भजनलाल कैबिनेट से इस्तीफा दे चुके डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भले ही विभागों का कामकाज नहीं देख रहे हों, लेकिन मंत्री की हैसियत से दूसरे मंत्रियों को लगातार नोटशीट भेज रहे हैं। इस्तीफा देने के बाद वे अलग-अलग विभागों के मंत्रियों को अब तक 100 से ज्यादा नोटशीट लिख चुके हैं। इनमें से ज्यादातर कर्मचारियों के तबादलों से जुड़ी हैं।
सबसे ज्यादा नोटशीट पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर को भेजी गई है। सोमवार को ही उन्होंने विभाग के एक कर्मचारी का तबादला करने की सिफारिश दिलावर से की। विभागों के बंटवारे के समय ग्रामीण विकास विभाग किरोड़ीलाल को और पंचायतीराज विभाग दिलावर को दिया गया।
आमतौर पर ये दोनों विभाग एक मंत्री को दिए जाते रहे हैं, क्योंकि ग्रामीण विकास के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों का तबादला करने का अधिकार पंचायतीराज के पास है। इसलिए किरोड़ी को नोटशीट दिलावर को भेजनी पड़ रही है।
नियम से मंत्री नहीं लिख सकता डिजायर
नियमानुसार कोई भी मंत्री किसी कर्मचारी के तबादले की सिफारिश करने के लिए दूसरे मंत्री को डिजायर नहीं भेज सकते। इसके लिए नोटशीट ही लिखनी होती है। विधायक इसके लिए डिजायर लिख सकते हैं। किरोड़ी ने शिक्षा व अन्य विभागों में तबादलों की सिफारिश से जुड़ी नोटशीट भी मंत्रियों को भेजी है।
दोनों के बीच रहा है टकराव
मदन दिलावर और डॉ किरोड़ीलाल मीणा के बीच कैबिनेट गठन के बाद से खींचतान का दावा किया जाता रहा है। किरोड़ीलाल मीणा के पास कृषि, उद्यानिकी, ग्रामीण विकास, आपदा राहत विभाग है। मदन दिलावर के पास स्कूल शिक्षा, पंचायती राज विभाग है।
ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग अब तक एक ही मंत्री के पास रहते आए हैं। इस सरकार में इस विभाग को दो मंत्रियों में बांट दिया था। करीब दो महीने पहले भी दोनों के बीच पंचायती राज विभाग में इंजीनियर के ट्रांसफर को लेकर विवाद हुआ था। हालांकि, बाद में ये मामला सुलझा लिया गया था।