सिरोही:-कृषि और ग्रामीण विकास विकास मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस्तीफा नहीं देने और काम करते रहने के संकेत दिए हैं। किरोड़ी ने कहा- मैं राजस्थान का मंत्री हूं, प्रदेश को कैसे आगे ले जाया जा सकता है। इस स्थान से प्रेरणा प्राप्त करके मैं राजस्थान को आगे ले जाने की कोशिश करूंगा। किरोड़ीलाल मीणा सिरोही जिले में स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम के किसान सम्मेलन में बोल रहे थे। हालांकि मीडिया के इस्तीफे की पेशकश के सवाल पर किरोड़ी ने कहा- करते रहते हैं इस्तीफे तो, जो कह दिया वो करना पड़ेगा।
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- मैं तो यह मानकर ही चलता हूं कि राजनीति अब सेवा का माध्यम नहीं रहा, यह उद्योग बन गया है। मेरे पास बहुत लोग आते हैं। हमारे कृषि विभाग में इतनी योजनाएं हैं, जिनमें सब्सिडी है। बीज निगम भी मेरे पास है, लेकिन हर मामले में घोटाला है। मैं जिस फाइल को निकालता हूं, वहीं घोटाला दिखता है। तीन अफसर तो ऐसे थे, जिन्होंने 20 साल से बीज निगम में जगह नहीं छोड़ी। तीन राज बदल गए। मैंने उनको हटा दिया तो भूचाल आ गया।
गांव और किसान के विकास के लिए पैसे की कमी नहीं है, लीकेज रोकना होगा
डॉ. किरोड़ी ने कहा- मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं। अगर मैं मजबूत हूं। ईमानदारी से किसानों की सेवा करना चाहता हूं। गांव का विकास करना चाहता हूं। पैसे की कोई कमी नहीं है। जो भ्रष्टाचार के नाम पर लीकेज हो रहा है, अगर जनप्रतिनिधि और सरकार इसको रोकने में सफल रही, मेरे गांव का विकास और मेरे किसान का विकास कोई नहीं रोक सकता। गांव और किसान का विकास होगा, आगे बढ़ेगा। इसमें किसी प्रकार का कोई शक नहीं होना चाहिए।
विधायकों, मंत्रियों को संस्कार मिले, इसलिए विधानसभा में रखवाएं प्रवचन
डॉ. किरोड़ी ने कहा- हम राजनीतिक जीवन में हैं। सामाजिक जीवन में जैसी चीज आती है, हमारे भी संस्कारों में फर्क पड़ता है। यहां आश्रम में दैनिक कार्यक्रम चलते हैं। ऐसे कार्यक्रम का प्रेजेंटेशन या तो यहां हो, नहीं तो जयपुर में विधानसभा में प्रवचन करवाएं। मैं स्पीकर साहब से बात करके यह चाहूंगा कि राजस्थान की विधानसभा में सेशन हो। सारे विधायकों और मंत्रियों और मुख्यमंत्री के साथ प्रवचन होना चाहिए। हमको भी संस्कार मिलेगा, हमको भी मार्गदर्शन मिलेगा।
उन्होंने कहा- हम जो योगदान गांव के विकास में देना चाहते हैं या देने जा रहे हैं, देश के लिए अपना सब कुछ अर्पण करना चाहते हैं। वह ईमानदारी से करें। क्योंकि मैं राजस्थान का मंत्री हूं, ग्रामीण विकास को कैसे आगे लेकर जाना है। इस स्थान से प्रेरणा प्राप्त करके राजस्थान को आगे ले जाने की कोशिश करूंगा।
जो कह दिया वो करना पड़ेगा
किरोड़ी मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा- लोकसभा चुनाव में पार्टी राजस्थान से 14 सीट जीत गई। 240 सीटें हो गई और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बन गए। अब देश को फिर आर्थिक शक्ति में बढ़ाएंगे, सामरिक शक्ति में भी बढ़ावा करेंगे और देश को आगे ले जाएंगे। विपक्ष के सरकार नहीं चलने के बयान के सवाल पर उन्होंने कहा कि खूब चल रही है और दौड़ेगी। सरकार दिल्ली में भी दौड़ेगी और राजस्थान में दौड़ ही रही है। प्रदेश कार्यालय में लोकसभा चुनाव में हार को लेकर चल रहे मंथन के सवाल पर किरोड़ी ने कहा कि चलना चाहिए, हार-जीत के कारणों का पता चलना चाहिए। जानकारी तो मिले। इस्तीफे की पेशकश के सवाल पर किरोड़ी ने कहा- करते रहते हैं इस्तीफे तो, जो कह दिया वो करना पड़ेगा।
डॉ. किरोड़ी ने इस्तीफे की रणनीति बदली, मंत्री पद पर काम करते रहने के संकेत दिए
इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि किरोड़ीलाल मीणा ने लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद इस्तीफा देने की रणनीति टाल दी है। दरअसल, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद सचिवालय और कृषि भवन जाना छोड़ दिया था, उन्होंने सरकारी गाड़ी भी नहीं मंगवाई थी। इसको उनके इस्तीफे की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा था।
किरोड़ीलाल मीणा ने लोकसभा चुनावों के दौरान घोषणा की थी कि अगर भाजपा दौसा सीट नहीं जीती तो वे मंत्री पद छोड़ेंगे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि पीएम ने उन्हें 7 सीटों की जिम्मेदारी दी है, अगर इन सीटों पर बीजेपी नहीं जीती तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे। जब नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आए तो रिजल्ट वाले दिन ही किरोड़ीलाल मीणा ने सोशल मीडिया पर लिखा था- रघुकुल रीत सदा चली आई। इस ट्वीट से उन्होंने इस्तीफे के संकेत दिए थे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के दखल के बाद बदली रणनीति
डॉ. किरोड़ी की नाराजगी के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क कर समझाया था। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने इसे लेकर संकेत दिए थे। 15 जून को किरोड़ी बीजेपी की समीक्षा बैठक में नहीं गए थे, तब उनके इस्तीफे के संकेत और मजबूत माना जा रहा था, लेकिन अब उनकी रणनीति बदल गई।
किरोड़ी ने अब मंत्री पद पर बने रहने के संकेत दिए हैं। इसमें हाईकमान की समझाइश और आने वाले उप चुनावों का एंगल दिख रहा है। डॉ. किरोड़ी के भाई जगमोहन मीणा दौसा सीट से बीजेपी की टिकट के दावेदार हैं। ऐसे में उनके भाई को टिकट देने का आश्वासन भी रणनीति बदलने की एक प्रमुख वजह हो सकती है।