिरफ्तारी बाद में या पहले हो सकती थी। 22 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।’
ED की अंतरिम जमानत के विरोध में 2 दलीलें
- ED का कहना था कि चुनाव प्रचार जमानत का आधार नहीं हो सकता, क्योंकि ये कोई मौलिक या कानूनी अधिकार नहीं हो सकता।
- ED ने ये भी कहा था कि जमानत देने से गलत मिसाल कायम होगी।
सुप्रीम कोर्ट में अब आगे क्या
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस अगले सप्ताह जारी रहेगी। 20 मई से शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी।’ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, ‘ केजरीवाल की अंतरिम जमानत की शर्तें AAP नेता संजय सिंह की जमानत पर लगाई गई शर्तों के समान होंगी।’
संजय सिंह को एक अप्रैल को इसी मामले में जमानत दी गई थी।संजय सिंह की जमानत में ये तीन शर्तें रखी गई थीं-कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत के लिए तीन शर्तें रखीं।
- वे जेल से बाहर जाकर आबकारी नीति केस से जुड़ी कोई बयानबाजी नहीं करेंगे।
- अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे।
- दिल्ली से बाहर जाने पर जांच एजेंसी को बताएंगे और अपनी लाइव लोकेशन शेयर करेंगे।