खडगे ने 29 मई को दिल्ली में सीएम गहलोत और पायलट को किया तलब,दोनों के गिला-शिकवा दूर करने की कवायद तेज

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद अब सड़कों पर नहीं आए। इससे पहले ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने सोमवार 29 मई को दिल्ली में दोनों नेताओं से अलग-अलग बैठकर करने का फैसला किया है। सहमति बनने के बाद सोनिया गांधी के समक्ष दोनों नेताओं को पेशकर एकता के सूत्र में रहकर विधानसभा और लोकसभा का चुनाव में जीत का संकल्प कराए जाने की रणनीति तैयार की जा रही है। 

गांधी परिवार ने इस बात के स्पष्ट निर्देश दे दिए है कि सचिन पायलट को नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उसको स्वीकार कर सीएम गहलोत को विधानसभा और लोकसभा चुनाव  एक साथ लड़ने की नीति पर काम करना पड़ेगा। सीएम गहलोत ने प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा के माध्यम से कुछ आपत्तियां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे तक पहुंचाई है। जिससे कि वे अपने गुट के विधायकों को यह विश्वास दिला सके कि सरकार के साथ देने वाले विधायकों के साथ न्याय होगा। 

सीएम गहलोत और सचिन पायलट के साथ ही उनके समर्थित नेता और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए जाएंगे कि भविष्य में  दोनों एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी पूर्णतया बंद करें। कर्नाटक में कांग्रेस जीत  के सूत्र राजस्थान में भी काम में लिया जाएगा। यह बात स्पष्ट नजर आ रही है कि दोनों नेताओं में आपसी  गतिरोध दूर  किया जाए और  सार्वजनिक तौर पर यह घोषणा  की जाए कि  केंद्रीय नेतृत्व जो भी दिशा-निर्देश  देगा उसकी  दोनों नेता बिना किसी विवाद के उसकी पालना करेंगे।

केंद्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देश के अनुसार ही संगठन में बदलाव शुरू हो गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 85 नए सचिव बनाने की सूची जारी कर दी है। अब यह भी माना जा रहा है कि शीघ्र सीएम गहलोत और पायलट की सहमति के बाद में जिला अध्यक्षों की घोषणा भी कर दी जाएगी। संगठन व्यापक और मजबूत बने इसका ध्यान रखा जा रहा है। 

कांग्रेस का संगठन पहले की तरह विशाल होगा जिसमें ढाई सौ से अधिक पदाधिकारी बनाए जाने की बात सामने आ रही है। जिससे कि दोनों गुटों  के नेताओं को पर्याप्त स्थान मिल सके। अब मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा भी जोरों पर शुरू हो गई है। अगर सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाती है तो निश्चित तौर पर मौजूदा मनोनीत प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा  एससी और ब्राह्मण को भी उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इस प्रक्रिया से कांग्रेस सभी जातियों को यह संदेश देने में कामयाब हो जाएगी कि भविष्य में  कांग्रेस उन्हें सत्ता और संगठन में बराबर की भागीदारी  देगी।

सचिन पायलट दिल्ली में मौजूद है और उनकी मुलाकात किस-किस से हुई है अभी स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आ पाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी 27 मई को दिल्ली जाना था लेकिन उनकी तबीयत कुछ नासाज होने के कारण वे नहीं गए। लेकिन 28 मई को मोलासर में  विधायक चेतन डूडी के द्वारा विशाल किसान सम्मेलन का आयोजन किया हुआ है। इस किसान सम्मेलन में सीएम गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा शामिल होंगे। प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा दिल्ली में है और अशोक गहलोत की भरपूर पैरवी करने में लगे हुए हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को अजमेर आ रहे हैं।वे अपनी सरकार के 9 साल पूरा होने के मौके पर अजमेर में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। एक जनसभा में 8 लोकसभा क्षेत्र जिसमें अजमेर, नागौर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, टोंक-सवाई माधोपुर,जयपुर शहर और ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र  और 45 विधानसभा क्षेत्र के नेता और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर जनसभा को ऐतिहासिक और विशाल बनाने की जिम्मेदारी दी है। भाजपा ने  सभी सांसदों विधायकों और प्रभारी अरुण सिंह के साथ विभिन्न नेताओं को पिछले 1 सप्ताह से सक्रिय कर रखा है। यह नेता क्षेत्रीय नेताओं के माध्यम से आम लोगों तक पीएम की  जनसभा में आने का निमंत्रण देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यकर्ता और किसानों की  बैठक कर पीले चावल बांट रहे हैं।  

यही कारण है कि कांग्रेस अपने दोनों नेताओं के विवाद इससे पहले सुलझाना चाहती है। जिससे कि पीएम मोदी और भाजपा नेताओं को किसी प्रकार का कोई छींटाकशी करने का मौका नहीं मिले। आपसी सुलह की कवायद तेज कर दी गई है। 

चलो  कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व मजबूत हुआ है। इसी का परिणाम है कि  अब राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश तीनों राज्यों में जीत के लिए तैयारी करने में जुट गया है। सबसे पहले राजस्थान के विवाद को समाप्त करने के लिए कवायद तेजी से शुरू की गई है। केंद्रीय नेतृत्व ने विवाद को सुलझाने के लिए फॉर्मूला तैयार कर दोनों नेताओं को बता दिया है। सचिन पायलट ने तो सहमति दे दी है।  लेकिन सीएम गहलोत कुछ बदलाव कराने के पक्षधर हैं।  जबकि केंद्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि जो भी फार्मूला तय हुआ है उसे दोनों पक्षों को मानना ही पड़ेगा। 

अब यह स्पष्ट हो गया है कि 30 मई से पहले सीएम गहलोत और पायलट के बीच जो विवाद है उसे खत्म कर लिया जाएगा । यही कारण है कि 29 मई को दिल्ली में दोनों नेताओं को तलब किया है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनके साथ और किन-किन नेताओं को दिल्ली बुलाया है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका विदेश जाने से पहले इस मामले को सुलझाना चाहते हैं। सोनिया गांधी को रूटीन चेकअप के लिए विदेश जाना है और उनके साथ राहुल गांधी भी जाने वाले हैं। यही कारण है कि विवाद  उससे पहले खत्म करने की रणनीति पर तेज गति से काम हो रहा है। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा 29 मई को दिल्ली में दोनों नेताओं के साथ होने वाली वार्ता के परिणाम क्या सामने आएंगे !